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रायपुर में स्कूल के औचक निरीक्षण का मामला, विरोध में शिक्षा अधिकारी के दफ्तर पहुंचे निजी स्कूल संचालक

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Published : Apr 12, 2022, 8:18 PM IST

Case of surprise inspection of school in Raipur
रायपुर में स्कूल के औचक निरीक्षण का मामला

रायपुर में स्कूलों के औचक निरीक्षण मामले के विरोध में शिक्षा अधिकारी के दफ्तर निजी स्कूल संचालक पहुंचे और नाराजगी जतायी.

रायपुर: निजी स्कूलों में नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं इसके लिए जिला शिक्षा कार्यालय के निरीक्षण दलों ने परीक्षण किया कि स्कूल के माध्यम से निर्धारित शुल्क, फीस नियामक समिति के माध्यम से अनुमोदित है या नहीं. फीस वृद्धि 8 फीसद से अधिक हुई है या नहीं. इसके अतिरिक्त स्कूलों में अग्निशमन यंत्र पेय जल, शौचालयों की साफ-सफाई, अध्यापन कक्ष की व्यवस्था, शिक्षकों एवं बच्चों की उपस्थिति, बच्चों का (कोविड-19) टीकाकरण का भी निरीक्षण किया गया है या नहीं. इस मामले में कुछ स्कूलों को नोटिस दी गई है. हालांकि इस तरह के औचक निरीक्षण से निजी स्कूल के संचालक नाराज हैं.

शिक्षा अधिकारी के दफ्तर पहुंचे निजी स्कूल संचालक

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निजी स्कूल के संचालकों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मंगलवार को अधिक संख्या में निजी स्कूल के संचालक जिला शिक्षा अधिकारी के दफ्तर पहुंचे. संचालकों का आरोप है कि जांच दल सही तरीके से जांच नहीं कर रही है. गौर हो कि अब तक 100 से अधिक स्कूलों की जांच की जा चुकी है, जिसमें 1 दर्जन से अधिक स्कूलों को नोटिस जारी किया जा चुका है.

इस विषय में ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जांच समिति गठित कर रायपुर जिले के निजी स्कूलों का औचक निरीक्षण कर रही है. भौतिक सत्यापन और निजी विद्यालयों से जुड़े कुछ अन्य मामले हैं. लेकिन मीडिया और निजी स्कूल जो जानकारी साझा कर रहे हैं, उससे साफ है कि औचक निरीक्षण का उद्देश्य सिर्फ जांच नहीं है.

उन्होंने कहा कि फीस विनियमन अधिनियम के गठन के साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा फीस के पोर्टल की शुरूआत की गई थी, जिसमें प्रदेश के समस्त निजी विद्यालयों को अपनी फीस उस पोर्टल पर ऑनलाइन अपडेट करनी होती है. लेकिन पिछले 2 सालों से पोर्टल अपडेट नहीं हो रहा. जिससे निजी विद्यालय अपनी फीस की जानकारी सार्वजनिक नहीं हो पा रही है. जिला शिक्षा अधिकारी को हमने पहले भी इस बात से अवगत कराया था.

अध्यक्ष की मानें तो संगठन को अलग-अलग निजी विद्यालयों की सूचना है कि जांच कमेटी उन्हें धमका रही है. जांच कमेटी का कहना है कि विद्यालय बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं जबकि मान्यता से संबंधित आवेदन कमिटी को दिखाया जा रहा है. जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में अनेकों बार आवेदन दिया गया जा चुका है कि मान्यता के प्रकरण पिछले तीन-चार साल से लंबित है लेकिन बार-बार निवेदन करने के बाद भी ना ही मान्यता का दी जा रही है. ना कागजों में त्रुटि की कोई सूचना दी जा रही है.

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि जिन निजी विद्यालयों ने अपनी फीस 8 फीसद से अधिक बढ़ाई है या नियमों के अनुरूप प्रक्रिया का पालन नहीं किया है. उस पर संगठन आग्रह करता है कि कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन विद्यालय स्तरीय फीस समिति में शामिल कलेक्टर द्वारा नामांकित एक नोडल अधिकारी को भी तलब किया जाना चाहिए. ताकि विभाग द्वारा नामित अधिकारी की लापवाही भी उजागर की जा सके.

अध्यक्ष ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर हमने अपनी मांगे रखी है. हमारी मांग है कि फीस पोर्टल को तत्काल प्रभाव से अपडेट करने को निर्देशित किया जाए ताकि सभी निजी विद्यालयों की फीस सार्वजनिक रूप से सभी के लिए उपलब्ध हो और भ्रम ना फैले. इसके अलावा मान्यता के समस्त प्रकरणों पर तुरंत संज्ञान लेकर उनको निराकृत किया जाए और यूनिफॉर्म पर एक स्पष्ट दिशा-निर्देश विभाग जारी करे. ताकि स्कूलों को भी यह जानकारी रहे कि यूनिफार्म को लेकर विभाग की क्या नीति है.

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