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राज्य सभा से रिटायर हो रहे कई सदस्य, विदाई भाषण में उच्च सदन में भावुकता

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Published : Mar 31, 2022, 11:53 AM IST

Updated : Mar 31, 2022, 5:24 PM IST

rajya sabha
राज्य सभा की कार्यवाही

राज्य सभा से रिटायर हो रहे सांसदों को आज फेयरवेल दी गई. पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि वरिष्ठ सांसदों की मौजूदगी से देश की राजनीति को दिशा मिलती रही है. उन्होंने कहा कि उच्च सदन के साथ-साथ पूरा देश इन सांसदों के योगदान को याद रखेगा.

नई दिल्ली : संसद के बजट सत्र का आज 12वां दिन (दूसरे चरण में) है. राज्य सभा से कई सांसद रिटायर हो रहे हैं. राज्य सभा में सभापति वेंकैया नायडू ने सेवानिवृत्त हो रहे सांसदों के फेयरवेल के समय कहा कि पूरा सदन इनकी बुद्धिमत्ता से लाभान्वित होता रहा है. सदन उच्च सदन के दिग्गज नेताओं को भविष्य की शुभकामनाएं देता है. राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने विदाई भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया. उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी कहते थे कि राज्य सभा के कार्यकाल के बिना सियासत का पाठ अधूरा रहता है.

खड़गे के बाद उपसभापति हरिवंश ने अपना वक्तव्य दिया. उन्होंने कहा कि जिन सांसदों की सेवानिवृत्ति हो रही है, उनका फेयरवेल नहीं, सम्मान हो रही है. उप सभापति हरिवंश ने कहा कि यहां से जा रहे सदस्यों के ज्ञान का भंडार आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा. उन्होंने कहा, 'कुछ सदस्य सदन में पुन: वापस आएंगे. जो सदस्य वापस नहीं आएंगे, वह एक नयी पारी की शुरुआत करेंगे. उम्मीद है कि वे किसी न किसी रूप में देश सेवा करते रहेंगे.'

मंत्रियों की भी रिटायरमेंट : राज्य सभा से मार्च और जुलाई के बीच 72 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इनमें कांग्रेस के ए के एंटनी, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, भारतीय जनता पार्टी के सुरेश प्रभु, सुब्रमण्यम स्वामी, बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा, शिवसेना के संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल सहित कई अन्य सदस्य शामिल हैं. सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों में निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह जैसे मंत्री भी हैं.

राज्य सभा से रिटायर हो रहे कई सदस्य, सदन के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का भाषण

अनुभव से कम होती हैं गलतियां : प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त हो रहे सांसदों के लिए दिए गए अपने विदाई भाषण में उच्च सदन में कहा कि जो सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं उनके पास अनुभव की बहुत बड़ी पूंजी है और कभी-कभी ज्ञान से ज्यादा अनुभव की ताकत होती है. उन्होंने कहा कि ज्ञान की तो अपनी सीमाएं होती हैं, वह सम्मेलनों में काम भी आता है लेकिन अनुभव से जो प्राप्त होता है, उसमें समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं. उन्होंने कहा कि अनुभव से गलतियों में कमी आती है.

संसद से जो पाया उसे चारों दिशाओं में ले जाएं : प्रधानमंत्री ने कहा, 'सदस्यों का अनुभव देश की समृद्धि में बहुत काम आएगा क्योंकि उन्होंने एक लंबा समय सदन की चारदिवारियों में बिताया है. इस सदन में हिंदुस्तान की कोने-कोने की भावनाओं का प्रतिबिंब, वेदना और उमंग सबका एक प्रवाह बहता रहता है.' उन्होंने कहा, 'भले हम इन चार दीवारों से निकल रहे हैं लेकिन इस अनुभव को राष्ट्र के सर्वोत्तम हित के लिए चारों दिशाओं में ले जाएं. चारों दीवारों में पाया हुआ सब कुछ चारों दिशा में ले जाएं.'

