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Bodh Gaya Bomb Blast : 3 दोषियों को उम्रकैद, 5 को दस साल जेल

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Published : Dec 17, 2021, 5:30 PM IST

Bodh Gaya Bomb Blast
Bodh Gaya Bomb Blast

बोधगया बम ब्लास्ट (Bodh Gaya Bomb Blast) मामले में आज एनआईए कोर्ट सभी गुनाहगारों को सजा सुनायी गयी. बीते दिनों सुनवाई के दौरान 8 आतंकियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था. जिन्हें कोर्ट ने सजा सुना दी है. एक अन्य अभियुक्त पर सुनवाई जारी रहेगी. आगे पढ़ें पूरी खबर...

पटना : बोधगया बम विस्फोट (Bodh Gaya Bomb Blast) मामले में एनआइए (NIA) के विशेष न्यायाधीश गुरविंद सिंह मल्होत्रा की अदालत में आज सभी 8 दोषियों को सजा सुनाई गयी. इससे पूर्व 10 दिसंबर को आठ अभियुक्तों ने अदालत में आवेदन देकर अपने गुनाह को कबूल किया था. इसके बाद अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था. एक अन्य अभियुक्त जहिदुल इस्लाम ने अपना जुर्म कबूल नहीं किया है. इसलिए उनपर फैसला लंबित है.

महाबोधि मंदिर विस्फोट मामले में 8 दोषी को सजा:-

  • अहमद अली उर्फ कालू - उम्रकैद
  • दिलावर हुसैन -दस साल
  • पैगम्बर शेख - उम्रकैद
  • मुस्तफा रहमान उर्फ शाहिन उर्फ तुहिन- दस साल
  • नूर आलम मोमिन - उम्रकैद
  • आरिफ हुसैन उर्फ अतातुर्क उर्फ सैयद उर्फ अनस उर्फ आलमगीर शेख -दस साल
  • मोहम्मद आदिल शेख उर्फ अब्दुल्लाह - दस साल
  • अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख उर्फ इकबाल उर्फ फट्टू शेख - दस साल

दरअसल, एनआईए की विशेष अदालत में न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की कोर्ट में बोधगया के महाबोधि मंदिर के आरोपी अहमद अली उर्फ कालू, पैगंबर शेख, नूर आलम मोमिन, आदिल शेख उर्फ असद उल्लाह, दिलावर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख, मुस्तफिजुर रहमान और शाहीन और आरिफ हुसैन उर्फ अतातुर की ओर से याचिका दाखिल कर स्वेच्छा से अपना अपराध कबूल किए जाने की बात कही गई थी. वहीं इस मामले में नौवें आरोपी जाहिद उल इस्लाम ने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया था.

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बता दें कि बोधगया के महाबोधि मंदिर ब्लास्ट मामले में 8 आतंकियों द्वारा निवेदन किया गया था कि इस मामले में वह लंबे समय से जेल में है. वे अपने परिवार, बच्चे, माता-पिता से काफी दिनों से मुलाकात नहीं कर पाए हैं. वह समाज में पुनः लौटना चाहते हैं. इसलिए उनके आवेदन को स्वीकार किया जाए. जानकारी दें कि आरोपियों के आवेदन पर सुनवाई और उसके बयान के आधार अदालत में सबको अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दिया है. फिलहाल सभी अभियुक्त राजधानी पटना के बेउर जेल में बंद हैं.

एनआईए ने 3 फरवरी, 2018 को मामला दर्ज किया था. इस मामले में पहला इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) कालचक्र मैदान के गेट नंबर 5 पर पाया गया था और इसे सुरक्षित करने के दौरान इसमें विस्फोट हो गया था. दो और आईईडी बाद में श्रीलंकाई मठ के पास और महाबोधि मंदिर के गेट नंबर 4 की सीढ़ियों पर पाए गए थे.

एनआईए द्वारा की गई जांच में पाया गया कि गणमान्य व्यक्तियों के दौरे से पहले दोषी व्यक्तियों ने बोधगया मंदिर परिसर में आईईडी लगाकर साजिश रची थी. जेएमबी के आतंकवादियों ने एक दूसरे से संपर्क किया था, एक साथ यात्रा की थी, साजिश रची थी और विस्फोटक खरीदे थे. पूरी योजना के बाद इन तीनों आईईडी को बोधगया मंदिर परिसर में प्लांट किया गया.

2018 में तीन गिरफ्तार आरोपियों - पी. शेख, अहमद अली और नूर आलम के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था और बाद में 2019 में 6 और व्यक्तियों - आदिल शेख, दिलवर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ कोरीम, मुस्तफिजुर रहमान, जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर और आरिफ हुसैन के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था. एनआईए की विशेष अदालत ने दोषी ठहराए गए आतंकवादियों को आज सजा सुनायी गयी.

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