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Jharkhand News: पश्चिम बंगाल ने झारखंड की जमीन पर किया कब्जा! वन विभाग ने लगाया अपना बोर्ड, बढ़ा सीमा विवाद

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Published : May 7, 2023, 8:07 PM IST

Updated : May 7, 2023, 9:44 PM IST

झारखंड की जमीन पर किया कब्जा
झारखंड की जमीन पर किया कब्जा

बोकारो में झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच सीमा विवाद शुरू हो गया है. झारखंड की सीमा में बोर्ड लगा कर बंगाल के वन विभाग ने उसे बंगाल का बताया है.

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बोकारो: झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच सीमा विवाद उत्पन्न हो गया है. इस विवाद का कारण प. बंगाल फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के एक बोर्ड लगाने के कारण हुआ है. प. बंगाल फारेस्ट डिपार्टमेंट ने झारखंड की सीमा में बोर्ड लगाकर उस जमीन को अपनी जमीन बताया है. इसके साथ ही उस इलाके में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है. इसे लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर ग्रामीण तक आक्रोशित हैं.

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प. बंगाल फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के द्वारा बोकारो जिले के कसमार प्रखंड के सेवाती घाटी में ये बोर्ड लगाया गया है. यह बोर्ड पूर्णिया वन प्रमंडल के झालदा रेंज द्वारा लगाया गया है. ग्रामीणों के मुताबिक, करीब तीन-चार दिन पहले ही यह बोर्ड लगाया गया है. कसमार प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों के बीच सीमा को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. गोमिया विधायक डॉक्टर लंबोदर महतो ने इस मामले की जानकारी डीएफओ सहित अन्य पदाधिकारी को दी है. रविवार को बोकारो वन विभाग के कर्मियों ने नक्शे के आधार पर मापी की, जिसमें बोर्ड पश्चिम बंगाल वन क्षेत्र में लगे होने की बात सामने आई है, हालांकि मामला अभी तक शांत नहीं हुआ है, विवाद अभी जारी है. डीएफओ का कहना है कि जब तक प. बंगाल वन विभाग अपनी ओर से माफी नहीं मांगता है तब तक विवाद बने रहने की आशंका है.

क्या लिखा है बोर्ड में: इस बोर्ड में झारखंड वाले हिस्से को भी प. बंगाल का हिस्सा बताते हुए लिखा गया है कि अब यह भूमि, वन भूमि है और प. बंगाल का है. इसमें किसी प्रकार का अतिक्रमण गैरकानूनी है. इसका उल्लंघन करने पर इंडियन फॉरेस्ट एक्ट 1927 के तहत जेल या सजा या दोनों हो सकती है. बोर्ड में नीचे निर्देशानुसार झालदा रेंज पूर्णिया डिवीजन प. बंगाल सरकार लिखा हुआ है.

ग्रामीणों की मानें तो बंगाल फॉरेस्ट ने जिस स्थान को प. बंगाल का हिस्सा बताया है. वह विशुद्ध रूप से झारखंड का हिस्सा है और सदियों से वहां कसमार प्रखंड के ग्रामीणों द्वारा 1980 के दशक से ही टुसू मेला का आयोजन किया जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि जिस जगह बोर्ड लगाया गया है, उसे करीब 50 फीट आगे तक झारखंड सरकार के द्वारा लगभग 10 वर्ष पहले ही पीसीसी पथ और एक पुलिया का निर्माण भी किया गया है. ग्रामीणों ने सवाल किया कि इसके बाद ये प. बंगाल का हिस्सा कैसे हो जाएगा.

कैसे शुरू हुआ है विवाद: सेवाती घाटी में ग्रामीणों द्वारा स्थापित एक शिवलिंग है. उस स्थान पर अब मंदिर निर्माण का निर्णय ग्रामीणों ने लिया है. मंदिर के लिए मूर्ति आदि मंगवा ली गई है. मंदिर का शिलान्यास गोमिया विधायक डॉक्टर लंबोदर महतो करने वाले हैं. इसकी जानकारी मिलते ही मंदिर निर्माण के पहले ही प. बंगाल फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने उस स्थान पर बोर्ड लगा दिया है. बोर्ड लगते ही स्थानीय ग्रामीण इसका विरोध करने लगे हैं. ग्रामीणों में इसको लेकर रोष व्याप्त है.

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बता दें कि अगर ये विवाद बढ़ता है तो झारखंड और पश्चिम बंगाल भा उन राज्यों में शामिल हो जाएंगे, जिनके बीच सीमा विवाद चल रहा है. इससे पहले अरुणाचल प्रदेश और असम, असम-नागालैंड, असम-मिजोरम, मेघालय-असम, कर्नाटक-महाराष्ट्र, हरियाणा-हिमाचल, हिमाचल-लद्दाख, कर्नाटक-केरल, ओडिशा-आंध्र, ओडिशा-बंगाल, ओडिशा-छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के बीच सीमा विवाद चल रहा है.

Last Updated :May 7, 2023, 9:44 PM IST
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