ETV Bharat / bharat

क्या मोहम्मद फैजल की तरह राहुल गांधी की भी सदस्यता बहाल हो जाएगी ?

author img

By

Published : Mar 29, 2023, 2:35 PM IST

कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी दोनों को मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता बहाल होने से राहत जरूर मिली होगी. फैजल लक्षद्वीप से सांसद हैं. वह एनसीपी से हैं. निचली अदालत ने उन्हें 10 साल जेल की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया. अब मो. फैजल फिर से सांसद बन गए हैं. राहुल गांधी को इस फैसले से उम्मीद जरूर मिली होगी, लेकिन पार्टी चाहती है कि इस फैसले से ऊपजी सहानुभूति को पूरी तरह से भुना लिया जाए, उसके बाद ही इस फैसले को चुनौती देंगे.

rahaul gandhi, md faizal
राहुल गांधी, मो फैजल

नई दिल्ली : लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता बहाल हो गई है. जिला अदालत ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई थी. उन पर हत्या की कोशिश का आरोप लगा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया. इसके बाद मोहम्मद फैजल ने लोकसभा सचिवालय से गुहार लगाई और उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई.

दरअसल, पीपुल्स रेप्रेजेंटेशन एक्ट की जिस धारा में यह लिखा है कि दो साल या दो साल से अधिक की सजा मिलने पर किसी भी सांसद या विधायक की सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है, उसी धारा में यह भी लिखा है कि सजा रद्द होने पर सदस्यता फिर से बहाल हो जाएगी. अब क्योंकि मो. फैजल की सदस्यता बहाल कर दी गई है, इस इस फैसले ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उम्मीदें जगा दी हैं.

फैजल पर तो हत्या के आरोप लगे थे, जबकि राहुल गांधी पर मानहानि का मामला है. गुजरात की सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने उन्हें 30 दिनों का समय दिया है. इस अवधि के समाप्त होने से पहले उन्हें इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देनी है. राहुल गांधी और उनकी लीगल टीम ने अभी तक इसे चुनौती नहीं दी है. यही वजह है कि उनकी सदस्यता चली गई. लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेश जारी कर इसे स्पष्ट कर दिया है.

अब इस मुद्दे पर राजनीति गर्म है. भाजपा और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे को लेकर ठनी हुई है. एक तरफ भाजपा ने जहां इसे राहुल गांधी के कथित तौर पर 'अहंकारी' होने से जोड़ा है, तो वहीं दसूरी ओर कांग्रेस इसे तानाशाही का नमूना बता रही है. इस मुद्दे पर अलग-अलग लोगों की राय बंटी हुई है. कांग्रेस पार्टी को लगता है कि उसके पास अपील करने के लिए काफी समय है. इसलिए जहां तक संभव हो सके, इस मुद्दे को पूरी तरह से भुनाया जाए. पार्टी चाहती है कि वह इस मुद्दे के जरिए मोदी सरकार पर सवाल खड़ा सकती है. उन पर प्रजातंत्र को कमजोर करने का आरोप लगा सकती है. साथ ही वह विपक्षी दलों को भी संदेश दे सकती है.

कांग्रेस इस मौके को एक बहुत बड़े अवसर के रूप में भी देख रही है. उनका संदेश है कि विपक्षी पार्टियों का नेतृत्व राहुल गांधी कर सकते हैं. राहुल की संसद सदस्यता जैसे ही खत्म की गई, समाजावादी पार्टी और तृणमूल जैसी पार्टियों ने भी कांग्रेस का साथ दिया. आम तौर पर टीएमसी और सपा का यही स्टैंड रहा है कि वे भाजपा से समान दूरी बनाकर रखती हैं. पिछले सप्ताह जब अखिलेश ममता बनर्जी से मिलने कोलकाता गए थे, तब उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि वह भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी बनाकर रखना चाहते हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों को समर्थन करना चाहिए. लेकिन राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त होने के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं अलग-अलग तरीके से आ रहीं हैं. सपा, टीएमसी और आप जैसे दल कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं. कांग्रेस को लग रहा है कि वह इस मुद्दे के जरिए विपक्षी दलों का नेतृत्व करने का मौका पा सकती है.

कांग्रेस को लग रहा है कि राहुल गांधी इस मुद्दे के बाद पीएम मोदी को देशभर में चुनौती दे सकते हैं. कांग्रेस का कहना है कि क्षेत्रीय पार्टियां नहीं, बल्कि भाजपा का मुकाबला देश के पैमाने पर सिर्फ कांग्रेस कर सकती है, क्योंकि उसके कार्यकर्ता हरेक राज्य में मौजूद हैं. आप यह भी कह सकते हैं कि कांग्रेस राहुल गांधी को पीड़ित बताकर अधिक से अधिक सहानुभूति बटोर रही है. पार्टी को यह लग रहा है कि हर बीतते दिन राहुल का राजनीतिक कद बढ़ता जा रहा है. साथ ही उसके कार्यकर्ताओं में जोश आ रहा है. जगह-जगह प्रदर्शन करने की वजह से यह मुद्दा धीरे धीरे ही सही, जमीनी स्तर पर पहुंच रही है. कांग्रेस की लीगल टीम ने कहा है कि वह उचित समय पर इस फैसले को चुनौती देंगे. वैसे, मीडिया रिपोर्ट की मानें को कई वरिष्ठ वकीलों को लगता है कि सूरत कोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट में बरकरार रह सकता है, लेकिन अभिषेक मनु सिंघवी ने मीडिया को संबोधित करते हुए साफ तौर पर कहा था कि इस आदेश में कई खामियां हैं. इसलिए यह कहा जा सकता है कि मो. फैजल की सदस्यता बहाल होने से राहुल गांधी की उम्मीदें जरूर बढ़ी हैं, लेकिन इस दौरान इस फैसले से ऊपजी सहानुभूति को कांग्रेस पूरी तरह से भुना लेना चाहती है.

ये भी पढ़ें : Muhammad Faisal disqualification: लक्षद्वीप के राकांपा नेता मोहम्मद फैजल की सदस्यता बहाल हुई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.