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कोरबा के धान खरीदी केन्द्रों में नहीं हो रहा उठाव, कैसे पूरा होगा धान तिहार का लक्ष्य ?

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 6, 2024, 6:34 PM IST

Korba paddy procurement centers: कोरबा के धान खरीदी केन्द्रों में धान का उठाव नहीं हो रहा है. इस कारण खरीदी केन्द्रों में जाम की स्थिति पैदा हो गई है. ऐसे हालात रहें तो जिले में धान खरीदी बंद हो सकती है.

Korba paddy procurement centers
कोरबा में धान खरीदी केन्द्र
कोरबा के धान खरीदी केन्द्रों में नहीं हो रहा उठाव

कोरबा: छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद धान खरीदी की प्रक्रिया में तेजी आ चुकी है. आलम यह है कि जिस अनुपात में उपार्जन केंद्रों में धान लेकर किसान पहुंच रहे हैं. उसकी तुलना में इसका उठाव नहीं हो पा रहा है. राइस मिलरों को डीओ जारी किया जा चुका है, लेकिन वह समय पर केंद्र पहुंचकर धान का उठाव नहीं कर पा रहे हैं, जिसके कारण ज्यादातर केंद्रों में बफर लिमिट क्रॉस हो चुकी है. जहां धान के संधारण के लिए जगह ही नहीं बची है. आने वाले कुछ दिनों के भीतर यदि धान का उठाव नहीं हुआ तो धान खरीदी की प्रक्रिया बंद करनी पड़ सकती है.

हर धान खरीदी केन्द्रों में वहीं स्थिति: फिलहाल जिले में प्रतिदिन औसतन 50 हजार क्विंटल से अधिक की धान खरीदी हो रही है. शुरुआत में धान खरीदी की धीमी रफ्तार के कारण, केंद्रों की बफर लिमिट को भी बढ़ाया गया है. अब अचानक लिमिट बढ़ाए जाने से समितियां व्यवस्था नही बना पा रही है. राइस मिलरों की ओर से डीओ काटे जाने के बाद भी धान का उठाव नहीं करने की वजह से समितियों में जाम के हालात पैदा हो चुके हैं.

क्षमता से अधिक धान का स्टॉक: उपार्जन केंद्र कोथारी, केरवाद्वारी में धान खरीदी बंद होने की नौबत आ गई है. दोनों उपार्जन केंद्रों में पांव रखने की जगह नहीं है. कोथारी की लिमिट 1300 क्विंटल से बढक़र 2300 क्विंटल कर दिया गया है. वहीं, केरवाद्वारी की लिमिट 1600 से बढ़ाकर 2600 क्विंटल प्रतिदिवस तय कर दी गई है. लेकिन दोनों ही उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से भी अधिक धान जाम हैं.पोंडी उपरोडा ब्लॉक में भी 12 केंद्रों में बफर स्टाक पार कर गया है. वहां धान रखने के लिए जगह नहीं है. इन केंद्रों में पांच से दस हजार क्विंटल धान रखने की ही क्षमता है. ऐसे में इन केंद्रों में धान खरीदी करने में समस्या आ रही है. पोंडी उपरोडा, मोरगा, कोरबी, सिरमिना व अन्य धान खरीदी केंद्र में समस्या सबसे अधिक है.

41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्र, 25 क्विंटल का लक्ष्य: पूरे प्रदेश में 1 दिसंबर से लेकर 31 जनवरी तक नगद और लिंकिंग व्यवस्था के तहत पंजीकृत किसानों से धान खरीदी का कार्य किया जा रहा है. जिले के 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी जारी है. जिले को इस साल 25 लाख 70 हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है. 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में पंजीकृत 50 हजार 912 किसानों के माध्यम से धान खरीदी का कार्य किया जाना है.

अब तक इतनी खरीदी: दरअसल 'मोदी की गारंटी '(3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी एवं 2 साल का बोनस ) की वजह से किसानो में धान बेचने को लेकर जबरदस्त उत्साह है. हालांकि फिलहाल 2100.83 रुपये की दर से ही भुगतान किया जा रहा है. जिले में अब तक 26 हजार 652 किसान 14 लाख 46 हजार 423 क्विंटल धान बेच चुके हैं. जिसके एवज में 315 करोड़ 75 लाख 43 हजार 198.80 रुपए का भुगतान सहकारी बैंकों के सभी 6 शाखाओं के माध्यम से किया जा रहा है.हालांकि अभी भी जिला तय लक्ष्य का 50 फीसदी भी धान की खरीदी नहीं कर सका है.

बंद करनी पड़ेगी खरीदी, किसान का टोकन काटना होगा बंद : धान रखने के लिए है जगह नहीं है. धान का उठाव नहीं हो पाने के कारण उपार्जन केंद्रो में अब ध्यान रखने की जगह शेष नहीं बची ट्रेक्टर से लाए धान को किसान सड़क पर ही खड़ा कर दे रहे हैं. पोंडी उपरोडा धान खरीदी केंद्र के प्रबंधक नर्मदा देवांगन ने बताया कि धान की आवक बढ़ गयी है. डीओ कटने के बाद भी धान का उठाव नही हो पा रहा है. समिति के पास जगह की कमी है. यदि जल्द ही धान का उठाव नही हुआ, तो अगले सप्ताह से किसानों का टोकन काटना बन्द करना पड़ेगा.