आने वाली पीढ़ियों के काम आए अनुभव : प्रधानमंत्री ने सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों से कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान सदस्यों ने सदन में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया और उस योगदान ने देश को आकार और एक दिशा देने में भूमिका निभाई है तो उसे जरूर कलमबद्ध करें. उन्होंने कहा, 'मैं चाहूंगा उन स्मृतियों को आप कहीं ना कहीं लिखें ताकि कभी न कभी वह आने वाली पीढ़ियों के काम आए. हर किसी ने कुछ न कुछ कोई योगदान दिया होगा, जिसने देश को दिशा देने में बहुत बड़ी भूमिका निभायी होगी. हम इसको अगर संग्रहित करेंगे तो हमारे पास एक मूल्यवान खजाना होगा.'

राज्य सभा से रिटायरमेंट की वीडियो खबरें-

अब देने की जिम्मेदारी हमारी : देश की आजादी के 75 साल के अवसर पर मनाए जा रहे 'आजादी का अमृत महोत्सव' का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महापुरुषों ने देश के लिए बहुत कुछ दिया है, अब देने की जिम्मेदारी हमारी है. उन्होंने सदस्यों से अनुरोध किया कि आजादी के अमृत महोत्सव के पर्व को माध्यम बनाकर वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने में अपना योगदान दें. उन्होंने सदस्यों से कहा, 'आपके इस योगदान से देश को बहुत बड़ी ताकत मिलेगी. देश को लाभ मिलेगा. मैं सभी साथियों को बहुत शुभकामनाएं देता हूं.'

जुनून के साथ बेहतर प्रदर्शन करने की अपील : सांसदों की सेवानिवृत्ति के संबंध में राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि जनता की उम्मीदें और आकांक्षाएं कानून व नीतियों के निर्माण में समाहित होती हैं, इसलिए सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे जनता की आकांक्षाओं को पूरा करें और उनकी उम्मीदों पर खरे उतरें. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि वर्ष 2017 के बाद राज्यसभा में हुए कामकाज का 35 प्रतिशत समय व्यवधान के कारण बर्बाद हुआ.

19 राज्यों के प्रतिनिधि हैं रिटायर हो रहे 72 सांसद : सभापति ने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के पास लंबा विधायी अनुभव है और सदन को उनके अनुभवों की कमी खलेगी. उन्होंने कहा कि बहुत कम ऐसा होता है कि एक साथ 72 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हों. उन्होंने बताया कि ये 72 सदस्य 19 राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इनमें से सात मनोनीत सदस्य हैं. नायडू ने सेवानिवृत्त हो रहे कुछ सदस्यों के कार्यकाल की सराहना भी की. संसद की विभिन्न समितियों के अध्यक्ष के नाते बेहतर काम करने वाले सदस्यों की भी उन्होंने प्रशंसा की.

आने वाले लोगों से परंपरा बनाए रखने की आशा : बीजू जनता दल (बीजद) के प्रसन्न आचार्य ने कहा कि इस सदन का सदस्य बनने के बाद उन्हें नए अनुभव हुए और यहां अपने अपने क्षेत्रों के विद्वानों से काफी कुछ सीखने को मिला. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बहुमत से चलता है लेकिन विपक्ष का अपना महत्व है और लोकतांत्रिक व्यवस्था में दोनों अहम हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा संसदीय गरिमा एवं मर्यादा का ध्यान रखा है और उनकी पार्टी के सदस्यों ने कभी भी सदन के कामकाज में व्यवधान डालने की कोशिश नहीं की. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी पार्टी से सदन में आने वाले नए सदस्य भी उस परंपरा को बनाए रखेंगे.

