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रक्षा क्षेत्र में सबसे बड़ा मेक इन इंडिया करार, HAL से 83 तेजस लड़ाकू विमान खरीदेगी सरकार

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Published : Feb 3, 2021, 8:33 PM IST

भारत सरकार ने 83 हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए सरकारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 48,000 करोड़ रुपये के सौदे पर औपचारिक मुहर लगा दी है. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में यह बड़ी डील हुई.

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बेंगलुरु : सरकार ने 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान खरीदने के लिए सरकारी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ बुधवार को 48,000 करोड़ रुपये के सौदे पर औपचारिक मुहर लगा दी. सरकार की तरफ से इस सौदे को रक्षा क्षेत्र में 'सबसे बड़ा' 'मेक इन इंडिया' अनुबंध करार दिया गया है.

रक्षा मंत्रालय के खरीद मामलों के महानिदेशक वी एल कांता राव ने एचएएल के प्रबंध निदेशक एवं अध्यक्ष आर माधवन को यह अनुबंध 'एयरो इंडिया-2021' के उद्घाटन के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में सौंपा. इस अवसर पर सिंह ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं की एचएएल को भारतीय वायुसेना से 83 नए स्वदेशी एलसीए तेजस एमके1ए के निर्माण का अनुबंध मिला है. जिसकी अनुमानित लागत 48,000 करोड़ रुपये से अधिक है. रक्षा मंत्री ने कहा कि यह संभवत: आज तक का सबसे बड़ा 'मेक इंन इंडिया' रक्षा अनुबंध है.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

विदेश से किफायती देशी तेजस

एचएएल द्वारा निर्मित तेजस एक इंजन वाला बेहद कुशल बहुउद्देश्यीय सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) ने भारतीय वायुसेना की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने के लिए पिछले माह एचएएल से 73 तेजस एमके-1ए तथा 10 एलसीए तेजस एमके-1 प्रशिक्षु विमान खरीद की मंजूरी दी थी. सिंह ने एचएएल के दूसरे एलसीए-तेजस निर्माण संयंत्र का यहां उद्घाटन किया था और कहा था कि तेजस न सिर्फ स्वदेश निर्मित है, बल्कि अपने स्तर वाले अन्य विदेशी विमानों से कई मायनों में बेहतर है. उनकी तुलना में ज्यादा किफायती भी है.

प्रतिवर्ष 16 विमानों का उत्पादन

माधवन ने कहा कि 48,000 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत भारतीय वायुसेना को तेजस एलसीए की आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी और कुल 83 विमानों की आपूर्ति पूरी होने तक सालाना करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी. उन्होंने कहा कि कई देशों ने तेजस विमान खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है और इसके निर्यात का ऑर्डर अगले एक-दो वर्ष में मिलने की उमीद है. माधवन ने कहा था कि इकाई का पहला चरण 35 एकड़ जमीन पर तैयार हो रहा है, जिससे एचएएल अपनी मौजूदा आठ विमान के उत्पादन की क्षमता को बढ़ाकर दोगुना कर पाएगा और प्रतिवर्ष 16 विमानों का उत्पादन होगा.

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एचएएल ने कहा कि 83 एलसीए एमके1ए विमानों का उत्पादन यहां दो इकाइयों में होगा.

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