ETV Bharat / bharat

Karnataka Electricity Bill : कर्नाटक में बिजली की दरें बढ़ीं, भाजपा ने कांग्रेस को घेरा

author img

By

Published : Jun 13, 2023, 6:02 PM IST

कर्नाटक में बिजली की दर बढ़ने पर कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे के आमने-सामने हैं. एक ओर जहां कांग्रेस आरोप लगा रही है कि भाजपा ने बिजली की दरें बढ़ाई थीं, वहीं भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने वादा कर आम आदमी के साथ धोखा किया है.

karnataka cm siddaramaiah and Deputy cm DK shivkumar
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार

बेंगलुरु : कर्नाटक में कांग्रेस सरकार और विपक्षी भाजपा आरोप-प्रत्यारोप में लिप्त है. दोनों दल एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं कि लोगों ने बढ़े हुए बिजली के बिलों पर नाराजगी जताई है. पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को शिगांव शहर में कहा कि उनके कार्यकाल में बिजली की दरें नहीं बढ़ाई गईं. हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने दावा किया कि राज्य में भाजपा सरकार के दौरान बिजली की दरें बढ़ाई गई थीं.

बोम्मई ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई थी. बोम्मई ने दावा किया कि केईआरसी एक वैधानिक बॉडी है. हालांकि, इसने मार्च में बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था, लेकिन हम सहमत नहीं थे. हमने बिजली दरों में वृद्धि नहीं की थी. कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद बिजली की दरों को बढ़ाया गया है.

उन्होंने कहा कि अप्रैल में बिजली की दरें बढ़ाई गई हैं. यह बहुत बड़ा बोझ है. आने वाले दिनों में पावर सेक्टर (बिजली क्षेत्र) पर संकट आने वाला है. ट्रांसपोर्ट और पावर सेक्टर को फंड दिया जाना चाहिए, इसके एक साल बाद सब्सिडी दी गई तो काम नहीं चलेगा.

बोम्मई ने आगे कहा कि अगर बिजली और ट्रांसपोर्ट क्षेत्रों को फंड नहीं दिया गया और कुशलता से प्रबंधित किया गया, तो बसें चलना बंद हो जाएंगी और बिजली नहीं रहेगी. वहीं सीएम सिद्दारमैया ने रविवार को दावा किया था कि पिछली भाजपा सरकार की सिफारिश के अनुसार बिजली दरों में वृद्धि की गई है. सिद्दारमैया ने दावा किया, हालांकि, भाजपा झूठ फैला रही है कि हमने बिजली की दरें बढ़ा दी हैं.

कर्नाटक विद्युत नियामक आयोग (केईआरसी) ने 12 मई को बिजली दरों में संशोधन किया. केईआरसी के आदेश के अनुसार, राज्य में सभी घरेलू कनेक्शनों के लिए बिजली शुल्क को संशोधित कर औसतन 70 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया था और आदेश को अप्रैल 2023 की खपत से पूर्वव्यापी प्रभाव दिया गया था. बेंगलुरु इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी (बेस्कॉम) के प्रबंध निदेशक महंतेश बिलागी ने कहा कि टैरिफ में संशोधन के कारण जून के बिलों में औसतन 70 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की जाएगी. उन्होंने कहा कि हमें इस आदेश को लागू करने के लिए मजबूर किया गया है.

चूंकि यह आदेश 1 अप्रैल 2023 से पूर्वव्यापी आधार पर पारित किया गया था, इसलिए जून के बिल में बकाया वसूल किया जाएगा. केईआरसी ने टैरिफ को दो स्लैब में तय करने का भी आदेश दिया. आदेश के अनुसार प्रथम 100 यूनिट की खपत के लिए संशोधित ऊर्जा शुल्क 4.75 रुपये प्रति यूनिट है और यदि खपत 100 यूनिट से अधिक हो जाती है तो ऊर्जा शुल्क 7 रुपये प्रति यूनिट है. अगर खपत 100 यूनिट से ज्यादा हो जाती है तो उपभोक्ता को 7 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से पैसा देना होगा.

बिलागी ने कहा कि टैरिफ संशोधन से पहले, ऊर्जा शुल्क तीन स्लैब में तय किए गए थे. पहले के ऊर्जा शुल्क के अनुसार, पहले 50 यूनिट की खपत के लिए ऊर्जा शुल्क 4.15 रुपये प्रति यूनिट था, अन्य 50 यूनिट की खपत के लिए ऊर्जा शुल्क 5.6 रुपये प्रति यूनिट था और 100 यूनिट से अधिक खपत के लिए ऊर्जा शुल्क 7.15 रुपये प्रति यूनिट निर्धारित किया गया था.

केईआरसी ने निर्धारित शुल्कों में भी संशोधन किया. 1 से 50 किलोवाट स्वीकृत लोड के लिए फिक्स चार्ज 110 रुपये और 50 किलोवाट से अधिक स्वीकृत लोड के लिए फिक्स चार्ज 210 रुपये होगा. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिजली दरों में बढ़ोतरी से नाराज राज्य भर में कई लोग अधिकारियों को चुनौती दे रहे हैं कि वे बिजली बिल का भुगतान नहीं करेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए. जिन लोगों को 800 रुपये का बिल मिलता था उन्हें अब 2400 रुपये तक चुकाने होंगे. यह स्थिति कांग्रेस सरकार के लिए एक रोड़ा साबित हो रही है, जो गृह ज्योति योजना से अधिकतम लाभ प्राप्त करना चाहती है, जिसके तहत वह सभी घरों को 200 यूनिट बिजली मुफ्त प्रदान कर रही है.

ये भी पढ़ें : कर्नाटक: बेंगलुरु में विदेशी यूट्यूबर के साथ बदतमीजी, आरोपी गिरफ्तार

(आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.