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Diarrhea outbreak in Chhattisgarh: दूषित पानी और खराब भोजन से होता है डायरिया, बच्चे डायरिया का ज्यादा होते हैं शिकार

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Published : Dec 7, 2021, 4:17 PM IST

Updated : Dec 7, 2021, 10:53 PM IST

बिलासपुर में डायरिया ( diarrhea in Bilaspur) का कहर जारी है अब तक 4 लोगों (four people died in Bilaspur due to diarrhea) की मौत इस बीमारी से हो चुकी है. जबकि 100 से ज्यादा केस डायरिया के बिलासपुर में अब भी है.

Diarrhea outbreak in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में डायरिया के बढ़ते केस

बिलासपुर: बिलासपुर में डायरिया से अब तक 4 (four people died in Bilaspur due to diarrhea) लोगों की मौत ( diarrhea in Bilaspur) हो गई है. जबकि 100 से ज्यादा लोग अभी भी इस बीमारी की गिरफ्त में हैं. बिलासपुर का तारबहार और तालापारा (Diarrhea in Tarbahar and Talapara of Bilaspur) के कई वार्डों में डायरिया के मरीज लगातार मिल रहे हैं जिससे पूरे शहर में दहशत का माहौल है. राजधानी रायपुर (Diarrhea outbreak in Chhattisgarh) की बात करें तो यहां बारिश के सीजन में डायरिया के औसतन 100 से ज्यादा मरीज मिलते हैं.

छत्तीसगढ़ में डायरिया के बढ़ते केस

बिलासपुर में दूषित पानी की (Diarrhea is caused by contaminated water) वजह से डायरिया की गिरफ्त में लोग आ रहे हैं. क्योंकि यहां वाटर पाइप लाइन की पाइप नाले के अंदर से गुजरी है. जो कई साल पुरानी है. बताया जा रहा है कि पाइप लाइन नाले के अंदर से आ रही है. इसलिए पानी दूषित हो रहा है और लोग डायरिया की गिरफ्त में आ रहे हैं. इस बार इस बीमारी ने ठंड में दस्तक दिया है. ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग डायरिया की गिरफ्त में आ रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक विश्व स्तर पर 5 साल से छोटे (Children suffer more from diarrhea) बच्चों की मौत की दूसरी वजह डायरिया है. आखिर यह बीमारी कितनी खतरनाक है. इस बारे मे ईटीवी भारत ने मेकाहारा के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर आर एल खरे (Doctor RL Khare) से खास बातचीत की है.

बिलासपुर में डायरिया का कहर जारी, पुराने पाइप नालियों के अंदर होने से फैल रही बीमारी

घातक बीमारी है डायरिया

डॉक्टर आर एल खरे ने बताया कि साधारण भाषा में उल्टी और दस्त (Diarrhea is loose watery stools) को हम डायरिया ( vomiting and loose motion is Symptoms of diarrhea) कहते हैं. बारिश के सीजन और बदलते मौसम में डायरिया के मरीज देखने (More cases of diarrhea in the rainy season) को मिलते हैं. ठंड के मौसम में भी डायरिया के केस कई शहरों में आते हैं. बारिश के समय में डायरिया के मामले दूषित पानी की वजह से आते हैं. जबकि ठंड और दूसरे मौसम में खराब खाने और दूषित पानी दोनों से (Major causes of diarrhea) डायरिया की बीमारी फैलती है. डॉक्टर खरे ने बताया कि इसलिए खाने का विशेष ख्याल मरीजों को रखना चाहिए. कई बार पुरानी सब्जियों और बासी खाने से लोग डायरिया की चपेट में आ जाते हैं. खाना खाने से पहले हाथ धोना चाहिए. सब्जियों को बनाने से पहले उसे अच्छी तरफ साफ पानी में धोएं. ताकि किसी भी प्रकार का इंफेक्शन न हो सके.

सबसे ज्यादा बच्चे होते हैं डायरिया के शिकार

डॉक्टरों के मुताबिक 5 साल से छोटे बच्चे सबसे ज्यादा डायरिया के शिकार (Small children are most prone to diarrhea) होते हैं. 5 साल से छोटे बच्चों की मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह डायरिया है. इसलिए बच्चों की साफ सफाई और उनके खाने का ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि बच्चों को इस बीमारी से बचाया जा सके. जहां तक डायरिया के इलाज की बात करे तो ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा परेशानी आती है. क्योंकि यहां स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी होती है. जबकि शहरी क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की वजह से मरीजों का समय पर इलाज हो जाता है. इसलिए मरीजों को समय पर इस बीमारी का इलाज मिल जाता है. शहरी इलाकों में डायरिया से मृत्यु दर कम है. जबकि ग्रामीण इलाकों में डायरिया से मृत्यु दर ज्यादा है. सरकार भी डायरिया को लेकर लोगों को काफी जागरूक करती है कि अगर किसी बच्चे को दस्त हो तो माड़ का पानी , दाल का पानी और ORS का सेवन कराया जा सकता है. ताकि डायरिया की बीमारी से मरीज जल्द उबर सकें.

बिलासपुर में अब तक डायरिया से 4 मरीजों की मौत

लगातार दस्त और उल्टी होना डायरिया के (symptoms of diarrhea) लक्षण

डायरिया का लक्षण (symptoms of diarrhea) दस्त ( vomiting and loose motion is Symptoms of diarrhea) और उल्टी है. बार-बार किसी बच्चे और शख्स को ( Diarrhea Symptoms Dehydration and vomiting) उल्टी और दस्त हो तो उसे डायरिया हो सकता है. इसलिए अगर कोई व्यक्ति इस तरह की बीमारी से ग्रसित है तो उससे सबसे पहले अस्पताल का रुख करना चाहिए. बच्चों में भी इस तरह के लक्षण दिखे तो उसे अस्पताल ले जाएं और डॉक्टर की देख रेख में उसे रखें.

बच्चे सबसे ज्यादा वायरल डायरिया के होते हैं शिकार

बच्चों में ज्यादातर वायरल डायरिया (viral diarrhea) देखने को मिलता है. जिसका प्रमुख कारण है शरीर में पानी की कमी. शरीर में पानी की कमी से कभी-कभी तो बच्चों की जान भी चली जाती है. ज्यादातर छोटे बच्चों को अगर डायरिया होता (symptoms of diarrhea in children) है तो, मां बच्चों को दूध पिलाना बंद कर देती हैं. ऐसा बिल्कुल ना करें उन्हें दूध पिलाते रहें. अगर बच्चा 6 महीने से ज्यादा का हो और वह मिक्स भोजन लेता हो यानी मां का दूध भी पी रहा और ऊपर से भी आहार ले रहा हो तो ऐसे बच्चों को लगातार तरल पदार्थ और ओआरएस देते रहें. इसके अलावा बच्चों को दाल का पानी, माड़ का पानी और पतली चीज पिलाते रहें. वायरल डायरिया तीन से पांच दिनों के अंदर बिना किसी एंटीबायोटिक के ठीक हो जाता है. इस दौरान बच्चे के शरीर में पानी के स्तर को बरकरार रखना चाहिए. बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचाना पहली प्राथमिकता है. उसके बाद भी बच्चा अगर इस बीमारी से परेशान हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

Last Updated : Dec 7, 2021, 10:53 PM IST
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