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Coonoor Helicopter Crash : ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के गांव में शोक की लहर

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Published : Dec 15, 2021, 6:41 PM IST

Coonoor Helicopter Crash
Coonoor Helicopter Crash

यूपी के देवरिया के रहने वाले और कुन्नूर के पास हुए हेलीकॉप्टर क्रैश (Coonoor Helicopter Crash) हादसे में जख्मी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (captain varun singh) का आज निधन हो गया. हादसे में उनका शरीर 90 फीसदी से ज्यादा जल चुका था. ग्रुप कैप्टन वरुण प्रताप की सलामती के लिए देशभर के लोगों ने दुआएं, पूजा-पाठ और मंदिरों में नमाज अदा की थी.

देवरिया : बीते सप्ताह तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हुए हेलीकॉप्टर क्रैश (Coonoor Helicopter Crash) हादसे में जख्मी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (captain varun singh) का बुधवार को बेंगलुरु सैन्य अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. निधन की सूचना मिलते ही उनके गांव कन्हौली और पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई. गौरतलब है कि इस हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की जान चली गई थी.

90 फीसदी से ज्यादा जल चुका था शरीर

इंडियन एयर फोर्स के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अकेले ऐसे सदस्य थे जो हेलीकॉप्टर क्रैश (Coonoor Helicopter Crash) हादसे में जीवित बचे थे. वह गंभीर रूप से जख्मी थे और उन्हें बचाने के तमाम प्रयास किए गए. लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद बुधवार को उन्होंने दम तोड़ दिया. उनके चाचा और कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि ग्रुप कैप्टन वरुण प्रताप सिंह का शरीर 90 फीसदी से ज्यादा जल चुका था और उनकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई थी. हाल ही में उन्हें इलाज के लिए चेन्नई से बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में शिफ्ट किया गया था, जहां उनका आज निधन हो गया. ग्रुप कैप्टन वरुण प्रताप सिंह के निधन की सूचना जिसने भी सुनी उसकी आंखें भर आईं. ग्रुप कैप्टन वरुण प्रताप की सलामती के लिए देशभर से लोगों ने दुआएं और पूजा-पाठ और मंदिरों में नमाज अदा की गई थी.

गांव में शोक की लहर

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पूरा परिवार सेना से जुड़ा है

कैप्टन वरुण प्रताप सिंह (captain varun singh) का पूरा परिवार सेना से जुड़ा हुआ है. देवरिया जिले के रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के कन्हौली गांव निवासी कृष्ण प्रताप सिंह सेना में कर्नल थे. सेना से रिटायर होने के बाद वह पत्नी के साथ मध्य प्रदेश के भोपाल में रहने लगे. वरुण उनके बड़े बेटे थे, कृष्ण प्रताप सिंह का छोटा बेटा तनुज सिंह इंडियन नेवी में है. अभी वरुण प्रताप सिंह की तैनाती तमिलनाडु के वेलिंग्टन में थी. उनके साथ पत्नी, बेटा और बेटी भी रहते थे. वरुण के चाचा अखिलेश प्रताप सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं और वह देवरिया जिले की रुद्रपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रह चुके हैं.

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शौर्य चक्र से किया गया था सम्मानित

वरुण को 15 अगस्त 2021 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था. यह अवार्ड विंग कमांडर को फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बाद भी 10 हजार फीट की ऊंचाई से विमान की सफल लैंडिंग कराने पर दिया गया था. वरुण प्रताप सिंह ने संकट के समय बिना जान की परवाह किए अदम्य साहस का परिचय दिया. 12 अक्टूबर 2020 को वरुण लाइट कॉम्बेट एयर क्राफ्ट के साथ उड़ान पर थे. लगभग 10 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचते ही विमान का फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम खराब हो गया, लेकिन वरुण ने आपदा के समय धैर्य नहीं खोया. उन्होंने संयम का परिचय देते हुए आबादी से दूर ले जाकर विमान की सफल लैंडिंग कराई. इससे न केवल कई लोगों की जान बच गई, बल्कि विमान बर्बाद होने से बच गया. वे तेजस उड़ा रहे थे. वरुण फाइटर प्लेन पायलट थे. वे गोरखपुर में 2007 से 2009 तक कार्यरत रहे थे.

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा, राष्ट्र ने एक बहादुर सैनिक खो दिया

वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर हादसे में गंभीर रूप से घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए बुधवार को कहा कि देश ने एक बहादुर सैनिक खो दिया है. बोम्मई ने ट्वीट किया, “ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन से बेहद दुखी हूं. देश ने एक बहादुर सैनिक खो दिया है. मैं उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. ओम शांति.'

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