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'सरदार ऑफ स्पिन': क्रिकेट जगत ने नई किताब में बिशन सिंह बेदी के जिंदगी का जश्न मनाया

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Published : Sep 27, 2021, 10:54 PM IST

पूर्व स्पिनर बिशन सिंह बेदी की जीवन पर जारी एक नई किताब में क्रिकेट जगत के कई दिग्गजों ने अपने विचार साझा किये हैं. तेंदुलकर ने इस किताब में उस समय के बारे में लिखा है जब 1990 के दशक में बेदी भारतीय टीम के कोच थे. वह अभ्यास के दौरान सख्ती से पेश आते, लेकिन उसके बाद खिलाड़ियों पर से उतना ही स्नेह जताते थे. कपिल देव ने अपने पहले कप्तान की तारीफ करते हुए कहा कि बेदी की तरह का कोई दूसरा नहीं था.

बिशन सिंह बेदी
बिशन सिंह बेदी

नई दिल्ली : एक शानदार प्रतियोगी लेकिन सामान्य तौर पर गर्मजोशी से मिलने वाले बायें हाथ के पूर्व स्पिनर बिशन सिंह बेदी की जीवन पर जारी एक नई किताब में क्रिकेट जगत के कई दिग्गजों ने अपने विचार साझा किये हैं. पूर्व कप्तान और स्पिन के दिग्गज बेदी शनिवार को 75 साल के हो गए.

इस मौके पर कपिल देव, सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर सहित भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों ने, 'सरदार ऑफ स्पिन' नामक पुस्तक में उनकी खेल में कलात्मकता और मैदान के बाहर खिलाड़ियों के अधिकारों के लिए मुखर होकर आवाज उठाने वाले व्यक्तित्व की चर्चा की.

तेंदुलकर ने इस किताब में उस समय के बारे में लिखा है जब 1990 के दशक में बेदी भारतीय टीम के कोच थे. वह अभ्यास के दौरान सख्ती से पेश आते, लेकिन उसके बाद खिलाड़ियों पर से उतना ही स्नेह जताते थे.

तेंदुलकर ने लिखा, ' हमें मैचों के लिए तैयार करने के मामले में बिशन पाजी समय से आगे थे. वह नेट अभ्यास सत्र को गंभीर तरीके से संचालित करते थे और कई बार बल्लेबाजों को खुद भी गेंदबाजी करने लगते थे.'

मास्टर ब्लास्टर ने लिखा, 'वह बहुत प्रतिस्पर्धी थे, वह बल्लेबाज को बाहर निकलने या किसी खास लक्ष्य पर हिट करने के लिए चुनौती देते थे. जब वह ऐसे मुकाबलों को जीतते थे तो काफी खुश होते थे. मुझे नेट्स में उसका सामना करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और यह स्पष्ट था कि वह उस समय भी एक बल्लेबाज को अपनी चतुराई से फंसाने पर काम कर रहे थे. मुझे उनका सामना करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होता था.'

बेदी के साथ अपने संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे हमेशा यही लगता था कि वह मुझे अपने बेटे की तरह मानते हैं. वह मुझे 'साशू, मेरे बेटे' के रूप में संबोधन करते थे और गर्मजोशी से गले लगाते थे.'

तेंदुलकर ने कहा, 'अगर किसी का मनोबल गिरा होता था तो वह बातचीत कर के उसे सहज बनाने की कोशिश करते थे. मैंने उनके और उनके परिवार के साथ बहुत अच्छा समय बिताया है, और मुझे अंगद (बेदी के बेटे) को अपने चुने हुए पेशे में बेहतर करते हुए देखकर अच्छा लगा.'

बेदी के लिए पिछले कुछ महीने काफी मुश्किल भरे रहे. उन्होंने दिल की समस्याओं की शिकायत के बाद इस साल फरवरी-मार्च में अस्पताल में तीन सप्ताह बिताए और बाद में उनके मस्तिष्क में रक्त के थक्के को हटाने के लिए एक ऑपरेशन भी करवाना पड़ा.

शुक्रवार को यहां उनके 75वां जन्मदिन समारोह में परिवार, करीबी दोस्तों और पूर्व खिलाड़ियों ने भाग लिया था. किताब में महान गावस्कर ने बेदी को इस खेल का बाएं हाथ का सर्वश्रेष्ठ स्पिनर बताया. बेदी ने 67 टेस्ट में 266 विकेट लिए.

उन्होंने लिखा, 'अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वसीम अकरम के आने से पहले बिशन सिंह बेदी सबसे अच्छे बाएं हाथ के गेंदबाज थे. मुझे लगता है, अब कोई कह सकता है कि बिशन सिंह बेदी सबसे अच्छे बाएं हाथ के स्पिनर रहे हैं, और वसीम अकरम सबसे अच्छे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज रहे हैं.'

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उन्होंने 1971 के वेस्टइंडीज दौरे के वाकये को याद करते हुए कहा, '1971 में वेस्टइंडीज के भारत के विजयी दौरे के त्रिनिदाद में खेले गये आखिरी टेस्ट मैच के दौरान जब बिशन सिंह बेदी पिता बने तो उन्होंने अपने पहले बच्चे का नाम गावस इंदर सिंह रखने का फैसला किया. '

इस किताब में दिग्गज हरफनमौला कपिल देव ने अपने पहले कप्तान की तारीफ करते हुए कहा कि बेदी की तरह का कोई दूसरा नहीं था.

भारत के विश्व कप विजेता कप्तान ने कहा, ' वह एक ऐसे क्रिकेटर थे जो अपने अधिकारों को अच्छी तरह जानते थे. वह बेहतर मैच फीस, यात्रा सुविधाओं और आवास के लिए आवाज उठाते हुए क्रिकेटरों के लिए खड़े हुए. उन्होंने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ को निशाने पर लिया क्योंकि वह चाहते थे कि खिलाड़ियों के साथ सम्मान का व्यवहार किया जाए. जब उन्हें लगा कि वे अपने दृष्टिकोण में निष्पक्ष नहीं हैं तो उन्होंने बोर्ड के अधिकारियों के साथ संघर्ष करने में संकोच नहीं किया.'

स्पिन गेंदबाजी में बेदी के सहयोगी रहे चंद्रशेखर उन्हें क्रिकेटर और एक इंसान दोनों के रूप में सर्वकालिक महान करार दिया.

उन्होंने अपनी लेख में लिखा है कहा, ' बिशन एक इंसान है लेकिन उनमें कई लोगों के गुण है और मुझे उन सभी को जानने का सौभाग्य मिला है. एक महान गेंदबाज, सहयोगी, कप्तान, अधिकारों के लिए सत्ता के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाने वाला, चयनकर्ता, कोच, प्रशासक, कमेंटेटर और स्तंभकार के रूप में, वह अद्वितीय रहे हैं.'

किताब में उनके बारे में लिखने वाले अन्य क्रिकेटरों में अनिल कुंबले, विजय मर्चेंट, माइकल होल्डिंग, कीर्ति आजाद, मुरली कार्तिक, ग्रेग चैपल और माइक ब्रेयरली शामिल हैं.

(भाषा)

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