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लोकसभा चुनाव की तैयारी : भाजपा ने की नए प्रदेश प्रभारियों की घोषणा, हारी सीटों पर फोकस

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Published : Sep 9, 2022, 6:36 PM IST

Updated : Sep 9, 2022, 10:39 PM IST

लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने नए प्रदेश प्रभारियों की घोषणा कर दी है. इसी के मद्देनजर पार्टी ने राज्यों के लिए पार्टी के राज्य प्रभारी और सह-प्रभारी की नियुक्ति कर दी गई है. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में कुछ मार्जिन से 144 हारी हुई सीटों में से 50 फीसदी सीटों को जीतने का पार्टी का टारगेट होगा. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट....

BJP President JP Nadda
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने नए प्रदेश प्रभारियों की घोषणा कर दी है. भाजपा ने विभिन्न राज्यों के प्रभारियों और सह प्रभारियों की जिम्मेदारी में बड़ा बदलाव किया है. वहीं पार्टी 2019 के लोकसभा चुनाव में 144 सीटों को नहीं जीत पाई थी लेकिन आगामी चुनाव में इनमें से 50 फीसदी पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य होगा. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विनोद तावड़े को बिहार का नया प्रभारी बनाया है, जबकि सह प्रभारी की जिम्मेदारी पहले की तरह हरीश द्विवेदी ही संभालते रहेंगे. छत्तीसगढ़ का प्रभारी ओम माथुर और सह प्रभारी नितिनि नबीन को बनाया गया है. वहीं बिप्लब कुमार देब को हरियाणा, लक्ष्मीकांत वाजपेयी को झारखंड और विनोद सोनकर को दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव का प्रभारी बनाया गया है.

  • BJP appoints party's state incharges & co-incharges for states

    Ex-Tripura CM Biplab Deb to be the incharge of Haryana,ex-Gujarat CM Vijay Rupani to be that of Punjab-Chandigarh, ex-Bihar Minister Mangal Pandey to be that of WB & Sambit Patra to be coordinator of northeast states pic.twitter.com/z80tMyGYQw

    — ANI (@ANI) September 9, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इसी तरह केरल का प्रभारी प्रकाश जावेड़कर को बनाया गया है. राधामोहन अग्रवाल को लक्षद्वीप के प्रभारी के साथ-साथ केरल के सह प्रभारी की जिम्मेदारी भी दी गई है. पी. मुरलीधर राव को मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है और उनके साथ राज्य में दो नेताओं पंकजा मुंडे और रमाशंकर कठेरिया को सह प्रभारी बना कर लगाया गया है. विजय भाई रुपाणी को पंजाब और चंडीगढ़ का प्रभारी बनाया गया है. नरिंदर सिंह रैना को पंजाब का सह प्रभारी बनाया गया है. तेलंगाना का प्रभार तरूण चुग संभालेंगे और उनके साथ अरविंद मेनन को राज्य का सह प्रभारी बनाया गया है. राजस्थान के प्रभारी की जिम्मेदारी पहले की तरह ही अरुण सिंह संभालते रहेंगे और उनके साथ सह प्रभारी के तौर पर विजया राहटकर को लगाया गया है.

महेश शर्मा को त्रिपुरा का प्रभारी बनाया गया है. पश्चिम बंगाल का जिम्मा प्रभारी बनाकर मंगल पांडेय को सौंपा गया है. अमित मालवीय पहले की तरह राज्य के सह प्रभारी बने रहेंगे और उनके साथ ही आशा लकड़ा को भी पश्चिम बंगाल का सह प्रभारी बनाया गया है. संबित पात्रा को नार्थ ईस्ट प्रदेश का संयोजक और रितुराज सिन्हा को सह संयोजक बनाया गया है. भाजपा में हुए इस बड़े और अहम बदलावों को इन राज्यों में होने वाले आगामी विधान सभा चुनावों के साथ-साथ 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

2019 में लोकसभा की हारी हुई 144 सीटों में से आधी जीतने का होगा लक्ष्य - बता दें कि राज्य के प्रभारियों की निकाली गई सूची में अलग-अलग राज्य के प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई है. इनमें कई प्रभारियों को उनके पुराने राज्य ही दिए गए हैं लेकिन ज्यादातर प्रभारियों राज्य में फेरबदल किया गया है. इसी क्रम में पिछले मंगलवार को गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष ने एक बैठक की थी जिसमें केंद्रीय मंत्रियों को उनके प्रवास कार्यक्रम को पूरा नहीं किए जाने को लेकर चिंता जताई गई थी और अब पार्टी नए सिरे से लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयारियां कर रही है. किन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त मिली या उन सीटों में जहां पार्टी जीत दर्ज नहीं कर पाई, उन सीटों को चिन्हित करके पार्टी उन सीटों के अंतर्गत आने वाले राज्य प्रभारियों को जल्दी ही वहां भेजेगी और अगले अक्टूबर से इन सीटों पर राज्य के प्रभारी और अध्यक्ष मिलकर संगठन को मजबूत करने का काम करेंगे.

सूत्रों की मानें तो पिछले बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने साफ तौर पर अपने नेताओं से कहा था कि संगठन है तो सरकार है और सबसे पहले संगठन को मजबूत करना आवश्यक है इसलिए जहां-जहां संगठन में मजबूती नहीं है या कुछ कमी रह गई है और राज्य के प्रभारी और अध्यक्ष मिलकर उन सीटों को मजबूत करने की पूरी-पूरी कोशिश करें. देश की 144 ऐसी लोकसभा सीटें है जिसमें भारतीय जनता पार्टी 2019 में जीत हासिल नहीं कर पाई थी. उन सीटों पर पार्टी ने राज्य के प्रभारियों को सक्रिय रहने के आदेश दिए हैं और उनसे कहा गया है कि इन सीटों में से कम से कम इनकी 50 फीसदी सीटें इस बार हर हाल में जीतने की कोशिश की जाए. पार्टी के आला नेताओं ने कहा है कि 2014 की ऐसी सीटें जिन्हें 2019 के चुनाव में हम 30 फीसदी जीत चुके हैं ठीक उसी तरह 2019 में कुछ मार्जिन से हारी गई 144 सीटों में से कम से कम 50 फीसदी सीटों को जीतना है.

इसी वजह से इन 144 लोकसभा सीटों के लिए प्रवास कार्यक्रम तय किया गया था. पार्टी प्रवास कार्यक्रम को फिर से अक्टूबर में शुरू करने जा रही है लेकिन उससे पहले उन केंद्रीय मंत्रियों को निर्देश दिए गए हैं जिन्होंने अपने प्रवास कार्यक्रम पूरे नहीं किए हैं. वह दूसरे चरण की शुरुआत से पहले अपने पहले चरण के टास्क को पूरा कर लें. सूत्रों की माने तो 144 सीटों के प्रवास कार्यक्रम पूरे होने के बाद पार्टी कुछ और नई सीटों पर भी पर प्रवास कार्यक्रम चलाने के लिए उन्हें चिन्हित कर सकती है.

नाम नाम लेने की शर्त पर बीजेपी के एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कई मंत्रियों ने प्रवास कार्यक्रम पूरे नहीं किए हैं और उन्हें अक्टूबर से पहले प्रवास कार्यक्रम के पहले चरण को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कहा कि प्रवास के कार्यक्रम नई सीटों पर अक्टूबर से बनाए जाएंगे और उनमें कुछ और नए केंद्रीय मंत्रियों को भी लगाया जा सकता है.

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Last Updated : Sep 9, 2022, 10:39 PM IST
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