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द चिल्ड्रेन पोस्ट ऑफ इंडिया, पूरी तरह से बच्चों को समर्पित है यह पोर्टल

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 16, 2023, 1:38 PM IST

गुरुग्राम की निधि अरोड़ा ने बच्चों के व्यवहार को बदलने और समाचारों में उनकी रुचि बढ़ाने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने एक ऐसे प्लेटफॉर्म की शुरुआत की जो बच्चों में पढ़ने की रुचि पैदा कर रही है. यह प्लेटफॉर्म बच्चों में न्यूज के लिए रुचि बढ़ाने के साथ-साथ मेमोरी गेम्स और क्विज जैसे कई विषय उपलब्ध कराता है. निधि अरोड़ा ने अपने पोर्टल द चिल्ड्रेन्स पोस्ट ऑफ इंडिया' के बारे में ईटीवी भारत से बात की....

Childrens Post of India
गुरुग्राम की रहने वाली निधि अरोड़ा

हैदराबाद : गुरुग्राम की रहने वाली निधि ने हैदराबाद के सेंट फ्रांसिस कॉलेज से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने आईआईएम, कोलकाता से एमबीए किया. उन्होंने कई वर्षों तक प्रमुख कॉर्पोरेट संगठनों में काम किया. फिर 2015 में अपने बेटे की परवरिश के लिए नौकरी से ब्रेक ले लिया. वह एक गृहिणी और मां के रूप में अपनी जिम्मेदारी को पूरा समय देना चाहती थी. निधि ने बताया कि बचपन से ही उनकी आदत अखबार पढ़ने की रही है. आज भी वह सुबह उठकर अखबार पढ़ती हैं. वह चाहती थी कि उनके बेटे को भी यह अच्छी आदत लगे. लेकिन उन्होंने महसूस किया कि उनके बेटे का दिल अखबार पढ़ने में नहीं लग रहा.

Childrens Post of India
चिल्ड्रेन्स पोस्ट ऑफ इंडिया की वेबसाइट का स्क्रीन शॉट.

ईटीवी भारत से बात करते हुए निधि ने कहा कि समाचार पत्रों का मेरे दैनिक जीवन में एक विशेष स्थान है. मुझे बचपन से ही सुबह उठकर अखबार पढ़ने की आदत रही है. हमारे घर पर दोनों भाषाओं (हिंदी और अंग्रेजी) के कुल चार अखबार आते थे. किसी कारण से, अगर मैं एक भी दिन अखबार पढ़ने से चूक जाती तो लगता कुछ छूट गया है.

Childrens Post of India
अपनी टीम के साथ निधि अरोड़ा

निधि ने कहा कि इसी आदत के कारण मुझे हमेशा पता रहता था कि मेरे आसपास क्या हो रहा है. मैं यही आदत अपने बेटे में डालना चाहती थी. इसी क्रम में मैंने ऐसे अखबारों की तलाश की जो बच्चों की रुचि जगाने वाली खबरें देते हों.. लेकिन मुझे कोई खास सफलता नहीं मिली. इसी बारे में सोचते हुए मेरे मन में विशेष रूप से बच्चों के लिए एक समाचार पत्रिका बनाने का विचार आया. शुरू में मैंने इसे फेसबुक पर जारी किया. जिसे लोगों का अच्छा रिस्पांस मिला. इसलिए 2017 में हमने 'द चिल्ड्रेन्स पोस्ट ऑफ इंडिया' नाम से एक न्यूज पोर्टल शुरू किया.

Childrens Post of India
निधि अरोड़ा की फाइल फोटो.

