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चूना लगाने वाले 1500 मोबाइल नंबर साइबर सेल की रडार पर, ऐसे होती है ठगी

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Published : Jul 29, 2023, 9:20 PM IST

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लखनऊ में बीते कुछ सालों में साइबर फ्रॉड की कई शिकायतें दर्ज हुई है. जांच में साइबर सेल ने 1500 ऐसे मोबाइल नंबर को चिन्हित किया है जिनसे लगातार साइबर फ्रॉड किया जा रहा है. साइबर सेल इन नंबरों की जांच कर रही है.

लखनऊ: लोगों को स्कीम सुनने, ऑफर देने, घर बैठे पैसे कमाने और ओएलएक्स पर समान खरीदने के लिए कॉल आती है. इन कॉल का लोग भरोसा करते है. फिर, अपने पैसे गंवा देते है. साइबर ठग जिन नंबरों से कॉल करते है, उससे सिर्फ एक या दो को नही बल्कि कई लोगों को ठगा जा रहा है. ऐसे में सैकड़ों केस की स्टडी करने के बाद लखनऊ साइबर सेल ने 1500 ऐसे मोबाइल नंबर को चिन्हित किए हैं, जिनसे लगातार साइबर फ्रॉड किया जा रहा है. साइबर सेल इन नंबरों की जांच कर रही है. जिसके बाद जितने भी एक्टिव नंबर है उन्हे बंद कराया जायेगा.

इन राज्यों से जुड़े ज्यादातर नंबर: राजधानी में बीते कुछ वर्षों में साइबर सेल समेत अलग अलग थानों में रोजाना 30 से अधिक साइबर फ्रॉड की शिकायते आती है. साइबर सेल की टीम ने ऐसी शिकायतों का एक डेटा तैयार किया, जिसमें मोबाइल नबंर का इस्तमाल कर लोगों के साथ जालसाजी हुई थी. इसके बाद जब विश्लेषण किया गया तब सामने आया कि लगभग 1500 ऐसे मोबाइल नंबर थे, जिनसे बार बार ठगी की जा रही थी. ये नंबर मेवात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, झारखंड, हैदराबाद, बिहार और उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड है.

मोबाइल के जरिए इस तरह को होती है ठगी: साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू बताते है कि, साइबर फ्रॉड लिंक भेजकर, टेलीग्राम या व्हाट्सएप के जरिए और मोबाइल नंबर के जरिए सबसे अधिक होता है. मोबाइल नबंर से हुई जालसाजी की बात करें, तो स्टडी में सामने आया है कि पेंशन, लोन, अपना जानकार बताकर पैसे मांगना, केवाईसी जालसाजी, ओएलएक्स फ्रॉड, आर्मी मैन बनकर झांसा देना जैसे फ्रॉड सबसे अधिक होते है.

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गांव के लोगों के नाम से ठगों ने निकलवाए होते है सिम: सतीश साहू के मुताबिक, जिन 1500 मोबाइल नंबरों से बार बार साइबर फ्रॉड हो रहे है उनकी जब जांच की गई तो सामने आया कि, ये सभी नंबर अधिकतर दूसरों के नाम पर जैसे गांव के रहने वाले गरीब, मजदूर और बुजुर्गों की आईडी पर रजिस्टर होते हैं. ऐसे में जब हम ट्रेस करते है तो गलत लोगों तक पहुंच पाते है. असली साइबर अधिकांश बार बच जाते है. ऐसे में अब हम लोग इन नंबरों को बंद करवाने की कार्रवाई कर रहे है. ताकि, साइबर अपराध के ग्राफ में कमी आ सके.


880 अकाउंट नंबर भी रडार पर: साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू ने बताया कि न सिर्फ मोबाइल नबंर बल्कि हमने बैंक अकाउंट को भी रडार पर रखा है. उन्होंने बताया करीब 880 बैंक अकाउंट की हम लोग लगातार मॉनिटरिंग कर रहे है. ये वो अकाउंट है, जिसमें ठगी का पैसा ट्रांसफर होता है. उन्होंने बताया कि ये अकाउंट भी मोबाइल सिम की ही तरह गांव के मजदूर, गरीबों के नाम के ही होते है, जिसमें पैसा इधर से उधर ट्रांसफर कर आखिर में निकाल लिए जाते है.


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