ETV Bharat / bharat

वायु प्रदूषण रोकने के लिए खूबसूरत कारों के बजाय चलाएं साइकिल : सीजेआई

author img

By

Published : Oct 30, 2020, 7:56 AM IST

Updated : Oct 30, 2020, 8:33 AM IST

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण लगातार तेजी से बढ़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे ने कहा है कि मुझे कुछ जानकारों ने बताया है कि प्रदूषण की वजह सिर्फ पराली नहीं है. आप लोग लंबी-लंबी खूबसूरत गाड़ियों में घूमना बंद करें और अब आपको साइकिल चलाने की आदत डालनी होगी.

delhi pollution
सीजेआई ने वकीलों को दी सलाह

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अधिवक्ताओं से कहा कि अब वे अपनी बड़ी और खूबसूरत कारों के बजाय साइकिल का उपयोग करें. दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे ने कहा है कि मुझे कुछ जानकारों ने बताया है कि प्रदूषण की वजह सिर्फ पराली नहीं है. आप लोग लंबी-लंबी खूबसूरत गाड़ियों में घूमना बंद करें और अब आपको साइकिल चलाने की आदत डालनी होगी.

प्रधान न्यायाधीश बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कुछ विशेषज्ञों ने हमें अनौपचारिक रूप से कहा है कि वायु प्रदूषण केवल पराली जलाने के कारण नहीं है, बल्कि कई अन्य कारण भी हैं. आप वकीलों को भी अपने बड़ी एवं सुंदर कारों से नीचे उतरना होगा और साइकिल की सवारी करनी होगी. मोटर साइकिल नहीं, साइकिल. केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष अपने दलील प्रस्तुत की जिसमें न्यायाधीश ए.एस. बोपन्ना और वी. रामसुब्रमण्यम भी शामिल थे. मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार वायु प्रदूषण के खिलाफ एक कानून लेकर आई है.पीठ ने कहा कि वह इस मामले में कोई और आदेश पारित करने से पहले अध्यादेश को देखेगी.

सीजेआई बोबडे ने यह भी आश्वासन दिया कि याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए सुझावों को ध्यान में रखे बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जाएगा. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि वह याचिकाकर्ता जो कि एक नाबालिग है, उनका प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह को भी सुनेंगे. उन्होंने कहा कि अदालत सॉलिसिटर जनरल को उन चीजों पर विचार करने के लिए कहा जाएगा जो वह सुझा रहे हैं.मजाकिया अंदाज में चुटकी लेते हुए प्रधान न्यायाधीश ने यह भी कहा कि अगर मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश होने वाला (याचिका से संबंधित) कोई भी व्यक्ति वायु प्रदूषण के कारण बीमार पड़ा तो वह सॉलिसिटर जनरल को जिम्मेदार ठहराएंगे. संक्षिप्त सुनवाई के बाद पीठ ने मामले की सुनवाई अगले सप्ताह शुक्रवार को तय की है.

इस सप्ताह की शुरुआत में सॉलिसिटर जनरल ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान जिसमें पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी, सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि केंद्र दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के खतरे से निपटने के लिए एक कानून बनाएगा. बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण लगातार तेजी से बढ़ रहा है और इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने अध्यादेश के जरिए गुरुवार को एक नया कानून बनाया है, जो कि यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.

पढ़ें : दिल्ली में पराली से नहीं, ट्रांसपोर्ट और इंडस्ट्री से है 50 फीसदी से ज्यादा प्रदूषण

केंद्र ने पांच साल तक की जेल की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान रखते हुए यह अध्यादेश जारी किया है. इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बुधवार रात जारी किया गया था. अधिसूचना के अनुसार आयोग पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) का स्थान लेगा जिसे पहले सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के मामलों में सर्वोच्च निगरानी निकाय के रूप में गठित किया था.

Last Updated : Oct 30, 2020, 8:33 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.