निधि ने कहा कि मैं पिछले 22 वर्षों से एक ऑडियो लाइब्रेरी चला रही हूं. लेकिन बच्चे सुनने से ज्यादा पढ़कर सीखते हैं. इसलिए हम बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम अपने समाचार पत्र का 50 प्रतिशत भाग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार और सामान्य ज्ञान पर केंद्रीत होता है. इसके अलावा शेष 50 प्रतिशत हिस्सा पहेलियों और मेमोरी गेम्स का होता है. इस तरह धीरे-धीरे बच्चों में खबरों के प्रति रुचि पैदा हो रही है. कई बच्चे हमारा अखबार पढ़ने में रुचि दिखाने लगे हैं.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में, हम अपनी वेबसाइट पर बच्चों के लिए समाचार, करंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान, पहेलियां, क्विज, मेमोरी गेम्स, व्याकरण, चुटकुले, पोस्ट आदि प्रदान कर रहे हैं. इनके माध्यम से, बच्चों में उनके आसपास होने वाली चीजों के बारे में जागरूकता बढ़ेगी. दिमाग तेज करने वाले खेलों और क्विज में रुचि बढ़ने से उनकी एकाग्रता और आईक्यू स्तर भी बढ़ेगा.

निधि ने कहा कि उनके पास विशेषज्ञों की एक विशेष टीम है जो समाचार के साथ-साथ पहेलियां, कार्टून, कविताएं आदि उपलब्ध कराने का काम करती है. देश भर में जहां भी चुनाव होते हैं, वहां की कहानियां सरल रूप में उपलब्ध कराई जाती हैं ताकि बच्चों को उनकी व्यापक समझ हो सके. साथ ही वह अपने न्यूज पोर्टल के जरिए बच्चों को सभी त्योहारों के बारे में समझा रही हैं.

निधि ने कहा कि आधुनिक चलन के कारण आजकल के बच्चों में त्योहारों और विशेष अवसरों के बारे में जागरूकता की कमी है. इसीलिए हम बच्चों में खबरों के साथ-साथ त्योहारों और खास मौकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. धीरे-धीरे हमारे पोर्टल की पाठक संख्या बढ़ रही है.

निधि ने बताया कि देश ही नहीं विदेशों में भी उनके पाठक बढ़ रहे हैं. खासतौर से जिम्बाब्वे, अमेरिका, कनाडा, यूएई, दोहा, ओमान.. और अन्य देशों से उन्हें अच्छा ट्रैफिक मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हम भविष्य में बच्चों की रुचि के लिए और अधिक कंटेंट पर काम करना चाहते हैं. निधि ने बताया कि वह 'एशा' नाम से एक चैरिटी संस्था भी चला रही हैं. इस प्लेटफॉर्म के जरिए वह नेत्रहीनों के लिए ऑडियोबुक ला रही हैं.

हैदराबाद : गुरुग्राम की रहने वाली निधि ने हैदराबाद के सेंट फ्रांसिस कॉलेज से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की. उन्होंने आईआईएम, कोलकाता से एमबीए किया. उन्होंने कई वर्षों तक प्रमुख कॉर्पोरेट संगठनों में काम किया. फिर 2015 में अपने बेटे की परवरिश के लिए नौकरी से ब्रेक ले लिया. वह एक गृहिणी और मां के रूप में अपनी जिम्मेदारी को पूरा समय देना चाहती थी. निधि ने बताया कि बचपन से ही उनकी आदत अखबार पढ़ने की रही है. आज भी वह सुबह उठकर अखबार पढ़ती हैं. वह चाहती थी कि उनके बेटे को भी यह अच्छी आदत लगे. लेकिन उन्होंने महसूस किया कि उनके बेटे का दिल अखबार पढ़ने में नहीं लग रहा.

Childrens Post of India
चिल्ड्रेन्स पोस्ट ऑफ इंडिया की वेबसाइट का स्क्रीन शॉट.

ईटीवी भारत से बात करते हुए निधि ने कहा कि समाचार पत्रों का मेरे दैनिक जीवन में एक विशेष स्थान है. मुझे बचपन से ही सुबह उठकर अखबार पढ़ने की आदत रही है. हमारे घर पर दोनों भाषाओं (हिंदी और अंग्रेजी) के कुल चार अखबार आते थे. किसी कारण से, अगर मैं एक भी दिन अखबार पढ़ने से चूक जाती तो लगता कुछ छूट गया है.

