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द्वारका मोड़ पर स्कूल के पास 12वीं की छात्रा पर एसिड अटैक, हॉस्पिटल में भर्ती

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Published : Dec 14, 2022, 12:47 PM IST

दिल्ली के तिरंगा चौक के पास एक लड़की पर तेजाब जैसा ज्वलनशील पदार्थ फेंकने का मामला सामने आया है. वह एक प्राइवेट स्कूल में 12वीं में पढ़ती है. पुलिस के मुताबिक घटना के समय वह अपनी छोटी बहन के साथ थी. जानकारी के अनुसार पीड़ित लड़की को सफदरजंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.

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द्वारका मोड़ पर स्कूल के पास 12वीं की छात्रा पर एसिड अटैक

नई दिल्ली : द्वारका जिला के तिरंगा चौक के पास एक लड़की पर तेजाब जैसा ज्वलनशील पदार्थ फेंकने का मामला सामने आया है. वह मोहन गार्डन इलाके में किराए पर रहती है. यह घटना द्वारका मेट्रो स्टेशन से पहले तिरंगा चौक के पास हुई है.

इस मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस की टीम पहुंच गई. डीसीपी द्वारका एम हर्षवर्धन ने कहा कि हम इस मामले के बारे में पता लगा रहे हैं और इसकी जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं. हमला करने वाला कौन है और पीड़ित लड़की की क्या स्थिति है ?

पता चला है कि नीले रंग की बाइक पर दो लड़के पहुंचे थे. उन्होंने लड़की पर ज्वलनशील पदार्थ फेंका है. वह एक प्राइवेट स्कूल में 12वीं में पढ़ती है. वारदात के समय मां भी साथ में थी. जानकारी के अनुसार पीड़ित लड़की को सफदरजंग हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है.

क्या कहती है दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस के अनुसार, "घटना के समय लड़की अपनी छोटी बहन के साथ थी. उसने अपने परिचित दो लोगों पर शक जताया है. एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है और आगे की जांच जारी है. थान मोहन गार्डन इलाके में एक लड़की पर तेजाब फेंकने की घटना के संबंध में सुबह करीब 9 बजे PCR कॉल आई. यह कहा गया कि 17 साल की एक लड़की पर कथित तौर पर सुबह करीब 7:30 बजे दो बाइक सवारों ने एसिड जैसा किसी पदार्थ का उपयोग करके हमला किया था."

गत माह दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली सरकार के डिविजनल कमिश्नर को नोटिस जारी कर उन एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जो अपने अधिकार क्षेत्र में एसिड बिक्री के प्रावधानों एवं नियमों को सुचारू रूप से लागू करने में विफल रहे हैं. दिल्ली के कुल 11 जिलों में से पांच जिलों में बीते छह वर्षों के दौरान एसिड बिक्री को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई.

  • थान मोहन गार्डन इलाके में एक लड़की पर तेजाब फेंकने की घटना के संबंध में सुबह करीब 9 बजे PCR कॉल आई। यह कहा गया कि 17 साल की एक लड़की पर कथित तौर पर सुबह करीब 7:30 बजे दो बाइक सवारों ने एसिड जैसे किसी पदार्थ का उपयोग करके हमला किया था: दिल्ली पुलिस

    (तस्वीरें: CCTV) pic.twitter.com/FryCo9Um4t

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) December 14, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दिल्ली महिला आयोग ने चिंता जताई

दिल्ली महिला आयोग ने कहा है कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजधानी में खुलेआम तेजाब की बिक्री जारी है. दिल्ली में इस संबंध में जारी आदेश के क्रियान्वयन की स्थिति का पता लगाने के लिए आयोग द्वारा सभी जिलाधिकारियों को अगस्त 2022 में नोटिस जारी किए गए थे. साथ ही एसडीएम द्वारा किए गए निरीक्षणों की संख्या, लगाए गए जुर्माने की संख्या के साथ जुर्माने की राशि के संबंध में भी जानकारी मांगी गई थी. इसके अतिरिक्त, एकत्र की गई जुर्माने की राशि के उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश और इस संबंध में व्यय का विवरण भी मांगा गया था. दिल्ली के सभी जिलों से मिली जानकारी बेहद चिन्तनीय हैं.

दिल्ली महिला आयोग ने चिंता जताई

एसिड बिक्री के नियमों का उल्लंघन

सम्बन्धित विभाग से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर यह देखने में आया है कि जिलों में एसिड बिक्री को नियंत्रित करने के लिए तय प्रावधानों के अनुसार निरीक्षण नहीं किए जा रहे हैं. उदाहरण के तौर पर, वर्ष 2017 में शाहदरा और उत्तरी जिले में एसडीएम द्वारा आज तक कोई भी निरीक्षण नहीं किया गया है. नई दिल्ली जिले के अलावा, जहां 554 निरीक्षण किए गए थे, अधिकांश जिलों में निरीक्षण नहीं किए जा रहे हैं. इसके अलावा, जिलों में तेजाब की अनियमित बिक्री के खिलाफ शायद ही कोई दंडात्मक या वैधानिक कार्यवाही को अमल में लाया जा रहा है. उदाहरण के लिए, पूर्वी, उत्तरी, नई दिल्ली, उत्तर पूर्वी और शाहदरा जिले के कई एसडीएम ने 2017 के बाद से अपने जिलों में अनियमित एसिड बिक्री पर एक भी जुर्माना नहीं लगाया है. आयोग को प्राप्त सूचना के अनुसार पश्चिमी जिले में पिछले 6 वर्षों में सबसे ज्यादा दंड राशि 9,90,000 रुपये एकत्र की. इसके बाद दक्षिणी जिला था जिसने 8,15,000 रुपये और सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट जिसने 7,85,000 रुपये उत्तर पश्चिम जिले ने पिछले 6 वर्षों में 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. स्पष्ट रूप से, यह राशि वास्तविक रुप से संज्ञान में आए अवैध रुप से एसिड बिक्री के मामलों के मुकाबले काफी कम है. वर्ष 2017 के बाद से एकत्र किए गए 36.5 लाख रुपये के जुर्माने की राशि का उपयोग एसिड अटैक पीड़िताओं के पुनर्वास के लिए नहीं किया जा रहा है, जैसा कि अनिवार्य था.

देशभर में एसिड अटैक के 386 मामले दर्ज

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली समेत देशभर में 2018 से 2020 के दौरान महिलाओं पर एसिड अटैक के 386 मामले दर्ज किए गए तथा इस अवधि के दौरान ऐसे मामलों में कुल 62 लोगों को अदालतों द्वारा दोषी करार दिया गया है. यह जानकारी अगस्त माह में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए दी.

उन्होंने कहा कि 2018 में महिलाओं के खिलाफ एसिड अटैक के 131 मामले, 2019 में 150 और 2020 में 105 मामले दर्ज किए गए हैं.

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