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Board Exams 2023 स्टूडेंट्स बोर्ड परीक्षा का तनाव कैसे कम करें

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Published : Jan 10, 2023, 2:19 PM IST

CG board news
छत्तीसगढ़ में बोर्ड परीक्षा

1 मार्च से छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा शुरू होने जा रही है. CG board news छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा का टाइमटेबल जारी किया है. Chhattisgarh 10th and 12th board exam 12वीं बोर्ड की परीक्षा 1 मार्च से शुरू होगी. 10वीं की बोर्ड परीक्षा 2 मार्च से शुरू होगी. ऐसे में छात्रों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं कि वह कैसे बोर्ड परीक्षा की अच्छी तैयारी कर परीक्षा में अच्छे नंबर लाएं. Board Exams 2023एक्सपर्ट्स के मुताबिक बोर्ड परीक्षा के दौरान तनाव न लें. Exam Stress Management टाइम टेबल बनाएं. टाइम मैनेजमेंट पर फोकस करें और रिवीजन पर ध्यान दें. आइये जानते हैं एक्सपर्ट्स और क्या कहते हैं....

बोर्ड परीक्षा को लेकर तनाव में विद्यार्थी

रायपुर: इस बार 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थी पहली बार बोर्ड परीक्षा देने वाले हैं. CG board news कोरोना संक्रमण के दौरान जब ये स्टूडेंट्स दसवीं कक्षा में थे, तब उन्हें जनरल प्रमोशन दे दिया गया था. Chhattisgarh 10th and 12th board exam ऐसे में सभी बच्चों में बोर्ड परीक्षा को लेकर भय भी है. कोरोना संक्रमण के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल 100 फीसदी सिलेबस पर एग्जाम ले रहा है. पहली बार बोर्ड परीक्षा देने वाले बारहवीं कक्षा के स्टूडेंट्स से ईटीवी भारत ने बातचीत की.Board Exams 2023

बोर्ड परीक्षा को लेकर सुझाव दे रहे शिक्षविद और मनोवैज्ञानिक
स्टूडेंट्स को इस बात का डर: 12वीं गणित संकाय के स्टूडेंट कृष्णा मकवाना ने बताया कि "इस बार हमारे लिए यह बहुत ही मुश्किल और चुनौतीपूर्ण समय है. क्योंकि कोरोना काल में हमने बोर्ड परीक्षा नहीं दिया है. हमें प्रमोशन दिया गया था. यह हमारी पहली और आखिरी बोर्ड परीक्षा होगी. हम स्कूल में अभी तक एग्जाम दे रहे हैं, लेकिन बोर्ड एग्जाम देने को लेकर हमारा कोई एक्सपीरियंस नहीं है. ऐसे में एग्जाम को लेकर डर बना हुआ है. एग्जाम में सवाल कैसे आएंगे, बोर्ड परीक्षा में किस तरह से उन सवालों को हल करना है. इन सभी बातों को लेकर डर है."Exam Stress Managementपरीक्षा में टाइम मैनेजमेंट होगी चुनौती: बारहवीं कक्षा के प्रिंस सोनकर ने बताया " बोर्ड एग्जाम को लेकर हमारा कोई भी एक्सपीरियंस नहीं है. यह कहा जाता है कि बोर्ड परीक्षा में अलग अलग सेट में क्वेश्चन पूछे जाते हैं. हमें परीक्षा में टाइम मैनेजमेंट का भी ध्यान रखना पड़ता है. लेकिन तय समय पर हम प्रश्नों को हल नहीं कर पाते, तो हम टाइम मैनेजमेंट किस तरह करेंगे, इस बात का हमें डर सता रहा है."Board Exams 2023प्रश्नों को लेकर असमंजस में विद्यार्थी: कक्षा 12वीं के बायो संकाय से पढ़ाई कर रहे दीपक गायकवाड़ ने बताया" बोर्ड परीक्षा ऐसी परीक्षा है जिसके अंक हमारे भविष्य में भी मायने रखते हैं. बोर्ड परीक्षा में कुल 26 प्रश्न पूछे जाते हैं, तो हम ऐसे कौन से प्रश्नों को पहले हल करें, जिससे हमें अच्छे अंक प्राप्त हों. बोर्ड परीक्षा में हमें पहले ज्यादा अंक के प्रश्न हल करने चाहिए या कम अंक वाले प्रश्न हल करने चाहिए. हमें इस बात का मार्ग दर्शन चाहिए."