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कोरबा के धान खरीदी केन्द्रों में नहीं हो रहा उठाव

कोरबा: छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद धान खरीदी की प्रक्रिया में तेजी आ चुकी है. आलम यह है कि जिस अनुपात में उपार्जन केंद्रों में धान लेकर किसान पहुंच रहे हैं. उसकी तुलना में इसका उठाव नहीं हो पा रहा है. राइस मिलरों को डीओ जारी किया जा चुका है, लेकिन वह समय पर केंद्र पहुंचकर धान का उठाव नहीं कर पा रहे हैं, जिसके कारण ज्यादातर केंद्रों में बफर लिमिट क्रॉस हो चुकी है. जहां धान के संधारण के लिए जगह ही नहीं बची है. आने वाले कुछ दिनों के भीतर यदि धान का उठाव नहीं हुआ तो धान खरीदी की प्रक्रिया बंद करनी पड़ सकती है.

हर धान खरीदी केन्द्रों में वहीं स्थिति: फिलहाल जिले में प्रतिदिन औसतन 50 हजार क्विंटल से अधिक की धान खरीदी हो रही है. शुरुआत में धान खरीदी की धीमी रफ्तार के कारण, केंद्रों की बफर लिमिट को भी बढ़ाया गया है. अब अचानक लिमिट बढ़ाए जाने से समितियां व्यवस्था नही बना पा रही है. राइस मिलरों की ओर से डीओ काटे जाने के बाद भी धान का उठाव नहीं करने की वजह से समितियों में जाम के हालात पैदा हो चुके हैं.

क्षमता से अधिक धान का स्टॉक: उपार्जन केंद्र कोथारी, केरवाद्वारी में धान खरीदी बंद होने की नौबत आ गई है. दोनों उपार्जन केंद्रों में पांव रखने की जगह नहीं है. कोथारी की लिमिट 1300 क्विंटल से बढक़र 2300 क्विंटल कर दिया गया है. वहीं, केरवाद्वारी की लिमिट 1600 से बढ़ाकर 2600 क्विंटल प्रतिदिवस तय कर दी गई है. लेकिन दोनों ही उपार्जन केंद्रों में बफर लिमिट से भी अधिक धान जाम हैं.पोंडी उपरोडा ब्लॉक में भी 12 केंद्रों में बफर स्टाक पार कर गया है. वहां धान रखने के लिए जगह नहीं है. इन केंद्रों में पांच से दस हजार क्विंटल धान रखने की ही क्षमता है. ऐसे में इन केंद्रों में धान खरीदी करने में समस्या आ रही है. पोंडी उपरोडा, मोरगा, कोरबी, सिरमिना व अन्य धान खरीदी केंद्र में समस्या सबसे अधिक है.

41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्र, 25 क्विंटल का लक्ष्य: पूरे प्रदेश में 1 दिसंबर से लेकर 31 जनवरी तक नगद और लिंकिंग व्यवस्था के तहत पंजीकृत किसानों से धान खरीदी का कार्य किया जा रहा है. जिले के 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी जारी है. जिले को इस साल 25 लाख 70 हजार क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य दिया गया है. 41 समितियों के 65 उपार्जन केंद्रों में पंजीकृत 50 हजार 912 किसानों के माध्यम से धान खरीदी का कार्य किया जाना है.

अब तक इतनी खरीदी: दरअसल 'मोदी की गारंटी '(3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी एवं 2 साल का बोनस ) की वजह से किसानो में धान बेचने को लेकर जबरदस्त उत्साह है. हालांकि फिलहाल 2100.83 रुपये की दर से ही भुगतान किया जा रहा है. जिले में अब तक 26 हजार 652 किसान 14 लाख 46 हजार 423 क्विंटल धान बेच चुके हैं. जिसके एवज में 315 करोड़ 75 लाख 43 हजार 198.80 रुपए का भुगतान सहकारी बैंकों के सभी 6 शाखाओं के माध्यम से किया जा रहा है.हालांकि अभी भी जिला तय लक्ष्य का 50 फीसदी भी धान की खरीदी नहीं कर सका है.

बंद करनी पड़ेगी खरीदी, किसान का टोकन काटना होगा बंद : धान रखने के लिए है जगह नहीं है. धान का उठाव नहीं हो पाने के कारण उपार्जन केंद्रो में अब ध्यान रखने की जगह शेष नहीं बची ट्रेक्टर से लाए धान को किसान सड़क पर ही खड़ा कर दे रहे हैं. पोंडी उपरोडा धान खरीदी केंद्र के प्रबंधक नर्मदा देवांगन ने बताया कि धान की आवक बढ़ गयी है. डीओ कटने के बाद भी धान का उठाव नही हो पा रहा है. समिति के पास जगह की कमी है. यदि जल्द ही धान का उठाव नही हुआ, तो अगले सप्ताह से किसानों का टोकन काटना बन्द करना पड़ेगा.

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