आगे भी सामाजिक एवं राजनीतिक तौर पर सक्रिय रहेंगे : वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी विजय साई रेड्डी ने सदन का सदस्य बनाने के लिए अपनी पार्टी के प्रति आभार जताया और कहा कि वह एक छोटे से गांव में पैदा हुए थे और चेन्नई में चार्टर्ड अकाएंटेंट की प्रैक्टिस कर रहे थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह एक दिन इस सदन के सदस्य बनेंगे. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम ने कहा कि यह दुखद क्षण है जब इतने सदस्य एक साथ सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई सदस्य फिर से सदन में नजर नहीं आएंगे लेकिन उन्हें उम्मीद है कि ऐसे सदस्य आगे भी सामाजिक एवं राजनीतिक तौर पर सक्रिय रहेंगे.

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प्रोफेसर ने भाजपा को दी सलाह : समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने कहा कि हर दो साल बाद एक ऐसा दिन आता है और मन को दुखी कर देता है. उन्होंने कहा कि पिछले 28 साल में उन्होंने कभी नहीं देखा जब एक साथ इतने अनुभवी सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हों. उन्होंने कहा कि राज्य सभा की संपन्नता बनी रहे, इसके लिए विभिन्न राजनीतिक दलों खासकर भाजपा को ध्यान देना चाहिए. उन्होंने भाजपा से कहा कि उसे अपनी पार्टी में 75 साल का बंधन हटाना चाहिए और अधिक उम्र वाले अनुभवी सदस्यों को भी सदन का सदस्य बनाना चाहिए.

राज्य सभा कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत को जोड़ने वाला सूत्र : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रेमचंद गुप्ता ने कहा कि यह एक भावुक क्षण है लेकिन जिंदगी की सच्चाई भी है. उन्होंने राज्य सभा को लोकतंत्र का हृदय बताते हुए कहा कि दो साल के बाद एक तिहाई सदस्य सेवानिवृत्त होते हैं. गुप्ता ने भी कामना की कि सेवानिवृत्त हो रहे सदस्य आगे भी सक्रिय बने रहेंगे और समाज सेवा करते रहेंगे. जनता दल (यू) के रामनाथ ठाकुर ने कहा कि उन्हें सेवानिवृत्त होने जा रहे इन सदस्यों से काफी कुछ सीखने को मिला है. उन्होंने ऐसे सदस्यों को आगे के सुखद जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं. तमिल मनीला कांग्रेस (एम) सदस्य जी के वासन ने कहा कि यह सदन उन्हें कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत को जोड़ने वाला एक सूत्र लगता है. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त होने जा रहे सदस्यों के योगदान को सदा याद रखा जाएगा.

वरिष्ठ वकील ने कहा, राज्य सभा में आकर कानून बनते देखा : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि वह वकालत की दुनिया से इधर आए थे और उन्हें यहां एक नया तथा अलग अनुभव मिला. उन्होंने कहा कि सदन में एक समय उनकी पार्टी के दो सदस्य थे जो बाद में बढ़कर 15 तक पहुंच गए. लेकिन एक बार फिर पार्टी के सदस्यों की संख्या कम हो गयी. उन्होंने कहा कि यह उतार-चढ़ाव चलता रहता है. मिश्रा ने कहा कि यहां आने के बाद उन्हें अनुभव हुआ कि कानून कैसे बनता है. उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि विभिन्न प्रयासों के बाद भी समाज में जो बदलाव आना चाहिए था, वह नहीं आ सका है. उन्होंने कहा कि जाति व्यवस्था खत्म नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि ऊंची और निचली जाति जैसे विमर्श परेशान करने वाले होते हैं.

