रायगढ़: 38 वां चक्रधर समारोह बहुत खास है. 19 सितंबर को चक्रधर समारोह 2023 का शुभारंभ हुआ है. ऐतिहासिक चक्रधर समारोह कोरोना की वजह से खुले मंच के बजाय वर्चुअल हो रहा था. लिहाजा इस बार खुले मंच में आयोजन की वजह से कलाकार खुश हैं, वहीं रायगढ़ के लोग भी उत्साहित हैं.
![Raigarh Chakradhar Samaroh 2023](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/20-09-2023/19562282_thu.jpg)
चक्रधर समारोह 2023: राजा चक्रधर की याद में हर साल चक्रधर समारोह मनाया जाता है. यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर है.
''रायगढ़ सुर ताल की नगरी है. चक्रधर समारोह राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर है.''-लालजीत सिंह राठिया, विधायक, धरमजयगढ़
चक्रधर समारोह 2023 में नई प्रतिभाओं को मौका: 38वां चक्रधर समारोह इस वजह से भी खास है, क्योंकि इस बार यहां नई प्रतिभाओं को मंच मिल रहा है.
''राजा चक्रधर खुद एक उम्दा कलाकार थे. वह कलाकारों के संरक्षक भी थे. इस बार नई प्रतिभाओं को ज्यादा मौका दिया गया है.'' -तारन प्रकाश सिन्हा, कलेक्टर
38 वें चक्रधर समारोह का आगाज गणेश चतुर्थी पर हुआ है. 20 सितम्बर को कथक नृत्य, सितार वादन, तबला वादन, लोक संगीत (लोकचंदा), देशभक्ति और भजन गायन, लोक रंग नाचा, ओडिसी नृत्य, पियानो वादन होगा. ऐश्वर्या पंडित गायन की प्रस्तुति देंगी. 21 सितंबर को कथक, पंथी नृत्य, जसगान के साथ ही लोक गायन और नृत्य के साथ ही सुगम संगीत भजन, शास्त्रीय गायन, भरत नाट्यम, बांसुरी वादन और छत्तीसगढ़ी लोक गीत की प्रस्तुति होगी.
रायगढ़ को प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र बनाने का श्रेय महाराजा चक्रधर सिंह को है. खास बात यह है कि महाराजा चक्रधर ने कत्थक के विशिष्ट स्वरुप को विकसित किया. कत्थक के इस विशिष्ट रूप को रायगढ़ घराने के नाम से जाना जाता है. छत्तीसगढ़ सरकार हर साल कला और संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए राजा चक्रधर सिंह सम्मान देती है. हर साल राजा चक्रधर की याद में रायगढ़ में अखिल भारतीय चक्रधर समारोह भी होता है.