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सीजेआई ने दीपांकर दत्ता को SC के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई

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Published : Dec 12, 2022, 11:31 AM IST

Updated : Dec 12, 2022, 11:50 AM IST

Chief Justice administers oath to Dipankar Dutta as a judge of the Supreme Court
प्रधान न्यायाधीश ने दीपांकर दत्ता को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में आज शपथ दिलाई.

नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ ने बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में सोमवार को शपथ दिलाई. कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश दिवंगत सलिल कुमार दत्ता के बेटे और उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अमिताव रॉय के रिश्तेदार न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने पूर्वाह्न 10 बजकर 36 मिनट पर न्यायालय के अदालत कक्ष-1 में शपथ ग्रहण की.

प्रधान न्यायाधीश समेत उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 34 है. न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता के शपथ ग्रहण करने के साथ ही शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़कर 28 हो गई है. केंद्रीय कानून मंत्रालय के न्याय विभाग ने रविवार को उनकी नियुक्ति की घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी की थी.

न्यायमूर्ति दत्ता का जन्म नौ फरवरी 1965 को हुआ था. वह अभी 57 साल के हैं और उच्चतम न्यायालय में उनका कार्यकाल आठ फरवरी 2030 तक होगा. उच्चतम न्यायालय में सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष है. उनके नाम की सिफारिश पिछले साल सितंबर में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू. यू .ललित (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने की थी.

न्यायमूर्ति दत्ता को स्थायी न्यायाधीश के तौर पर कलकत्ता उच्च न्यायालय में 22 जून 2006 को पदोन्नत किया गया था. इसके बाद 28 अप्रैल 2020 को उन्हें बंबई उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया. कलकत्ता उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार कलकत्ता विश्वविद्यालय से उन्होंने 1989 में विधि की डिग्री ली.

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इसके बाद 16 नवंबर 1989 को वह अधिवक्ता के तौर पर पंजीकृत हुए. वह 16 मई 2002 से 16 जनवरी 2004 तक पश्चिम बंगाल राज्य के लिए कनिष्ठ स्थायी वकील रहे और 1998 से भारत सरकार के वकील बने. उन्होंने 1996-97 से 1999-2000 तक यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ, कलकत्ता विश्वविद्यालय में भारत के संवैधानिक कानून के अतिथि व्याख्याता के रूप में भी अपनी सेवाएं दी.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated :Dec 12, 2022, 11:50 AM IST
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