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'कोरोना अमीर-गरीब देख कर नहीं होता तो वैक्सीनेशन में वर्गीकरण क्यों ?'

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Published : May 4, 2021, 10:26 PM IST

छत्तीसगढ़ में कोरोना वैक्सीनेशन के तीसरे चरण (third phase of corona vaccination in chhattisgarh) में पहले अंत्योदय कार्ड धारियों यानी अति गरीब परिवारों का वैक्सीनेशन होगा. इसके बाद बीपीएल कार्ड धारकों (Below Poverty Line) और एपीएल कार्ड धारकों (Above Poverty Line ) को टीका मिलेगा. लेकिन लोग सरकार के इस फैसले से खुश नजर नहीं आ रहे हैं. हाईकोर्ट भी भूपेश सरकार के इस फैसले से नाराज है.

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वैक्सीनेशन में वर्गीकरण क्यों

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू हो गया है. इस फेज में 18 से 45 साल के लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जानी है. छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे लेकर एक नया फॉर्मूला अपनाया है. सरकार के आदेश के मुताबिक छत्तीसगढ़ में पहले अंत्योदय कार्ड धारियों यानी कि अति गरीब परिवारों को वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके बाद बीपीएल (Below Poverty Line) कार्ड धारकों और एपील (Above Poverty Line ) कार्ड धारकों को वैक्सीन का लाभ मिलेगा. इस प्रक्रिया के तहत प्रदेश के सभी जिलों में 1 और 2 मई से वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया है. ETV भारत ने जब लोगों से बात की तो कुछ लोगों का गुस्सा भूपेश सरकार पर फूट पड़ा.

वैक्सीनेशन में वर्गीकरण क्यों

कोरोना संक्रमण से प्रभावित क्षेत्रों में पहले लगे वैक्सीन

सरकार के फैसले को लेकर कुछ लोगों का मानना है कि कोरोना अमीरी और गरीबी नहीं देख रही है. लोगों का कहना है कि सरकार गरीब और अमीर वर्ग के आधार पर वैक्सीनेशन न करे. उनका कहना है कि इस संक्रमण से हर वर्ग प्रभावित है. ऐसे में सरकार ज्यादा संक्रमित क्षेत्रों से कम संक्रमितों क्षेत्र में कोरोना वैक्सीन लगाने की रणनीति बनाए. हांलाकि कुछ युवा सरकार के इस फैसले पर अपनी सहमति भी जाहिर कर रहे हैं.

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लंबे वक्त के बाद आया युवाओं का नंबर

देश में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन का पहला चरण शुरू (First phase of corona vaccination begins) हुआ था. सबसे पहले वैक्सीन देश के मेडिकल स्टाफ और फ्रंट लाइन वॉरियर्स को लगाया गया. जिसके बाद देश में वैक्सीनेशन का दूसरा चरण 1 मार्च से शुरू हुआ. इसते तहत 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगोंं और अन्य बीमारियों से पीड़ित 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू किया गया. इसके बाद अप्रैल महीने में तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े. देश में आए दिन लाखों की संख्या में कोरोना मरीजों की पहचान होने लगी. जिसके बाद वैक्सीनेशन के तीसरा चरण को 1 मई से शुरू किए जाने की घोषणा केंद्र सरकार ने की. इसके तहत 18 से 45 साल आयु वर्ग के लोगों के कोरोना वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू की गई. कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत के करीब 3 महीने 14 दिन बाद युवाओं के वैक्सीनेशन की बारी आई है. युवाओं में इसे लेकर काफी उत्साह भी देखने को मिल रहा है.

युवाओं की क्या राय?

  • बेमेतरा के सनी का कहना है कि यह प्रक्रिया बहुत ही गलत है. इसमें सीधे वैक्सीनेशन पर आरक्षण दिख रहा है. क्योंकि कोरोना जाति, धर्म और वर्ग देखकर नहीं होता है. इस लिए ऐसे वैक्सीनेशन प्रक्रिया मैं गलत मानता हूं. प्रदेश सरकार को मैं बोलना चाहूंगा कि जो सबको बराबर की भावना से सरकार को देखना चाहिए. सबको बराबर वैक्सीनेशन का मौका देना चाहिए.
  • धमतरी के आकाश पांडे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा सर्वप्रथम देश के बुजुर्गों के लिए वैक्सीनेशन की सुविधा उपलब्ध कराई गई. इसके बाद युवाओं को ध्यान में रखते हुए 18 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीनेशन की सुविधा दी गई है. यह बहुत ही उत्तम पहल है.
  • धमतरी में वैक्सीन लगवा चुके पार्षद मिथिलेश कुमार सिन्हा ने बताया कि अंत्योदय कार्ड के अंतर्गत मैंने आज पहली डोज लगवाई है. मैंने इसी उद्देश्य से पहले टीका लगवाया है कि मैं अपने वार्ड में जाकर सभी लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक करूंगा. पहले अंत्योदय कार्ड धारकों को वैक्सीन लगेगी. उसके बाद बीपीएल कार्ड धारकों को उसके बाद आने वाले समय में सामान्य कार्ड धारकों को वैक्सीन लगेगा.

