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Smallest Pacemaker Micra: कैसा होता है कैप्सूल के साइज का पेसमेकर, जानिए कैसे इससे एक बुजुर्ग को मिला जीवनदान ?

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Published : Jun 13, 2023, 7:56 PM IST

Smallest pacemaker Micra successfully implanted
पेसमेकर माइक्रा ने बचाई जान

पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सालय रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट ने एक बुजुर्ग की जान बचाई है. 63 साल के इस शख्स के दिल में माइक्रा पेसमेकर फिट किया गया. जिससे उसकी जान बच सकी. Smallest pacemaker Micra

रायपुर: पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सालय में 63 वर्षीय हृदय रोग के मरीज को माइक्रा पेसमेकर सफलता पूर्वक लगाया गया. यह मरीज इसके पहले भी 8 बार कई जटिल थेरेपी से गुजर चुका है. जिसके बाद एसीआई में कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ स्मिथ श्रीवास्तव और उनकी टीम ने मिलकर मरीज के हृदय में पेसमेकर इंप्लांट किया है. इस सफल ऑपरेशन के बाद मरीज अब खतरे से बाहर है.

मरीज की आठ बार हो चुकी थी सर्जरी : प्रत्यारोपित होने वाले इस पेसमेकर का नाम माइक्रा है. जिसे राजनांदगांव निवासी के जांघ की नसों के माध्यम से बिना किसी लीड के प्रत्यारोपित किया गया. मरीज को साल 2010 में पहला पेसमेकर निजी अस्पताल में लगाया गया. जिसके बाद साल 2020 में पेसमेकर की बैटरी खत्म हो गई और इंदौर जाकर पेसमेकर की नई बैटरी लगवाई गई. साल 2021-22 में पेसमेकर स्किन से बाहर आ गया. पेसमेकर को सेट करने के लिए चार बार प्लास्टिक सर्जरी भी की गई.

सबसे छोटा पेसमेकर लगाया गया: इसके बाद साल 2022 में लीड एक्सट्रैक्शन करके दाएं साइड से बांय साइड शिफ्ट किया गया. साल 2023 में मरीज एसीआई पहुंचा. जहां पेसमेकर को छाती की मांसपेशियों के पीछे लगाया गया. मरीज की समस्या यहां भी नहीं खत्म हुई. इसके बाद मरीज को हर्पीज की समस्या के साथ छाती में इंफेक्शन हो गया. जिसके बाद कार्डियोलॉजिस्ट की टीम द्वारा मरीज की छाती पर सबसे छोटा पेसमेकर लगाया गया. जिससे उसकी सारी समस्याएं दूर हो गई.

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जानकारी के मुताबिक, माइक्रा पेसमेकर को मिनिमली इनवेसिव प्रक्रिया के अंतर्गत पैर के कैथेटर के माध्यम से हृदय तक पहुंचाया जाता है. जिस वजह से इसे छाती में लगाने के लिए कोई चीर-फाड़ करने की जरूरत नहीं पड़ती. सिंगल चैंबर पेसमेकर होने के कारण इसका आकार काफी छोटा होता है. इसलिए इसे लगाने में लिड्स की आवश्यकता नहीं होती है. इस जटिल ऑपरेशन में डॉक्टर श्रीवास्तव के साथ डॉक्टर तान्या छौड़ा और टेक्नीशियन आईपी वर्मा के साथ उनकी टीम के सदस्य मौजूद रहे.

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