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कोरबाः एसईसीएल खदान विस्तार का बहिष्कार, नौकरी नहीं तो जमीन नहीं

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Published : Feb 28, 2020, 8:51 AM IST

Villagers boycott SECL mine expansion in Korba
एसईसीएल खदान विस्तार का बहिष्कार

कोरबा के कुसमुंडा में ग्रामीणों ने एसईसीएल के खदान विस्तार का बहिष्कार किया. साथ ही जल्द ही नौकरी नहीं दिए जाने पर खदान का विस्तार के लिए जमीन नहीं देने का बात कही है.

कोरबा: कुसमुंडा में एसईसीएल खदान विस्तार के लिए ग्राम जटराज के भूविस्थापितों ने जिला प्रशासन और एसईसीएल के संयुक्त आयोजन का बहिष्कार किया है. एसईसीएल प्रबंधन की ओर से मुआवजा, रोजगार और पुनर्वास संबंधी निराकरण करने के लिए गुरुवार को शिविर का आयोजन किया गया था, जहां प्रबंधन को बहिष्कार का सामना करना पड़ा.

शिविर में भूविस्थापित ने पुराने मामलों का हवाला देते हुए अभी तक नौकरी नहीं उपलब्ध कराने पर नाराजगी जताई है.साथ ही एसईसीएल को एक सप्ताह के भीतर 27 विस्थापित जो कि रोजगार के लिए पात्र है उन्हें नौकरी देने की मांग की है और नौकरी नहीं दिए जाने पर जमीन नहीं देने का बात कही है.

कुसमुंडा में शिविर का आयोजन

एसईसीएल कुसमुंडा खदान का विस्तार किया जा रहा है इस विस्तार कोल परियोजना में ग्राम जाटराज में जमीन अधिग्रहण की जा रही है. तहसीलदार ने शिविर में विस्थापितों को बताया कि एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में ग्राम जाटराज की 24 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जा रही है, जिसके करण 180 खातेदार प्रभावित हो रहे हैं,कोल इंडिया की घटते क्रम में रोजगार देने वाली पॉलिसी के तहत 61 डिसमिल रकबा वाले विस्थापितों को ही नौकरी दी जाएगी. जिसमें 27 खातेदार ही नौकरी के लिए पात्र हैं. तहसीलदार ने नौकरी के अलावा मुआवजा और पुनर्वास संबंधी जानकारी भूविस्थापितों को शिविर के माध्यम से दिया गया.

ग्रामीण जमीन देने को नहीं तैयार

ग्राम जटराज के विस्थापितों की ओर से कांग्रेस नेता अजय जयसवाल ने एसईसीएल अधिकारियों से कहा कि 'पुराने प्रभावित 27 भूविस्थापितों को जब तक एसईसीएल नौकरी उपलब्ध नहीं करवाएगी तब तक जमीन एसईसीएल को नहीं देंगे. उन्होंने बताया कि '1983 में भूविस्थापितों की जमीन ली गई थी, लेकिन अभी तक विस्थापितों को नौकरी नहीं दी गई है. इसलिए भूविस्थापित अब जमीन उपलब्ध कराने को तैयार नहीं है.'

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