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उत्तराखंड में आफत बना मॉनसून, रुद्रप्रयाग में बादल फटा, कई हेक्टेयर भूमि तबाह

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Published : Aug 24, 2022, 1:58 PM IST

Etv BharaCloud burst in Rudraprayagt
Etv Bharatरुद्रप्रयाग में बादल फटा

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद के त्यूंखर और घरड़ा गांव में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है. घरड़ा गांव में बादल फटने की घटना सामने आई है. हिलाउं नदी उफान पर है. कई हेक्टेयर भूमि तबाह हो गई है. दूसरी तरफ तिलवाड़ा मयाली घनसाली राज्य मार्ग बंद हो गया है. मार्ग बंद होने से सैकड़ों लोग और एनडीआरएफ की टीम फंस गई है.

रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): पहाड़ों में मॉनसून अंतिम चरण में है, लेकिन अंतिम चरण में मॉनसून आफत बनकर बरस रहा है. जगह-जगह बादल फटने के कारण भारी नुकसान हो रहा है. रुद्रप्रयाग के दूरस्थ क्षेत्र जखोली के घरड़ा गांव में बादल फटने से भारी तबाही (Destruction due to cloudburst in Gharda village) हुई है. यहां बहने वाली हिलाउं नदी उफान पर आ गई है. हिलाउं नदी के उफान पर आने से त्यूंखर गांव (Rain devastation in Tunkhar village) में ग्रामीणों की हजारों हेक्टेयर भूमि तबाह हो गई है. लगातार हो रही बारिश के कारण ग्रामीण भयभीत हैं. पहाड़ों में अभी भी बारिश लगातार जारी है.

पहाड़ों में मॉनसून की बारिश आफत बनकर बरस रही है. रुद्रप्रयाग जनपद के त्यूंखर और घरड़ा गांव में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ है. घरड़ा गांव में बादल फटने के कारण जहां ग्रामीणों की हजारों हेक्टेयर भूमि तबाह हो गई है. वहीं, ग्रामीणों के घरों में भी मलबा घुस गया है. ग्रामीणों ने किसी रात के समय अपनी जान बचाई. उधर त्यूंखर गांव में कई आवासीय भवनों के अलावा गौशालाओं को भी क्षति पहुंची है. भारी बारिश और बादल फटने के कारण हिलाउं नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है.

रुद्रप्रयाग के जखोली में बादल फटा.

घरड़ा गांव के काश्तकारों की हजारों हेक्टेयर सिंचित भूमि तबाह हो गई है. गांव में नदी किनारे स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर का भी आधा हिस्सा नदी के तेज बहाव में बह गया है. रात के समय मंदिर के पुजारी ने किसी तरह से अपनी जान बचाई. मंदिर और गांव को जोड़ने वाले पुल भी आपदा की भेंट चढ़ गया हैं. इसके अलावा भैरवनाथ मंदिर भी नदी में बह गया है. लगातार हो रही बारिश के बाद गांव में अफरा-तफरी का माहौल है और ग्रामीण भयभीत हैं.
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मार्ग बंदः जिले के विकाखंड जखोली के विभिन्न गांवों में आपदा से भारी नुकसान हुआ है. दूसरी तरफ तिलवाड़ा-मयाली-घनसाली राज्य मार्ग भी मरडीगाड़ के पास गदेरे के उफान पर आने से बंद हो गया है. यहां सड़क किनारे बना एक ढाबा भी गदेरे के उफान पर आने से बह गया है. राज्य मार्ग बंद होने से दोनों ओर सैकड़ों वाहन फंस गए हैं. इसके अलावा जखोली क्षेत्र में आपदा राहत बचाव कार्य के लिए जा रहे एनडीआरएफ एवं आपदा प्रबंधन की टीम भी मौके पर फंसी हुई है. लोक निर्माण विभाग रुद्रप्रयाग की ओर से जेसीबी मशीन राज्य मार्ग पर आए मलबे को साफ करने में जुटी है, जो नाकाफी साबित हो रही है.

रुद्रप्रयाग जनपद में मार्ग बंद.

बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में देर रात मूसलाधार बारिश के चलते भारी तबाही मची है. भारी बारिश के कारण विकासखंड जखोली के त्यूंखर, घरड़ा, मखेत, पैंयाताल, लौंगा, सकलाना, कोट, जाखाल, मरड़ीगाड़ सहित कई गांवों में सैकड़ों नाली कृषि भूमि तबाह हो गई है. साथ ही ग्रामीणों के आवासीय भवन, गौशाला एवं शौचालयों को भी भारी क्षति पहुंची है. वहीं, जखोली क्षेत्र को जोड़ने वाला तिलवाड़ा-मयाली-घनसाली राज्य मार्ग के साथ अन्य लिंक मार्ग जगह-जगह टूटने से आवाजाही में भारी दिक्कतें हो रही हैं.

विधायक ने किया अनसुनाः तिलवाड़ा-मयाली राज्य मार्ग के मरड़ीगाढ़ में गदेरा उफान पर आने से राज्य मार्ग पर भारी मलबा जमा हो गया है. साथ ही यहां किनारे बना एक ढाबा भी बह गया है. मौके पर बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं. जखोली क्षेत्र में आपदा राहत बचाव कार्य के लिए जा रहे एनडीआरएफ एवं आपदा प्रबंधन की टीम भी राज्य मार्ग के बंद होने से मौके पर फंसे हुए हैं. मौके से गुजरे रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी को भी लोगों ने समस्या बताई. लेकिन विधायक उनकी मांगों को अनसूना कर गए. लोगों का आरोप है कि विधायक ने उनकी कुछ नहीं सुनी और सीधे निकल गए.

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