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इस्तीफा देने में देर न करें उद्धव ठाकरे, बाला साहब ने कभी भी सत्ता की चौखट पर माथा नहीं झुकाया : आचार्य प्रमोद कृष्णम

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Published : Jun 22, 2022, 2:32 PM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जनतंत्र में जन भावनाओं का सम्मान करते हुए नैतिक मूल्यों का निर्वहन करना चाहिए. बाला साहब ठाकरे ने कभी भी सत्ता की चौखट पर अपना माथा नहीं झुकाया. ऐसी स्थिति में अब उद्धव ठाकरे को नैतिक मूल्यों का निर्वहन करते हुए और मराठा गौरव की रक्षा करते हुए अपना पद छोड़ देना चाहिए.

Ghaziabad acharya pramod krishnam news
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नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक दोपहर 1 बजे बुलाई. इस बैठक में आठ मंत्री शामिल नहीं हुए. ये अहम बैठक तब हुई है, जब शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के साथ कई अन्य शिसेना विधायकों के भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि शिंदे ये कह चुके हैं कि किसी के संपर्क में नहीं हैं. सभी विधायक उनके साथ अपनी मर्जी से आए हैं.

ऐसे हालात में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सरकार गिर सकती है. इस बीच महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकती है. इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की नसीहत दी है.

इस्तीफा देने में देर न करें उद्धव ठाकरे- आचार्य प्रमोद कृष्णम
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट करके कहा है कि सत्ता को “ठोकर” मारने वाले स्व. बाला साहब ठाकरे की विरासत का सम्मान करते हुए उद्धव जी को मराठा “गौरव” की रक्षा करने हेतु नैतिक मूल्यों का निर्वहन करते हुए “मुख्यमंत्री” पद त्यागने में एक पल का भी “विलम्ब” नहीं करना चाहिए.
इस्तीफा देने में देर न करें उद्धव ठाकरे- आचार्य प्रमोद कृष्णम
इस्तीफा देने में देर न करें उद्धव ठाकरे- आचार्य प्रमोद कृष्णम


ईटीवी भारत से खास बातचीत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जनतंत्र में जन भावनाओं का सम्मान करते हुए नैतिक मूल्यों का निर्वहन करना चाहिए. शिवसेना बाला साहब ठाकरे की पार्टी है. बाला साहब ठाकरे हिंदू हृदय सम्राट कहे जाते थे. बाला साहब ठाकरे ने कभी भी सत्ता की चौखट पर अपना माथा नहीं झुकाया. ऐसी स्थिति में अब उद्धव ठाकरे को नैतिक मूल्यों का निर्वहन करते हुए और मराठा गौरव की रक्षा करते हुए अपना पद छोड़ देना चाहिए. जोड़-तोड़ की राजनीति करना उद्धव ठाकरे को शोभा नहीं देता है.



महाराष्ट्र की जनता और प्रदेश के विकास के लिए कांग्रेस पार्टी ने शिवसेना का समर्थन किया था, लेकिन शिवसेना अपने विधायकों को ही संभाल नहीं पा रही है तो फिर उद्धव ठाकरे को नैतिक मूल्यों का निर्वहन करना चाहिए. महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक सरगर्मियों को लेकर जब आचार्य प्रमोद से सवाल किया गया कि क्या इसमें भारतीय जनता पार्टी का भी हाथ है. तो उनका कहना था कि भारतीय जनता पार्टी का मायाजाल बेहद खतरनाक है. देश के विभिन्न प्रदेशों में जो सरकारें हैं, भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से नहीं चल रही हैं. भाजपा उन तमाम प्रदेशों की सरकार गिराने का षड्यंत्र कर रही है. और भाजपा उन तमाम प्रदेशों की सरकार गिराने का षड्यंत्र कर रही है. शुरू से ही भाजपा के निशाने पर महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार थी.



उन्होंने कहा कि जिस पिच पर भारतीय जनता पार्टी राजनीति करती आई है, वही राजनैतिक पिच शिवसेना की भी है. दोनों पार्टियां हिंदुत्व की राजनीति करती रही हैं. इसलिए भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती है कि हिंदुतव की राजनीति में कोई सेंध लगाए. बीजेपी नहीं चाहती कि धर्म की राजनीति में उनका कोई भागीदार बने. भाजपा चाहती है कि हिंदुत्व की राजनीति करने का ठेका सिर्फ उसके पास रहे.


इस बीच महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने दावा किया है कि 'तकनीकी रूप से' राज्य सरकार 'अल्पमत' में है. क्योंकि एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अन्य विधायक चले गए हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा वर्तमान में 'प्रतीक्षा करें और देखें' मोड में थी. और कहा कि न तो भाजपा की ओर से और न ही शिंदे की ओर से सरकार के गठन के संबंध में कोई प्रस्ताव आया है. हमारी जानकारी के अनुसार एकनाथ शिंदे और 35 विधायक चले गए हैं. इसका मतलब है कि तकनीकी रूप से राज्य सरकार अल्पमत में है, लेकिन व्यावहारिक रूप से सरकार बनने में कुछ समय लगेगा.

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