फरीदकोट(पंजाब): बहबल कलां गोलीकांड के अहम गवाह हाकम सिंह फौजी का निधन हो गया है. बहबल कलां इंसाफ मोर्चा ने हाकम सिंह फौजी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. आपको बता दें कि बहबल कलां गोलीकांड कांड के न्याय के लिए लगातार आंदोलन रहे हैं, लेकिन हर बार सरकारों ने वादे और दावे कर प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया, लेकिन किसी भी सरकार में मोर्चे को न्यान नहीं मिला.
बहबल कलां गोलीकांड के बाद दो सरकारें बदल चुकी हैं लेकिन किसी भी सरकार ने इस मुद्दे का समाधान नहीं किया. हालांकि, आम आदमी पार्टी की सरकार ने सत्ता में आने से पहले जनता से वादा किया था कि 24 घंटे के भीतर ईशनिंदा और गोली मारने जैसे मामले सुलझा लिए जाएंगे और आरोपी सलाखों के पीछे होंगे, लेकिन सरकार को सत्ता में आए एक साल होने जा रहा है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की.
फरीदकोट में बनाया मजबूत मोर्चा: इस वादे के उल्लंघन से आक्रोशित पीड़ितों ने फरीदकोट में एक मजबूत मोर्चा बनाया है और न्याय मिलने के बाद ही मोर्चा उठाने की घोषणा की गई है. बहबल कलां इंसाफ मोर्चा लगातार इस घटना के दोषियों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला: यह मामला 1 जून, 2015 का है जब कोटकपुरा के गांव बुर्ज जवार सिंह वाला से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की चोरी हो गई, जिसके बाद 12 अक्टूबर, 2015 को ग्रंथ साहिब के हिस्से बरगाड़ी की गलियों में पाए गए. इसके बाद यह मामला पंजाब में आग की तरह फैल गया और सिख संगठनों ने कोटकपुरा चौक पर धरना दिया. इस धरने के दौरान रात में धरना स्थल पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. लाठीचार्ज के दौरान फायरिंग भी हुई, जिसमें 2 सिख युवक गुरकीरत सिंह और कृष्ण भगवान सिंह की मौत हो गई थी.