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अगर आप आरटी-पीसीआर टेस्ट कराते-कराते थक गए तो जरूर पढ़ें ये खबर

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Published : Aug 6, 2021, 4:54 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 5:32 PM IST

जब हवाई सफर के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट मांगी जाती है तो ख्याल आता है कि क्या सेल्फ टेस्ट रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा. आखिर सेल्फ टेस्ट किट बनाने का क्या मकसद है ? पढ़ें इस रिपोर्ट में..

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हैदराबाद : सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म होने का ऐलान नहीं किया है और तीसरी लहर की आहट आने लगी है. ऐसे हालात में कोरोना (COVID-19) की जांच भी बड़ा विषय है. खासकर सफर करने वालों के लिए. अधिकतर राज्य महाराष्ट्र, पंजाब, केरल और नई दिल्ली से आने वाले पैसेंजर्स से आरटीपीसीर (RTPCR Test) रिपोर्ट मांग रहे हैं. महाराष्ट्र और केरल की सरकारें वहां आने वालों से कोविड टेस्ट रिपोर्ट की मांग रही है. यह रिपोर्ट 72 घंटे से पुरानी नहीं होनी चाहिए. हालांकि छत्तीसगढ़, राजस्थान के अलावा कई राज्यों में यह नियम उन लोगों पर लागू नहीं है, जो वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं.

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पश्चिम बंगाल सहित कई राज्य आज भी बाहर से आने वालों के लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट की डिमांड कर रहे हैं

राज्यों की गाइड लाइन जानने के लिए आप एयरलाइन की वेबसाइट पर जा सकते हैं. इसके अलावा https://www.newdelhiairport.in पर भी क्लिक कर गाइडलाइंस की जानकारी ले सकते हैं. जब आप फ्लाइट के लिए ऑनलाइन बुकिंग करते हैं, तब भी एयरलाइन कंपनी राज्यों से संबंधित नियम-कायदों का लिंक भेजती है. आप उसे देख सकते हैं. https://www.civilaviation.gov.in और आईआरसीटीसी (IRCTC) की वेबसाइट पर भी यह लिस्ट मौजूद है.

तकरीबन देश के प्रमुख एयरपोर्ट पर कोरोना जांच का सर्टिफिकेट नहीं लाने वालों के लिए एयरपोर्ट पर ही सैंपल लेने की व्यवस्था की गई है. मगर दिक्कत उन्हें होती है, जो बिना आरटीपीसीआर टेस्ट (RTPCR Test) के बगैर एयरपोर्ट पर डिपार्चर लोकेशन पर पहुंच जाते हैं और बोर्डिंग से पहले उनसे टेस्ट रिपोर्ट मांगी जाती है. कई एयरपोर्ट पर तत्काल (6-8 घंटे में) आरटीपीसीआर रिपोर्ट के लिए हेवी चार्ज करीब 4 से 5 हजार रुपये वसूले जाते हैं. बता दें कि अभी भी प्राइवेट लैब में कोविड आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट 24 से 48 घंटों में आती है और इसके लिए 300 से 1500 रुपये देने होते हैं.

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कोविड की जांच के लिए ICMR ने मई में पहली सेल्फ टेस्टिंग किट को मंजूरी दी थी

एंटीजन कैटिगरी में आती है सेल्फ टेस्ट किट

सवाल है कि क्या ऐसे बुरे वक्त में सेल्फ टेस्टिंग किट मददगार साबित हो सकता है. भारत में आईसीएमआर से मंजूर कोविसेल्फ टेस्टिंग किट से 15 मिनट में टेस्ट रिपोर्ट मिल जाती है. अभी तक इस बारे में सरकार या किसी अथॉरिटी के तरफ से स्पष्ट गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. सेल्फ टेस्टिंग किट रैपिड एंटीजेन टेस्ट (आरएटी) कैटिगरी में आती है, इसलिए आरटीपीसीआर की डिमांड करने वाले इसे मंजूर नहीं कर सकते हैं, यानी यह इमरजेंसी में आपकी सेहत के बारे में तो बता देगा मगर आपकी कागजी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता है.

यह बिल्कुल प्रेग्नेंसी टेस्ट की तरह है, जिसमें आप तो रिजल्ट के बारे में कन्फर्म हो जाते हैं मगर आपको कोई डॉक्युमेंटेड रिपोर्ट नहीं मिलती है. जब आप कोविड जांच के बाद माई लैब पर टेस्ट का फोटो अपलोड करते हैं तो आपका डेटा आईसीएम की कोविड-19 टेस्टिंग पोर्टल में सेव हो जाता है. मगर पॉजिटिव या निगेटिव का रिपोर्ट नहीं भेजता है.

एक्सपर्ट का मानना है कि सेल्फ टेस्टिंग किट के इस्तेमाल में काफी सतर्कता बरतनी होती है, इसलिए यह ट्रैवल के बीच में या पब्लिक से भरे कॉमन एरिया में यह जांच नहीं की जानी चाहिए. आईसीएमआर भी हिदायत देता है कि कोविसेल्फ से जांच आवश्यक दिशा-निर्देशों के अनुसार घर में ही करना जरूरी है.

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एक्सपर्ट का मानना है कि सेल्फ टेस्टिंग किट के आने से कोरोना की चुनौती से निपटने में आसानी होगी. भारतीय बाजार में ऐसी तीन किट उपलब्ध है

आपको बता दें कि सेल्फ टेस्टिंग किट क्या है.

