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8-8 लाख की 2 इनामी महिला समेत आठ नक्सलियों का सरेंडर

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Published : Sep 3, 2019, 6:38 PM IST

Updated : Sep 3, 2019, 7:45 PM IST

नक्सलियों ने किया सरेंडर

सरेंडर करने वालों में नक्सलियों की मिलिट्री बटालियन की दो महिला सदस्य वेटटी पाली और कोमराम सम्मी भी शामिल हैं, जिनपर सरकार ने 8-8 लाख का इनाम रखा है. इनके अलावा आत्मसमर्पण करने वालों में एक-एक लाख के दो नक्सली भी शामिल हैं.

सुकमाः नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है. साकलेर, कोत्ताचेरु, पीढ़ेमल और कसालपाढ़ जैसी बड़ी नक्सल घटनाओं में शामिल2 महिला सहित 4 इनामी के साथ 8 नक्सलियों ने मंगलवार को पुलिस और CRPF के अधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया.

नक्सलियों ने किया सरेंडर

सरेंडर करने वालों में नक्सलियों की मिलिट्री बटालियन की दो महिला सदस्य वेटटी पाली और कोमराम सम्मी भी शामिल हैं, जिनपर सरकार ने 8-8 लाख का इनाम रखा है. इनके अलावा आत्मसमर्पण करने वालों में एक-एक लाख के दो नक्सली भी शामिल हैं.

सरकार की योजना से प्रभावित होकर किया सरेंडर
एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर ग्रामीण नक्सल संगठन छोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में पुलिस और CRPF को बड़ी सफलता मिली है.

आठ-आठ लाख का था इनाम
नक्सलियों की मिलिट्री बटालियन में काम कर रही दो महिला नक्सली समेत 8 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया. आत्मसमर्पित नक्सलियों में शामिल 8-8 लाख की इनामी मिट्टी पाली और कॉम राम शम्मी नक्सलियों की मिलिट्री बटालियन में पिछले कई साल से काम कर रही थी.

इन घटनाओं में था शामिल
सरेंडर करने वाले नक्सली पोडियम टिंकू उर्फ मंगड़ू पर एक लाख का इनाम था. साल 2006 में नक्सली संगठन में शामिल होकर कोंटा एरिया में सक्रिय था. इस दौरान साल 2007 में पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल था. साल 2014 में कशाल पाठ और साल 2017 में कोत्ताचेरुर की घटना में शामिल था. इन घटनाओं में पुलिस के कई जवान शहीद हुए थे.

2013 में हुआ नक्सली संगठन में शामिल
नक्सली पोडियम केसा पर एक लाख का इनाम था, वो साल 2013 में नक्सल संगठन में शामिल हुआ. बड़ेशेट्टी की तत्कालीन LOS कमांडर माड़वी भीमे की ओर से उसे बड़ेशेट्टी एलओएस सदस्य के पद पर भर्ती कराया गया.

नक्सलियों के लिए कर रहा था खेती
तब से लेकर साल 2015 तक बड़ेसट्टे में सदस्य के रूप में काम कर रहा था. उसके बाद उसे ग्राम गोगुंडा, धावल पारा में नक्सलियों के लिए खेती के काम की जिम्मेदारी दी गई. पुलिस पार्टी के बढ़ते दबाव के कारण लगभग एक साल डीवीसी कैसा के गार्ड के तौर पर कार्य कर रहा था. इसी दौरान बीमार होने के कारण वो वापस केरलापाल में आकर नक्सलियों की कृषि कमेटी में काम कर रहा था.

Intro:8-8 लाख के दो मिलिट्री बटालियन सदस्य समेत 8 नक्सलियों ने छोड़ा नक्सलवाद

सुकमा. नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे उन्मूलन अभियान के तहत सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। साकलेर, कोत्ताचेरु, पीढ़ेमल और कसालपाढ़ जैसी बड़ी नक्सल घटनाओ में शामिल माओवादियों ने मंगलवार को पुलिस और सीआरपीएफ के अधिकारियो के समक्ष समपर्ण किया है। इनमें माओवादियों की मिलिट्री बटालियन के दो महिला सदस्य वेटटी पाली और कोमराम सम्मी भी शामिल है जिनपर शासन ने 8-8 लाख का इनाम रखा है। इनके अलावा समपर्ण में एक-एक लाख के दो नक्सली भी शामिल है।

मंगवालर को पुराने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास योजना के प्रचार प्रसार से प्रभावित होकर ग्रामीण नक्सल संगठन छोड़ रहे हैं इसी कड़ी में पुलिस और सीआरपीएफ को बड़ी सफलता मिली है माओवादियों के मिलिट्री बटालियन में काम कर रही दो महिला नक्सली समेत आठ ने समर्पण किया है। 8-8 लाख की मिट्टी पाली और कॉम राम शम्मी नक्सलियों की मिलिट्री बटालियन में पिछले कई वर्षों से काम कर रही थी।






Body: जिले में घटी कई नक्सली घटनाओं में था शामिल...
आत्मा समर्पित नक्सली पोडियम टिंकू उर्फ मंगड़ू पर एक लाख का इनाम था। वर्ष 2006 में नक्सली संगठन में शामिल होकर कोंटा एरिया में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा था इस दौरान वर्ष 2007 में उर्फ अलमेडा पुलिस नक्सली मुठभेड़ की घटना ई-मेल के पास पुलिस नक्सली मुठभेड़ वर्ष 2014 में कशाल पाठ एवं उसकी घटना वर्ष 2017 में कोत्ताचेरुर की घटना में शामिल रहा। इन घटनाओं में कई पुलिस के जवान शहीद हुए और पुलिस पार्टी का हथियार लूटा गया।

माओवादियों के लिए कृषि का काम करता था... आत्मा समर्पित नक्सली पोडियम केसा(एक लाख) 2013 में नक्सल संगठन में शामिल हुआ। बड़ेशेट्टी की तत्कालीन एलओएस कमांडर माड़वी भीमे द्वारा उसे बड़ेशेट्टी एलओएस सदस्य के पद पर भर्ती कराया गया। तब से लेकर वर्ष 2015 तक बड़ेसट्टे में सदस्य के रूप में कार्य कर कर रहा था। उसके बाद ग्राम गोगुंडा, धावल पारा में नक्सलियों के लिए कृषि कार्य की जिम्मेदारी दी गई। उसके बाद पुलिस पार्टी के बढ़ते दबाव के कारण लगभग 1 वर्ष डीवीसी कैसा के गार्ड के रूप में कार्य कर रहा था। तत्पश्चात बीमार होने के कारण वापस केरलापाल क्षेत्र में आकर नक्सलियों की कृषि कमेटी में कार्य कर रहा था।






Conclusion:बाइट 01: कोमराम सम्मी, आर्मसमर्पित नक्सली
बाइट 02: शलभ सिन्हा, एसपी सुकमा
Last Updated :Sep 3, 2019, 7:45 PM IST
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