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रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर' भारत, इस साल लक्ष्य से अधिक 'घरेलू खरीदारी'

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Published : Apr 20, 2022, 6:57 PM IST

defence minister rajnath singh
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' या 'आत्मनिर्भरता' के प्रयासों का उल्लेखनीय परिणाम देखा जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2021-22 के पूंजी अधिग्रहण बजट का 65.50 प्रतिशत घरेलू खरीद के मद में उपयोग किया है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट-

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान पर 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत हर सेक्टर में प्रयास किए जा रहे हैं. डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता का उल्लेखनीय असर दिख रहा है. रक्षा मंत्रालय की आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार के प्रयासों से रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भरता' बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करते हुए वित्त वर्ष 2021-22 के पूंजी अधिग्रहण बजट का 65.50 प्रतिशत स्वदेशी खरीद पर इस्तेमाल किया है.

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मेक इन इंडिया के तहत एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो; सौजन्य- पीआईबी)

रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उद्योग को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं. वित्त वर्ष 2021-22 में 64 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. भारत में बने रक्षा उत्पादों की खरीद पर 65 फीसद से अधिक का खर्च निर्धारित लक्ष्य से अधिक है है जिसे उपलब्धि माना जा रहा है. बुधवार सुबह आई मार्च 2022 की प्रारंभिक व्यय रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय वित्त वर्ष 2021-22 में रक्षा सेवा बजट (Defence Services Budget in FY 2021-22) के 99.50 प्रतिशत का उपयोग करने में सक्षम है.

आत्मनिर्भरता में रक्षा मंत्रालय उल्लेखनीय : रक्षा मंत्रालय का कहना है कि पिछले साल की उपलब्धि इसलिए भी प्रशंसनीय है क्योंकि अजीबोगरीब परिस्थितियों के बीच पड़ोसी देश पाकिस्तान ने छद्म युद्ध (Pakistan proxy war) जारी रखा है. चीन के बेलगाम जुझारूपन के कारण रक्षा मंत्रालय का ध्यान भटकने की आशंका थी. इकोनॉमी पर कोरोना महामारी की मार के साथ-साथ पाक और चीन का प्रभाव डिफेंस एक्सपेंस को प्रभावित कर सकता था. हालांकि, अर्थव्यवस्था के समक्ष चैलेंज के बावजूद रक्षा मंत्रालय ने आत्मनिर्भरता की दिशा में उल्लेखनीय काम किया है.

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डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) बूस्टर का सफल परीक्षण किया (फोटो सौजन्य- पीआईबी)

डिफेंस में घरेलू खरीद की नीति को प्राथमिकता : चीन के साथ सीमा विवाद के कारण असॉल्ट गन, सर्दियों के कपड़े और पर्वतीय इलाकों में इस्तेमाल किए जा सकने वाले उपकरणों पर खर्च के नए प्रावधान किए गए. इसके अलावा रसद और परिवहन पर भी खर्च में तेजी आई है. आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के अलावा डिफेंस सेक्टर में खर्च की जा रही रकम पहले रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (Defence Acquisition Procedure 2020) 2020 के तहत घरेलू स्रोतों से पूंजीगत वस्तुओं की खरीद को प्राथमिकता देने की नीति पर भी आधारित हैं.

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रक्षा उपकरणों का आयात घटा : रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में नए और उन्नत हथियारों, प्लेटफार्मों और प्रणालियों के अधिग्रहण के लिए 68 फीसद पूंजीगत व्यय किया जाएगा. यह केवल स्थानीय खरीद के लिए आरक्षित होगा. पिछले साल पूंजीगत व्यय 64 प्रतिशत था, जिसमें 4% की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है. आत्मनिर्भरता (Aatmanirbharta) के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 'मेक इन इंडिया' योजना के तहत पिछले कुछ वर्षों में कई नीतिगत पहल की है. डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर भारत के तहत देश में ही स्वदेशी डिजाइन विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं. रक्षा उपकरणों के निर्माण को प्रोत्साहित (India defence equipment manufacturing) करने के लिए जरुरी सुधार किए गए है. रक्षा उपकरणों के आयात में उल्लेखनीय कमी आई है. स्वदेशी उपकरणों और हथियार का नमूना उस समय भी देखा गया जब गत 8 अप्रैल को ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट (एसएफडीआर) बूस्टर का सफल परीक्षण किया गया.

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डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर भारत की मुहिम, एक कार्यक्रम के दौरान प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लाइसेंस सौंपते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (फोटो सौजन्य- पीआईबी)

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डिफेंस में एफडीआई, 74 प्रतिशत ऑटोमेटिक निवेश : भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई गई अन्य पहलों में उद्योग जगत के नेतृत्व में 18 प्रमुख रक्षा प्लेटफार्मों की घोषणा भी शामिल है. इसके तहत सरकार ने तीन 'सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची' (positive indigenisation lists) की अधिसूचना जारी की. इन सूचियों में 310 वस्तुएं शामिल हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार ने औद्योगिक लाइसेंसिंग प्रक्रिया का सरलीकरण और लाइसेंस की लंबी वैधता अवधि, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की नीति के उदारीकरण के तहत 74 प्रतिशत एफडीआई को ऑटोमेटिक रूट के जरिए अनुमति, जैसे फैसले भी लिए हैं. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता से जुड़े कुछ अन्य उल्लेखनीय फैसले-

  • 'मेक' प्रक्रिया का सरलीकरण
  • रक्षा उत्कृष्टता (iDEX) के लिए नवाचारों का शुभारंभ
  • स्टार्ट-अप के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग MSMEs को शामिल करने वाली योजना
  • सार्वजनिक खरीद आदेश 2017 (public procurement order 2017) का कार्यान्वयन
  • ऑफसेट नीति में सुधार, निवेश को आकर्षित करने और रक्षा निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर जोर.

रक्षा मंत्रालय ने शुरू किया SRIJAN : उपरोक्त फैसलों के अलावा MSMEs सहित भारतीय उद्योग जगत में स्वदेशीकरण की सुविधा के लिए एक स्वदेशीकरण पोर्टल का शुभारंभ भी किया गया है. पोर्टल का नाम SRIJAN है. रक्षा मंत्रालय के पोर्टल सृजन का शुभारंभ अगस्त, 2020 में किया गया था. सृजन 'वन स्टॉप शॉप' ऑनलाइन पोर्टल है. यहां वेंडर्स (कंपनियों) को ऐसे सामानों की जानकारी मिलती है, जिनका स्वदेशीकरण किया जा सकता है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो रक्षा औद्योगिक गलियारों की स्थापना भी की गई है.

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आत्मनिर्भर भारत सप्ताह
अगस्त 2020 में रक्षा मंत्रालय के आत्मनिर्भर सप्ताह समारोह के दौरान सृजन पोर्टल के शुभारंभ के मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था, देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए उद्योग, शिक्षा क्षेत्र, शोध एवं विकास, प्रबंधन, कार्यबल और तकनीक क्षेत्र की एकजुटता को बढ़ावा मिल रहा है. उन्होंने कहा था कि आत्मनिर्भर भारत सप्ताह आत्मनिर्भरता के नए दौर की शुरुआत है. एक उल्लेखनीय उपलब्धि उस समय भी हासिल की गई जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गत 07 अप्रैल को नई दिल्ली में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लाइसेंस सौंपे.

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