67th BPSC Exam Cancelled: बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन का पेपर लीक, हंगामे के बाद परीक्षा रद्द

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Published : May 8, 2022, 9:16 PM IST

67th BPSC Exam Cancelled

बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद उसे आयोग ने रद्द कर दिया (67th BPSC PT Cancelled) है. BPSC ने जांच के बाद परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया. प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने पर अभ्यर्थियों ने रोष जताया है.

पटना : बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गई 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा को रद्द ( 67th BPSC Exam Cancelled ) कर दिया गया है. रविवार दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. लेकिन इसी दौरान पेपर के लीक होने की सूचना मीडिया के जरिए प्रकाशित हो गई. थोड़ी ही देर में परीक्षा देकर बाहर आए अभ्यर्थियों ने ये कहकर हंगामा शुरू कर दिया कि लगभग एक घंटे पहले ही बीपीएससी का पेपर लीक हो चुका था. उनके बयानों के आधार पर आयोग ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की. टीम ने चंद ही घंटों में बता दिया कि परीक्षार्थियों का दावा सही है. कमेटी ने पेपर रद्द करने की अनुशंसा आयोग को दे दी. जिसे स्वीकार करते हुए बिहार लोक सेवा आयोग ने पेपर को रद्द कर दिया. साथ ही डीजीपी से अनुरोध किया कि वायरल पेपर की जांच साइबर सेल करे.

इधर परीक्षा खत्म उधर पेपर रद्द : बता दें बीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा का प्रश्न पत्र कई सोशल मीडिया ग्रुप में रविवार को संपन्‍न हुई परीक्षा से कुछ मिनट पहले ही वायरल किए गए थे. वायरल प्रश्न पत्र को अभ्यर्थियों ने परीक्षा के बाद मूल प्रश्न पत्र से मिलान कराया. प्रश्न पत्र मेल खा रहे थे. राष्ट्रीय छात्र एकता मंच के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने परीक्षा आरंभ होने से करीब 10 मिनट पहले ही मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को भेजे ई-मेल में वायरल प्रश्‍नपत्र की कॉपी देते हुए परीक्षा रद करने की मांग की थी. इस मामले में सीएम नीतीश ने अपनी तरफ से जांच करेन का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा है कि हम अपने स्तर से पूछताछ करेंगे.

आयोग साइबर सेल से कराएगा जांच: बिहार लोक सेवा आयोग ने डीजीपी से अनुरोध किया है कि वायलर प्रश्न पत्रों की जांच साइबर सेल से कराई जाए. ताकि वायरल प्रश्न पत्रों के सोर्स तक पहुंचा जा सके. फिलहाल आयोग की अनुशंसा पर 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर दिया गया है. पेपर लीक कांड से अभ्यर्थियों में आयोग के प्रति रोष देखा जा रहा है. वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी सरकार और आयोग पर हमलावर हो चुके हैं.

परीक्षा से पहले पेपर हुआ था वायरल: गौरतलब है कि पटना में 55,710 परीक्षार्थियों के लिए 83 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. 802 पदों के लिए पहली बार रिकार्ड छह लाख से अधिक आवेदन परीक्षा के लिए आए थे. परीक्षा दोपहर 12 बजे से दो बजे तक आयोजित हुई. आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि इस परीक्षा के लिए 6,02,221 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था. सभी परीक्षा केंद्रों पर जिला प्रशासन की ओर से धारा 144 लागू की गई थी. बहरहाल, पेपर रद्द होने के चलते छात्रों में मायूसी है. अभ्यर्थी पेपर लीक मामले में आयोग को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने पर अभ्यर्थियों ने रोष जताया है.

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