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अनुकंपा आधार पर नियुक्ति अधिकार नहीं, रियायत है : उच्चतम न्यायालय

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Published : Oct 3, 2022, 3:31 PM IST

Updated : Oct 3, 2022, 3:57 PM IST

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने आदेश में कहा है कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति अधिकार नहीं, रियायत है. अदालत ने ये आदेश फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड में ड्यूटी को दौरान हुई कर्मचारी की मौत के मामले में सुनाया है. पढ़िए पूरी खबर...

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कहा है कि अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति कोई अधिकार नहीं बल्कि रियायत है और ऐसी नियुक्ति का उद्देश्य प्रभावित परिवार को अचानक आए संकट से उबारने में मदद करना है. सर्वोच्च अदालत ने इस संबंध में पिछले हफ्ते केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) के खंडपीठ के फैसले को रद्द कर दिया. खंडपीठ के फैसले में एकल न्यायाधीश के उस फैसले की पुष्टि की गई थी जिसमें फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड और अन्य को अनुकंपा के आधार पर एक महिला की नियुक्ति के मामले पर विचार करने का निर्देश दिया गया था,

न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने आदेश में कहा कि महिला के पिता फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड (Fertilizers And Chemicals Travancore Limited) में कार्यरत थे. ड्यूटी के दौरान उनकी अप्रैल 1995 में मृत्यु हो गई थी. पीठ ने कहा कि उनकी मृत्यु के समय उनकी पत्नी नौकरी कर रही थीं, इसलिए याचिकाकर्ता अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की पात्र नहीं हैं.

पीठ ने कहा, 'कर्मचारी की मृत्यु के 24 साल बाद प्रतिवादी अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की हकदार नहीं होंगी. अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के संबंध में शीर्ष अदालत द्वारा स्पष्ट किए गए कानून के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत सभी उम्मीदवारों को सभी सरकारी रिक्तियों के लिए समान अवसर प्रदान किया जाना चाहिए.

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संविधान का अनुच्छेद 14 कानून के सामने समानता है और अनुच्छेद 16 सरकारी रोजगार के मामलों में अवसर की समानता से संबंधित हैं. पीठ ने 30 सितंबर के अपने आदेश में कहा, 'हालांकि, मृतक कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति इन मानदंडों का अपवाद है. अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति एक रियायत है और यह अधिकार नहीं है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Oct 3, 2022, 3:57 PM IST
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