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परीक्षा को लेकर बच्चों में तनाव: शिक्षाविद और शासकीय पीजी उमाठे कन्या विद्यालय के प्राचार्य विद्या सक्सेना ने कहा "कोरोना संक्रमण के बाद यह पहली बार होगा की बारहवीं कक्षा के बच्चे पहली बार बोर्ड परीक्षा देंगे. बच्चों में घबराहट की स्थिति है. इस बार 100 प्रतिशत सिलेबस पूछा जा रहा है. ऐसे में बच्चों का प्रेशर थोड़ा बढ़ गया है. सभी स्कूलों में परीक्षा की तैयारी कराई जा रही है. सिलेबस भी पूरा किया जा रहा है. बच्चे परीक्षा को लेकर ज्यादा तनाव न लें और अच्छे से परीक्षा की तैयारी करें."Board Exams 2023

प्रश्नों को ऐसे हल करें: प्राचार्य विद्या सक्सेना ने बताया" बोर्ड परीक्षा दे रहे बच्चों को प्रश्न पत्र हल करने से पहले प्रश्न पत्र पढ़ने का 15 मिनट एक्स्ट्रा समय दिया जाता है. कुछ समय बच्चे क्वेश्चन पेपर को दो से तीन बार ध्यान से पढ़ें, कौन सा ऐसा प्रश्न है जो आपको आता है और जिसे अच्छे से बना सकते हैं, ऐसे प्रश्नों को सबसे पहले बनाएं. उसके बाद ऐसे सवाल को हल करें, जिसके उत्तर कठिन हैं, उन्हें लिखते जाएं. इससे बच्चों का जो तनाव है, वह कम हो पाएगा और बच्चे शांत दिमाग से परीक्षा दे पाएंगे.''

ऐसे करें टाइम मैनेजमेंट: शिक्षाविद ने बताया "एग्जाम के पहले जब भी आप पढ़ाई कर रहे हैं, तो पहले प्रश्नों को पढ़ें और उत्तर को देखें. प्रश्न के उत्तर को दो तीन बार अच्छे से पढ़ें और तीसरी बार जिस उत्तर को पढ़ा है, उसे बिना देखे अपनी कॉपी में लिखें और उसका मिलान करें. उस प्रश्न का आपने कितना सही उत्तर दिया है और कुछ छूट गया हो, तो उसे किताब में देख कर फिर से सुधारने का प्रयास करें."

लिख करके याद करने की आदत डालें: शिक्षाविद ने बताया "बच्चा अगर लिख कर याद करेगा, तो याद भी अच्छे से रहेगा. उत्तर को समय सीमा पर हल करने की प्रैक्टिस हो जाएगी. बच्चों को एग्जाम हॉल में समय कम होने का टेंशन रहता है. परीक्षा के लिए समय कभी भी कम नहीं पड़ता है. प्रश्नों के आधार पर ही समय का निर्धारण किया जाता है. अगर बच्चे दिए गए निर्देशों का पालन अच्छे से करेंगे, टाइम मैनेजमेंट करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. समय सीमा पर अपने प्रश्नों को हल कर पाएंगे."

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क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक: मनोवैज्ञानिक डॉ जे सी अजवानी का कहना है कि "एग्जाम हमेशा तनाव लेकर आता है. यह उससे जुड़ा हुआ पक्ष भी है. परीक्षा के दौरान बच्चों में तनाव होना भी चाहिए. तनाव नहीं होगा, तो बच्चे पढ़ाई नहीं करेंगे. लेकिन परीक्षा का तनाव इस तरह हो कि बच्चे अपना बेस्ट परफॉर्मेंस दे सकें. बच्चों को इस बात का भी डर है कि वे पहली बार बोर्ड परीक्षा दे रहे हैं. लेकिन ऐसे डरने की जरूरत नहीं है. बच्चे केवल अपनी पढ़ाई पर फोकस करें और परिणाम के बारे में ना सोचें."Exam Stress Management

रिवीजन पर ध्यान देना जरूरी: मनोवैज्ञानिक डॉ जे सी अजवानी ने कहा "बच्चे रिवीजन पर खास ध्यान दें. पहला लिखित रिवीजन, जो बच्चे सुबह पढ़ाई कर रहे हैं, उसे रात में भी पढ़ लें और दूसरा रिवीजन 6 दिन पहले पढ़े हुए का करें. यह मेमोरी का सिस्टम है. इस तरह के रिविजन से बच्चे पढ़ा हुआ लम्बे समय तक याद रखते हैं. अभी भी समय है. अपने कंटेंट को रोज पढ़ें और 6 दिन पहले पढ़ा हुआ अभी रिवाइज करें. एग्जाम के पहले मोबाइल को दो तीन महीने के लिए कम इस्तेमाल करें और अपनी पढ़ाई पर फोकस करें."

परिजन ना डालें बच्चों पर दबाव: मनोवैज्ञानिक डॉ जे सी अजवानी ने कहा "बच्चों का आकांक्षी होना संभावित है. अच्छी पेरेंटिंग तभी होती है, जब पैरेंट्स बच्चे को सिखाएं कि वे अपना बेस्ट परफार्मेंस कैसे दें. बच्चों की दूसरे से तुलना ना करें. बच्चों को तनाव में बिल्कुल नहीं रखें. परिजन बच्चों को यह भी बताएं कि अगर आपके कम नंबर भी आते हैं, तो वे उनके साथ हैं. जब परिजन द्वारा बच्चों को दिया गया टारगेट अचीव नहीं कर पाने पर बच्चों को शर्मिंदगी महसूस होती है, बच्चे अपने परिजन को फेस नहीं कर पाते और तनाव में चले जाते हैं. परिजनों को अपने बच्चों को लेकर हर बात में यह एहसास कराना चाहिए कि हर हालत में माता पिता अपने बच्चों के साथ है."

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