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रानी और राजा के डूबने की गवाही देता रानीकुंडी तीर्थस्थल, मकर संक्रांति में विशाल मेले का आयोजन

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 16, 2024, 12:52 PM IST

Ranikundi Pilgrimage मनेंद्रगढ़ शहर के बुंदेली ग्राम पंचायत में रानीकुंडी तीर्थस्थल अपने प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक मान्यता के लिए जाना जाता है. मकर संक्रांति के मौके पर इस धार्मिक स्थल पर विशाल मेले का आयोजन हुआ. Manendragarh Chirmiri Bharatpur

Ranikundi Pilgrimage
रानी और राजा के डूबने की गवाही देता रानीकुंडी तीर्थस्थल
रानी और राजा के डूबने की गवाही देता रानीकुंडी तीर्थस्थल

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : मकर संक्रांति के अवसर पर मनेन्द्रगढ़ के बुंदेली इलाके में स्तिथ रानीकुंडी तीर्थस्थल में मेले के साथ-साथ कबड्डी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया. इसमें स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर उनका उत्साहवर्धन किया.

शिव मंदिर में उमड़ती है भारी भीड़ : आपको बता दें कि प्रसिद्ध पुरातन स्थल रानीकुंडी में पिछले कई सालों से विशाल मेला लगता आ रहा है. इस जगह पर धवरेल राजा और रानी के सती होने की मान्यता है. यहां भगवान भोलेनाथ का मंदिर भी है. साथ ही तीन नदियों का संगम होने के कारण इस जगह की धार्मिक मान्यता भी काफी है.इसलिए खास मौकों पर मंदिर पर दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है. इसी कड़ी में मकर संक्रांति के मौके पर रानीकुंडी तीर्थस्थल पर भक्तों की भीड़ उमड़ी.

क्या है धार्मिक मान्यता ? : ऐसी मान्यता है कि इस स्थान में राजा धवरेल आखेट के लिए आते थे.तीन नदियों के संगम स्थल पर एक छोटा कुंड था.जिसमें रानी अपनी दासियों के साथ स्नान के लिए आती थी.एक दिन रानी जब स्नान कर रहीं थी तो अचानक वो कुंड के गहरे हिस्से में चली गई.डूबने के कारण उनकी मौत हो गई.राजा धवरेल को जब इस बात का पता चला तो वो रानी के वियोग को सह नहीं सके और कुंड में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए.तब से इस स्थान को रानी और राजा के सच्चे प्रेम की निशानी के तौर पर जाना जाता है.राजा और रानी के स्थापित किया हुए शिवलिंग अब धार्मिक केंद्र बन चुका है.

मेले के दौरान कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन : मकर संक्रांति के दिन मेले के अलावा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आई टीमों के बीच कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है.जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. खिलाड़ियों को मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सम्मानित किया. इस पर्यटक स्थल के रूप में विकास करने की बात कही.आपको बता दें कि मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में कई पर्यटन स्थल हैं,जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं.ऐसे में रानीकुंण्डी तीर्थस्थल में यदि सुविधाएं बढ़ी तो पर्यटन के नक्शे पर ये क्षेत्र ज्यादा चमकेगा.

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शिव मंदिर में उमड़ती है भारी भीड़ : आपको बता दें कि प्रसिद्ध पुरातन स्थल रानीकुंडी में पिछले कई सालों से विशाल मेला लगता आ रहा है. इस जगह पर धवरेल राजा और रानी के सती होने की मान्यता है. यहां भगवान भोलेनाथ का मंदिर भी है. साथ ही तीन नदियों का संगम होने के कारण इस जगह की धार्मिक मान्यता भी काफी है.इसलिए खास मौकों पर मंदिर पर दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है. इसी कड़ी में मकर संक्रांति के मौके पर रानीकुंडी तीर्थस्थल पर भक्तों की भीड़ उमड़ी.

क्या है धार्मिक मान्यता ? : ऐसी मान्यता है कि इस स्थान में राजा धवरेल आखेट के लिए आते थे.तीन नदियों के संगम स्थल पर एक छोटा कुंड था.जिसमें रानी अपनी दासियों के साथ स्नान के लिए आती थी.एक दिन रानी जब स्नान कर रहीं थी तो अचानक वो कुंड के गहरे हिस्से में चली गई.डूबने के कारण उनकी मौत हो गई.राजा धवरेल को जब इस बात का पता चला तो वो रानी के वियोग को सह नहीं सके और कुंड में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए.तब से इस स्थान को रानी और राजा के सच्चे प्रेम की निशानी के तौर पर जाना जाता है.राजा और रानी के स्थापित किया हुए शिवलिंग अब धार्मिक केंद्र बन चुका है.

मेले के दौरान कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन : मकर संक्रांति के दिन मेले के अलावा आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आई टीमों के बीच कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है.जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. खिलाड़ियों को मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सम्मानित किया. इस पर्यटक स्थल के रूप में विकास करने की बात कही.आपको बता दें कि मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में कई पर्यटन स्थल हैं,जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी आते हैं.ऐसे में रानीकुंण्डी तीर्थस्थल में यदि सुविधाएं बढ़ी तो पर्यटन के नक्शे पर ये क्षेत्र ज्यादा चमकेगा.

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