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोविड टेस्ट के लिए कोविसेल्फ किट को मंजूरी दे चुका है. इस जांच किट से कोई भी घर बैठे ही कोरोना संक्रमण की जांच कर सकता है. इस किट से मात्र दो मिनट में टेस्ट किया जा सकता है, हालांकि रिजल्ट आने में 15 मिनट लगते हैं. इससे टेस्ट से पहले माई लैब कोविसेल्फ ऐप डाउनलोड करना होता है. आपके मोबाइल फोन पर मौजूद ऐप का डेटा एक सुरक्षित सर्वर पर रहता है, जो आईसीएम की कोविड-19 टेस्टिंग पोर्टल से जुड़ा है. एडवाइजरी में कहा गया है कि मरीज की जानकारी की पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी.

ऑनलाइन बिकने लगी कोरोना जांच किट

अभी यह किट ऑनलाइन शाॉपिंग वेबसाइट फ्लिपकार्ट के अलावा देश के 7 लाख से अधिक मेडिकल शॉप में उपलब्ध है. इसकी कीमत 250 रुपये है. किट में पहले से भरी हुई एक्स्ट्रेक्शन ट्यूब, स्टेराइल नेज़ल स्वैब, एक टेस्टिंग कार्ड और बायोहाज़र्ड बैग होता है. इसके अलावा यूएस बेस्ड पैनबियो (Panbio) और कोविफाइंड (CoviFind COVID-19) जैसे सेल्फ टेस्ट किट में बाजार में आ चुके हैं. आईसीएमआर के अनुसार, सेल्फ टेस्ट किट इस्तेमाल बार-बार और बिना सोचे समझे न करें.

ऐप डाउनलोड करना जरूरी

बाजार में उपलब्ध इन सेल्फ टेस्ट किट से जांच से पहले उनके ऐप भी डाउनलोड करें. उदाहरण के लिए अगर आपने coviself चुना है तो सबसे पहले CoviSelf ऐप डाउनलोड करें और अपनी सारी जानकारी डालें. ऐप आईसीएमआर पोर्टल से जुड़े एक सुरक्षित सर्वर पर डेटा कैप्चर करेगा, इसके बाद आप किट का इस्तेमाल शुरू करें. जांच के बाद भी टेस्ट का फोटो (किट सहित) इस ऐप पर अपलोड करना होगा, इसलिए संभलकर इसका इस्तेमाल करें.

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किट के उपयोग से पहले एक्सपायरी डेट की जांच अवश्य कर लें

कैसे करें किट से खुद का Covid-19 टेस्ट

पहले टेस्टिंग किट के साथ शामिल दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ लें.

सबसे पहले उस जगह को साफ कर लें, जहां आप जांच करेंगे

किट को तब तक नहीं खोलें, जब तक आप टेस्ट के लिए तैयार हों

अपने हाथ को साबुन से धोएं . आप चाहे तो सर्जिकल गलब्स पहन सकते हैं

बॉक्स खोलें और अपनी खुद की नाक से सैंपल कलेक्ट करें.

स्वाब को अपनी नाक में 2-4 सेंटीमीटर अंदर डालें, या जब तक यह नाक के मार्ग के पिछले हिस्से को न छू ले. नमूना लेने के लिए इसे सावधानी से रगड़ें

यदि आप निर्देशानुसार सैंपल कलेक्ट नहीं करते हैं, तो आपके टेस्ट के नतीजे गलत हो सकते हैं.

फिर स्वैब को हुई एक्स्ट्रेक्शन ट्यूब के अंदर घुमाएं ताकि वह अंदर के तरल के साथ मिल जाए

इसके बाद ट्यूब को कसकर बंद कर दें और उसमें से दो बूंद टेस्टिंग कार्ड पर गिराएं.

दो लाइन दिखी तो मतलब मरीज पॉजिटिव है

रिजल्ट 15 मिनट के भीतर आता है . अगर जांच करने वाला कोविड पॉजिटिव होता है तो टेस्टिंग कार्ड पर दो लाइनें दिखाई देती हैं . टेस्टिंग लाइन के लिए मार्कर 'टी' और क्वॉलिटी कंट्रोल लाइन के लिए 'सी'. यदि जांच कराने वाला निगेटिव है, तो मार्कर 'c' पर एक लाइन दिखाई देती है. यदि लाइनें दिखने में 20 मिनट से अधिक समय लगता है, या 'c' मार्कर पर कोई लाइन नहीं चमकती है, तो मान लें टेस्ट में गड़बड़ है.

जब आपने टेस्ट के बाद किट के साथ टेस्टिंग कार्ड को ऐप पर डाउनलोड कर दिया है तो ट्यूब और स्वैब को बायोहाजर्ड बैग में सील कर दें और इसे बायोमेडिकल वेस्ट के रूप में डिस्पोज कर दें. आईसीएमआर का कहना है कि इस जांच में अगर आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो आरटीपीसीआर की जरूरत नहीं है. मगर उसमें कोविड के लक्षण हैं और रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उसे आरटीपीसीआर टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है.

सेल्फ टेस्ट किट से जांच का मकसद लैब में होने वाली भीड़ को कम करना है. साथ ही जब टेस्ट जल्दी होगा तो इसका इलाज भी समय से लोग कर सकेंगे. इस नजरिये से इसे गेमचेंजर माना जा रहा है. मगर सफर के लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट ही देनी होगी. इससे मुक्ति तो तभी मिलेगी, जब सरकार चाहे.

Last Updated : Aug 6, 2021, 5:32 PM IST
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