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Parliamentary Speakers Summit : जी20 देशों की संसद के पीठासीन अधिकारियों ने आतंकवाद, हिंसक चरमपंथ के मुकाबले का संकल्प लिया

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 13, 2023, 10:09 PM IST

Parliamentary Speakers Summit
संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन

पार्लियामेंट-20 (पी20) शिखर बैठक में पीठासीन अधिकारियों ने आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ से निपटने के लिए अपनी विधायिका के अलावा अन्य का उपयोग करने की प्रतिबद्धता जताई गई. इसको लेकर बैठक की अध्यक्षात कर रहे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी.

नई दिल्ली : जी20 देशों की संसद के पीठासीन अधिकारियों ने आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने के लिए अपनी विधायिका, बजटीय और निरीक्षण कार्यों का उपयोग करने का शुक्रवार को संकल्प लिया. यहां पार्लियामेंट-20 (पी20) शिखर बैठक में स्वीकृत किए गए एक संयुक्त बयान में उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की निंदा की. इसमें विदेशी लोगों को पसंद न करने की प्रवृत्ति (ज़ेनोफोबिया), नस्लवाद और असहिष्णुता के अन्य रूपों या धर्म अथवा आस्था के आधार पर आतंकवाद भी शामिल है.

  • The unanimous adoption of the Joint Declaration at #P20Bharat exemplifies the spirit of Vasudhaiva Kutumbkam. As public representatives, we pledge to collaborate for a human centric, prosperous and harmonious future. Many congratulations to all the delegates for their support. pic.twitter.com/vnauZ4Uwim

    — Om Birla (@ombirlakota) October 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पी20 शिखर बैठक की अध्यक्षता करने वाले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने एक्स पर पोस्ट किया, 'पी20 भारत में आम सहमति से स्वीकृत किया गया संयुक्त घोषणापत्र वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को प्रदर्शित करता है. जन प्रतिनिधि होने के नाते हम एक मानव केंद्रित, समृद्ध और सौहार्द्रपूर्ण भविष्य के लिए सहयोग करने का संकल्प लेते हैं. समर्थन करने के लिए सभी प्रतिनिधियों को बधाई.'

जी20 देशों की संसद के पीठासीन अधिकारियों का यह संयुक्त बयान रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहने, और इजराइल एवं हमास के बीच हाल में शुरू हुए भीषण संघर्ष के बीच आया है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को एक सबसे गंभीर खतरा पैदा किया है. संयुक्त बयान में कहा गया है, 'हम महत्वपूर्ण ऊर्जा प्रतिष्ठानों सहित अहम बुनियादी ढांचों, और अन्य कमजोर लक्ष्यों के खिलाफ सभी आतंकी कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं. आतंकवाद के सभी कृत्य आपराधिक और अनुचित हैं, चाहे उनकी प्रेरणा कुछ भी हो और ये कृत्य कहीं भी, कभी भी और किसी ने भी किए हों.'

इसमें कहा गया है कि आतंकवाद रोधी उपाय, आतंकवाद पीड़ितों की मदद और मानवाधिकारों की रक्षा परस्पर विरोधी लक्ष्य नहीं, बल्कि पूरक और पारस्परिक रूप से मजबूत हैं. बयान के अनुसार, 'अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर एक समग्र दृष्टिकोण, आतंकवाद का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकता है. आतंकवादी समूहों को सुरक्षित ठिकाने,आवाजाही और भर्ती की आज़ादी के साथ-साथ वित्तीय, साजो-सामान या राजनीतिक समर्थन से वंचित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की प्रभावकारिता बढ़ाने के प्रयासों को मजबूत किया जाना चाहिए.' बयान में कहा गया है, 'अपने विधायी, बजटीय और निरीक्षण कार्यों के आलोक में, हम आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ से निपटने में अपनी भूमिका निभाने का संकल्प लेते हैं.'

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