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अनुच्छेद 370 पर दाखिल याचिकाओं पर SC में सुनवाई खत्म

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Published : Aug 28, 2019, 10:06 AM IST

Updated : Sep 28, 2019, 1:54 PM IST

अनुच्छेद 370 को लेकर कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है. बुधवार (आज) इन मामलों पर सुनवाई खत्म हो गई है. अब इस मामले पर सुनवाई अक्टूबर के पहले हफ्ते में होगी.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली कई सारी याचिकाएं दायर की गईं. इन याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय द्वारा बुधवार यानि आज सुनवाई खत्म हो गई है. इस मामले पर अब सुनवाई अक्टूबर के हफ्ते में होगी.

केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी
इस दौरान कई अहम फैसले इन याचिकाओं पर लिए जा रहे हैं. उच्चतम न्यायालय ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेजीं. इन याचिकाओं पर केन्द्र और जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस भी जारी किया है.

शीर्ष अदालत ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने के राष्ट्रपति आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं के संबंध में केन्द्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस भी जारी किए. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ केन्द्र की उस दलील से सहमत नहीं दिखी कि अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल और सॉलिसिटर जनरल के अदालत में मौजूद होने के कारण नोटिस जारी करने की जरूरत नहीं है.

पीठ ने नोटिस को लेकर 'सीमा पार प्रतिक्रिया' होने की दलील को ठुकराते हुए कहा, 'हम इस मामले को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेजते हैं.' इस पीठ में न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे और न्यायमूर्ति एस. ए. नजीर भी शामिल हैं. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस अदालत द्वारा कही हर बात को संयुक्त राष्ट्र के समक्ष पेश किया जाता है. दोनों पक्ष के वकीलों के वाद-विवाद में उलझने पर पीठ ने कहा, 'हमें पता है कि क्या करना है, हमने आदेश पारित कर दिया है और हम इसे बदलने नहीं वाले.'

अनुराधा भसीन की याचिका पर सुनवाई
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने के बाद पत्रकारों पर लगाई गई पाबंदियां समाप्त करने की मांग कर रही एक याचिका पर जवाब मांगा. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन द्वारा दायर की गई याचिका पर नोटिस जारी किया है.

पीठ ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन से भसीन की याचिका पर सात दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है. याचिका में भसीन ने मोबाइल इंटरनेट और लैंडलाइन सेवाओं समेत संचार के सभी माध्यमों को राज्य में बहाल करने के वास्ते निर्देश देने की मांग की है, ताकि मीडिया के लिए काम करने का सही वातावरण बन सके.

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सीताराम येचुरी कोर्ट से मिली राहत
उच्चतम न्यायालय ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को उनके पार्टी सहयोगी मोहम्मद यूसुफ तरीगामी से मिलने के लिए जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत दी. उन्होंने अपने सहयोगी से बीते दिनों मिलने के लिए अनुमति मांगी थी. साथ ही उन्हे कुछ अन्य काम करने की अनुमति नहीं है. चीफ जस्टिस ने कहा की सरकार उन्हे क्यों रोक रही है? वे देश के नागरिक हैं और वो वहां जा सकते हैं. इसपर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ये निर्णय आंतरिक नहीं, राजनीतिक दौरा था. इसके बाद भी कोर्ट ने उन्हे मिलने की इजाजत दी है.

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याचिकाकर्ता छात्र को मिली घर जाने की अनुमति
जामिया के एक छात्र ने भी इस मामले पर याचिका दायर की जिस पर जस्टिस रंजन गोगोई ने पूछा कि आज क्या हालत है, क्या आप अपने परिवार वालों से बातचीत कर पा रहे हैं. इसके साथ ही छात्र को अनंतनाग जाने की अनुमति दे दी गई है. साथ ही उससे कहा गया है कि परिवार से मिलने के बाद उसे कोर्ट को वहां के स्थिति की जानकारी देनी होगी. सॉलिसिटर जनरल ने इसकी व्यवस्था का जिम्मा लिया है.

बता दें, जम्मू-कश्मीर में संचार पर पाबंदियों सहित अन्य प्रतिबंधों को हटाने की मांग करते हुए ये याचिकाएं दायर की गई हैं. दरअसल, संचार पर पाबंदियां पत्रकारों के पेशेवर कर्तव्यों को पूरा करने की राह में बाधक बन रही हैं. अनुच्छेद 370 रद्द करने के फैसले के खिलाफ याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की है, जबकि नेशनल कांफ्रेंस सांसद मोहम्मद अकबर लोन और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में केंद्र द्वारा किये गए बदलावों को चुनौती दी है.

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पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद और राधा कुमार जैसे प्रख्यात हस्तियों सहित अन्य भी इसमें शामिल हैं. माकपा नेता सीताराम येचुरी ने भी एक याचिका दायर कर अपनी पार्टी के नेता मोहम्मद तारिगामी को पेश करने की मांग की है, जिन्हें अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया है. अनुच्छेद 370 से जुड़े सभी विषय और इसके बाद के घटनाक्रम प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं.

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Last Updated : Sep 28, 2019, 1:54 PM IST
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