राज्य सभा में आना कल्पना से परे : तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) नेता के केशव राव, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के एम थंबीदुरै, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चव्हाण, शिवसेना के अनिल देसाई, राजद के मनोज झा, एमडीएमके सदस्य वाइको, आईयूएमएल के अब्दुल बहाव तथा आप आदमी पार्टी के संजय सिंह ने भी सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जतायी कि वे आगे भी सामाजिक कार्यों में व्यस्त रहेंगे. टीआरएस के धर्मपुरी श्रीनिवास ने इस सदन में उन्हें भेजने के लिए अपनी पार्टी के नेतृत्व का आभार व्यक्त किया. तेलुगु देशम पार्टी सदस्य के रवींद्र कुमार और असम गण परिषद के वीरेंद्र प्रसाद वैश्य ने उम्मीद जतायी कि सेवानिवृत्त होने जा रहे सदस्य समाज में अपने योगदान को जारी रखेंगे. सेवानिवृत्त होने जा रहे सपा सदस्य विश्वंभर प्रसाद निषाद ने कहा कि वह तो कभी यह कल्पना भी नहीं कर सकते थे कि वह राज्य सभा में आयेंगे. उन्होंने इसके लिए अपने पार्टी के नेतृत्व को धन्यवाद दिया.

सभापति एम वेंकैया नायडू राष्ट्रपति बनने की कामना : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सदस्य के सोमप्रसाद ने कहा कि सदन के सदस्य के रूप में उन्हें सभी ने सहयोग दिया जिसके लिए वह उनके बहुत आभारी हैं. पूर्व प्रधानमंत्री एवं जनता दल (एस) के नेता एच डी देवेगौड़ा ने कहा कि सेवानिवृत्त होने जा रहे सदस्यों के योगदान को वह हमेशा याद रखेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी कामना थी कि उन्हें जयराम रमेश एवं सुब्रह्मण्यम स्वामी जैसे सदस्यों के साथ अधिक समय तक काम करने का मौका मिलता. समाजवादी पार्टी के चौधरी सुखराम सिंह यादव ने इस अवसर पर अपने पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की. उन्होंने कामना की कि सभापति एम वेंकैया नायडू राष्ट्रपति बनें और उप सभापति हरिवंश सदन के सभापति बनें.

नियमित रूप से मिलते हैं पीएम मोदी : अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आज जो सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उनकी काबलियत और अनुभव से जिस तरह से सदन को लाभ मिलता रहा, अब समाज को वैसे ही लाभ मिलेगा. उन्होंने प्रधानमंत्री के बारे में नेता प्रतिपक्ष की परोक्ष टिप्पणी को लेकर असंतोष जताया और कहा कि प्रधानमंत्री ऐसे नेता हैं जो न केवल हर राज्य के मुख्यमंत्री बल्कि सांसदों से भी संसद में नियमित रूप से मिलते हैं. इस पर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्होंने मात्र यही कहा था, 'यह हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री हमारे बीच आये.' उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी का बहुत सम्मान करते हैं.

यह सदन अनेकता में एकता का उदाहरण : भाजपा के जयप्रकाश निषाद ने कहा कि उन्हें इस सदन में आकर बहुत कुछ सीखने को मिला. उन्होंने कहा कि सभापति ने उनके जन्मदिन पर फोन पर कर उन्हें बधाई दी थी जिससे वे बहुत ही गौरवान्वित हुए. भाजपा के ही महेश पोद्दार ने कहा कि वह इस सदन से बहुत सारी यादें लेकर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह इस उम्मीद को लेकर जा रहे हैं कि हमारा देश बहुत तेजी से आगे बढ़ेगा. भाजपा के रामकुमार वर्मा ने कहा कि यह सदन अनेकता में एकता का उदाहरण है जिसमें उन्हें सभी लोगों का सहयोग मिला, जबकि इसी पार्टी की संपतिया उइके ने उन्हें उच्च सदन में आने का मौका देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी सहित पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त किया. कांग्रेस की छाया वर्मा ने कहा कि उन्हें इस सदन में जो अनुभव मिले वे उन्हें इसके बाद का जीवन जीने में मदद करेंगे. बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने उन्हें सदन में भेजने के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को धन्यवाद दिया. उन्हें कहा कि उपसभापति ने एक बड़े भाई के रूप में उन्हें सहयोग दिया.

Last Updated :Mar 31, 2022, 5:24 PM IST
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