ETV Bharat / bharat

पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक बोले- 'अंग्रेजी गुलामी की सबसे बड़ी निशानी, इसे हटाया जाना चाहिए'

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 9, 2024, 9:54 PM IST

Updated : Jan 9, 2024, 10:12 PM IST

Ramesh Pokhriyal Nishank On English Language
पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक

Ramesh Pokhriyal Nishank On English Language देश में अंग्रेजी गुलामी की सबसे बड़ी निशानी है. अब इसे हटाया जाना चाहिए. दुख की बात है कि हिंदी भारत जैसे बड़े देश में बोले जाने के बावजूद भी संयुक्त राष्ट्र की भाषा नहीं हो पाई है. अब हिंदी को यूएन में मान्यता दिलाना होगा. यह बात पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कही है.

पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का बयान

देहरादून: हरिद्वार में हिंदी भाषा को यूएन यानी संयुक्त राष्ट्र में मान्यता दिलाने के लिए तकरीबन 30 देश से भारतीय मूल के एनआरआई संकल्प लेंगे. यह संकल्प विश्व हिंदी दिवस पर मां गंगा को साक्षी मानकर लिया जाएगा. वहीं, पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफतौर पर कहा कि अंग्रेजी गुलामी की सबसे बड़ी निशानी है, अब इसे हटाने की जरूरत है.

हिंदी भाषा को संयुक्त राष्ट्र संघ में मान्यता दिलाने की कवायद: पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि विश्व हिंदी दिवस के मौके पर हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. जिसमें हिंदी भाषा को संयुक्त राष्ट्र संघ में मान्यता दिलाने के लिए संकल्प लिया जाएगा. निशंक ने बताया कि गंगा के तट पर होने वाले इस सम्मेलन में दुनियाभर से भारतीय एनआरआई शामिल होंगे.

इस सम्मेलन में ब्रिटेन से दिव्या माथुर, कनाडा से शैलजा सक्सेना, यूएसए से अनूप भार्गव, ब्रिटेन से जय वर्मा, लंदन से कृष्ण टंडन, जापान से रमा शर्मा, कनाडा से स्नेह ठाकुर, आयरलैंड से अभिषेक त्रिपाठी और रूस आदि 28 से 30 देशों से साहित्य से जुड़े भारतीय मूल के एनआरआई शिरकत करेंगे. जो हरकी पैड़ी पर गंगा को साक्षी मानते हुए हिंदी को यूएनओ से भाषा का दर्जा दिलाने के लिए संकल्प लिया जाएगा.
ये भी पढ़ेंः जानें क्यों मनाया जाता है विश्व हिंदी दिवस, इतिहास व उपयोगिता

गुलामी की निशानी है अंग्रेजी, अब हटाने की बारी: वहीं, पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हिंदी आज दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. हिंदी का सामर्थ्य हमेशा से एक वैश्विक भाषा बनने का रहा है. जितनी पूरी दुनिया की भाषाओं के शब्द नहीं है, उससे कई ज्यादा हिंदी के चार लाख से ज्यादा शब्द है. जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में गुलामी के निशाने को खत्म करने की पहल कर रहे हैं. अंग्रेजी भी गुलामी की सबसे बड़ी मिसाल है. सबसे पहले अंग्रेजी को देश से हटाना होगा. ताकि, गुलामी की सबसे बड़ी निशानी को खत्म किया जा सके.

पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में घोषित करने के लिए 15 साल का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो पाया है. साथ ही कहा कि दुख की बात है कि हिंदी भारत जैसे बड़े देश में बोले जाने के बावजूद भी संयुक्त राष्ट्र की भाषा नहीं हो पाई. जबकि, विश्व के छोटे-छोटे देश जो कि भारत के एक राज्य के बराबर हैं, उनकी भाषा भी संयुक्त राष्ट्र से अधिकृत हैं.

Last Updated :Jan 9, 2024, 10:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.