ETV Bharat / bharat

राजस्थान के विधायकों की बैठक पर बोले अजय माकन, गहलोत के स्टैंड पर भी उठाए सवाल

author img

By

Published : Sep 26, 2022, 12:59 PM IST

ajay maken on rajasthan political crisis
ajay maken on rajasthan political crisis

राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने अशोक गहलोत गुट की विधायकों की बैठक (congress legislature party meeting) को अनुशासनहीनता करार दिया है. अजय माकन ने कहा है कि आगे देखते हैं कि उन पर क्या कार्रवाई होती है.

जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री के नए चेहरे को लेकर चल रहे घमासान के बीच कांग्रेस ऑब्जर्वर अजय माकन ने रविवार रात हुई विधायकों की अनऑफिशियल मीटिंग (congress legislature party meeting) को अनुशासनहीनता करार दिया. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के स्टैंड पर भी सवाल उठाए. वहीं, विधायकों से एक-एक कर बातचीत नहीं होने और कांग्रेस विधायकों की ओर से 3 शर्तों को प्रस्ताव में जोड़ने के विषय को दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने रखने की बात कही है.

मुख्यमंत्री के चयन को लेकर कांग्रेस विधायकों ने सचिन पायलट का खुलकर विरोध किया है और रविवार को सीएमआर में ऑब्जर्वर के साथ रखी गई मीटिंग में भी वो नहीं पहुंचे. हालांकि बाद में विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी बात रखी, जिस पर ऑब्जर्वर अजय माकन ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे और वो बतौर ऑब्जर्वर जयपुर पहुंचे हैं. यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछ कर उनकी सहमति पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक रखी गई, लेकिन जो विधायक सीएमआर नहीं पहुंचे, उनसे लगातार यही कहा गया कि वो वन टू वन एक-एक विधायक की बात सुनने के लिए यहां आए हैं.

गहलोत के स्टैंड पर उठाए सवाल

पढ़ें- Rajasthan Congress crisis Live: अशोक गहलोत के गुट विधायकों ने की है बगावत- बैरवा

गहलोत के स्टैंड पर उठाए सवाल- माकन ने कहा कि जो भी बात विधायक कहेंगे, उसे दिल्ली जाकर बताया जाएगा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी वन टू वन बात करने के निर्देश मिले थे, बावजूद इसके शांति धारीवाल, महेश जोशी और प्रताप सिंह खाचरियावास उनके नुमाइंदे के तौर पर उनके पास आए और तीन शर्तें रखी. विधायक प्रतिनिधियों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष को पद छोड़ने का प्रस्ताव यदि पास करना है, तो इसे बेशक करें. लेकिन इसका फैसला 19 अक्टूबर के बाद होना चाहिए. इस पर उन्होंने जवाब दिया कि यदि अशोक गहलोत प्रस्ताव मूव करते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष पर सब छोड़ा जा रहा है और 19 अक्टूबर के बाद यदि वो खुद अध्यक्ष बन जाएंगे तो अपने ही प्रस्ताव पर वो अपने आप को एमपावर कर रहे हैं. इससे बड़ा कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट नहीं हो सकता. ऐसा नहीं करने को लेकर समझाइश की गई, लेकिन विधायकों के प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि आप इसे पब्लिकली कहें और इसे प्रस्ताव का हिस्सा बनाना पड़ेगा. बेशक प्रस्ताव आज पास हो लेकिन लेकिन 19 अक्टूबर के बाद लागू होगा.

पढ़ें- Rajasthan Political Crisis: स्पीकर जोशी के घर फिर जमा हो सकते हैं गहलोत समर्थक MLA

वहीं, विधायकों से अलग-अलग एक-एक करके बात करने के लिए जब कहा गया तो इस पर विधायकों के प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि वो ग्रुप में आएंगे. इस पर उनसे समझाइश की गई कि कांग्रेस की हमेशा से प्रथा रही है कि यहां सब से एक-एक करके बात की जाती है ताकि बिना किसी दबाव के विधायक अपनी बात रख सके. इस पर भी वो रजामंद नहीं हुए और ग्रुप में आने की बात पब्लिकली कहने को कहा.

पढ़ें- Rajasthan Political Crisis: 76 विधायकों ने दिए इस्तीफे, इन विधायकों पर हो सकती है कार्रवाई

उन्होंने 102 विधायक जो अशोक गहलोत के उस दौर में लॉयल थे, उन्हीं में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाने और सीएम सचिन पायलट या उनके ग्रुप में से नहीं बनाए जाने की बात रखी. इस पर उन्होंने कहा कि इसी बात को विधायकों से सुनने के लिए एक-एक कर उन्हें बुलाने के लिए समझाइश की गई और इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अशोक गहलोत से बात करके फैसला लेंगी. लेकिन विधायक प्रतिनिधि इसी पर सहमत नहीं हुए और लगातार इन तीनों बातों को प्रस्ताव का हिस्सा बनाने की बात कही.

पढ़ें- राजस्थान के नेताओं को इस कांग्रेस नेता ने दी सीख, कहा- राहुल गांधी से क्यों नहीं सीखते

उन्होंने ये स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस के 75 साल के इतिहास में कभी भी कंडीशनर प्रस्ताव नहीं होता है. रेजुलेशन एक लाइन का होता है. कांग्रेस अध्यक्ष को सारी बातों की जानकारी दी जाती है, जिसके बाद फैसला लिया जाता है और ये कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट के साथ नहीं होना चाहिए कि आज जो प्रस्ताव पास कर रहे हैं, वो इलेक्शन लड़ रहे हैं और कल को वो राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाते हैं तो वही अपने प्रस्ताव पर फैसला करें. ये पूरी तरह कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट है.

पढ़ें- सोशल मीडिया पर छाई राजस्थान कांग्रेस की जंग, गहलोत-पायलट को लेकर Twitter पर मीम्स की बाढ़

माकन ने कहा कि विधायक प्रतिनिधियों को स्पष्ट कहने के बावजूद भी वो एक-एक कर वार्ता के लिए नहीं आए. लिहाजा अब दोनों ऑब्जर्वर मलिकार्जुन और माकन दिल्ली जा रहे हैं, और अपनी पूरी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपेंगे. उन्होंने कहा कि अभी ये आइडिया नहीं है कि कुल कितने विधायक थे, जो नहीं आए या जिन्होंने इस्तीफा दिया है. उम्मीद यही है कि कांग्रेस के सभी विधायक बैठ करके बात करेंगे और कोई रास्ता निकाल लेंगे. उन्होंने प्राथमिक स्तर पर कल हुई बैठक को अनुशासनहीनता करार देते हुए कहा कि जब एक ऑफिशल मीटिंग बुलाई गई है और उसी के समानांतर कोई अनऑफिशियल मीटिंग बुलाई जाए तो ये प्राथमिक दृष्टि से अनुशासनहीनता है. आगे देखेंगे इस पर क्या कार्रवाई की जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.