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वैक्सीन सप्लाई की चुनौती को देखते हुए बना नया फॉर्मूला

प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की सप्लाई राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. 1 मई से प्रदेश में 18 साल से 45 साल आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगाया जाना है. लेकिन वैक्सीन कम होने की वजह से राज्य सरकार ने ये फॉर्मूला अपनाया है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया था कि दोनों वैक्सीन बनाने वाले कंपनियों को 50 लाख वैक्सीन का ऑर्डर दिया जा चुका है. दोनों वैक्सीन कंपनियों को 25-25 लाख वैक्सीन डोज का आर्डर दिया गया है. लेकिन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया. भारत बायोटेक ने 25 लाख वैक्सीन देने पर सहमति दी है. लेकिन उन्होंने जो शेड्यूल भेजा है उसमें 3 लाख मई में, 10 लाख जून में और 12 लाख जुलाई में देने की बात कही गई है. मई में मिलने वाले वैक्सीन के डेढ़ लाख डोज 1 मई को रायपुर पहुंच गए थे.

इन जिलों में कोरोना की रफ्तार तेज और मौत के आंकड़े डरावने

छत्तीसगढ़ में अबतक 9275 कोरोना मरीजों की मौत (Corona patients died in Chhattisgarh) हुई है. अकेले अप्रैल महीने में 4420 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ा है. जिसमें हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं. 3 मई के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में कोरोना से मौत के मामले में रायपुर सबसे ऊपर है. दूसरे नंबर दुर्ग और तीसरे नंबर पर बिलासपुर का नाम शामिल है. हाल के दिनों में रायगढ़ कोरबा, राजनांदगांव में कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़े बढ़े हैं.

एक्टिव कोरोना मरीज वाले टॉप जिले

जिलाएक्टिव मरीज
रायपुर 10 हजार 354
रायगढ़ 10 हजार 149
जांजगीर-चांपा8 हजार 842
कोरबा8 हजार 395
बिलासपुर 7 हजार 597
राजनांदगांव7 हजार 515

बर्बाद न हो वैक्सीन तो अब तक का परफॉर्मेंस काबिले तारीफ

कोविड वैक्सीनेशन के मामले में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh in case of covid Vaccination) केरल के बाद दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. छत्तीसगढ़ में रविवार शाम तक कुल 56 लाख 22 हजार 933 वैक्सीन डोज लग चुकी है. जो कि जनसंख्या के अनुपात में 19.6 फीसदी है. एक करोड़ से अधिक आबादी वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ वैक्सीनेशन के मामले में केरल के बाद दूसरे नंबर पर है. कोविड टीकाकरण के क्षेत्र में अनेक बड़े राज्य जैसे उत्तरप्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, पंजाब, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली, राजस्थान भी छत्तीसगढ़ से पीछे हैं. वहीं वैक्सीनेशन की बर्बादी को लेकर भी सरकार को प्रशासन को सख्त निर्देश देने की जरूरत है. क्योंकि वैक्सीन की बर्बादी लगातार हो रही है.

रायपुर में तीसरे चरण के कोरोना वैक्सीनेशन के दौरान पहले दिन 23 कोरोना वैक्सीन के डोज बर्बाद हुए हैं. नारायणपुर में वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू हो गया है. 27 अप्रैल तक जिले में कोवैक्सीन की 18 प्रतिशत और कोविशील्ड की 8 प्रतिशत वैक्सीन वेस्ट हो गई. वैक्सीन के कुल 146 डोज खराब हो चुके हैं.

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सरकार की नई नीति पर हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

छत्तीसगढ़ में 18 से 45 वर्ष के लोगों के वैक्सीनेशन में वर्गीकरण को चुनौती देते हुए दायर याचिका पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने सख्त टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार की ओर से वैक्सीनेशन में वर्गीकरण करना न्यायोचित नहीं है. वैक्सीनेशन को लेकर नीति तय करने का अधिकार केंद्र सरकार को है ना कि राज्य सरकार को. राज्य सरकार की गरीबों तक लाभ पहुंचाने की मंशा सही है. लेकिन सभी का टीकाकरण हो सके इसके लिए ठोस नीति की जरूरतहै. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से शुक्रवार तक ठोस नीति प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया है. कोर्ट ने कहा है कि ठोस नीति न पेश कर पाने की स्तिथि में राज्य सरकार का यह आदेश हम रद्द कर देंगे.

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