Childrens Post of India
अपनी टीम के साथ निधि अरोड़ा

निधि ने कहा कि इसी आदत के कारण मुझे हमेशा पता रहता था कि मेरे आसपास क्या हो रहा है. मैं यही आदत अपने बेटे में डालना चाहती थी. इसी क्रम में मैंने ऐसे अखबारों की तलाश की जो बच्चों की रुचि जगाने वाली खबरें देते हों.. लेकिन मुझे कोई खास सफलता नहीं मिली. इसी बारे में सोचते हुए मेरे मन में विशेष रूप से बच्चों के लिए एक समाचार पत्रिका बनाने का विचार आया. शुरू में मैंने इसे फेसबुक पर जारी किया. जिसे लोगों का अच्छा रिस्पांस मिला. इसलिए 2017 में हमने 'द चिल्ड्रेन्स पोस्ट ऑफ इंडिया' नाम से एक न्यूज पोर्टल शुरू किया.

Childrens Post of India
निधि अरोड़ा की फाइल फोटो.

निधि ने कहा कि मैं पिछले 22 वर्षों से एक ऑडियो लाइब्रेरी चला रही हूं. लेकिन बच्चे सुनने से ज्यादा पढ़कर सीखते हैं. इसलिए हम बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम अपने समाचार पत्र का 50 प्रतिशत भाग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समाचार और सामान्य ज्ञान पर केंद्रीत होता है. इसके अलावा शेष 50 प्रतिशत हिस्सा पहेलियों और मेमोरी गेम्स का होता है. इस तरह धीरे-धीरे बच्चों में खबरों के प्रति रुचि पैदा हो रही है. कई बच्चे हमारा अखबार पढ़ने में रुचि दिखाने लगे हैं.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में, हम अपनी वेबसाइट पर बच्चों के लिए समाचार, करंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान, पहेलियां, क्विज, मेमोरी गेम्स, व्याकरण, चुटकुले, पोस्ट आदि प्रदान कर रहे हैं. इनके माध्यम से, बच्चों में उनके आसपास होने वाली चीजों के बारे में जागरूकता बढ़ेगी. दिमाग तेज करने वाले खेलों और क्विज में रुचि बढ़ने से उनकी एकाग्रता और आईक्यू स्तर भी बढ़ेगा.

निधि ने कहा कि उनके पास विशेषज्ञों की एक विशेष टीम है जो समाचार के साथ-साथ पहेलियां, कार्टून, कविताएं आदि उपलब्ध कराने का काम करती है. देश भर में जहां भी चुनाव होते हैं, वहां की कहानियां सरल रूप में उपलब्ध कराई जाती हैं ताकि बच्चों को उनकी व्यापक समझ हो सके. साथ ही वह अपने न्यूज पोर्टल के जरिए बच्चों को सभी त्योहारों के बारे में समझा रही हैं.

निधि ने कहा कि आधुनिक चलन के कारण आजकल के बच्चों में त्योहारों और विशेष अवसरों के बारे में जागरूकता की कमी है. इसीलिए हम बच्चों में खबरों के साथ-साथ त्योहारों और खास मौकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. धीरे-धीरे हमारे पोर्टल की पाठक संख्या बढ़ रही है.

निधि ने बताया कि देश ही नहीं विदेशों में भी उनके पाठक बढ़ रहे हैं. खासतौर से जिम्बाब्वे, अमेरिका, कनाडा, यूएई, दोहा, ओमान.. और अन्य देशों से उन्हें अच्छा ट्रैफिक मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हम भविष्य में बच्चों की रुचि के लिए और अधिक कंटेंट पर काम करना चाहते हैं. निधि ने बताया कि वह 'एशा' नाम से एक चैरिटी संस्था भी चला रही हैं. इस प्लेटफॉर्म के जरिए वह नेत्रहीनों के लिए ऑडियोबुक ला रही हैं.

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