स्टेट हाईवे पर क्यों उमड़ा अन्नदाताओं का सैलाब ?

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Published : Jun 18, 2022, 7:51 PM IST

Updated : Jun 18, 2022, 7:58 PM IST

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पखांजूर में एक बार फिर किसानों ने चक्काजाम किया (Farmers protest in Pakhanjur) है. किसानों ने मक्का की रकम नहीं मिलने पर गिरफ्तार आरोपी को सामने लाने की मांग की है.

कांकेर : कांकेर जिले के पखांजुर में किसानों ने फिर एक बार स्टेट हाइवे को जाम कर दिया (Farmers protest in Pakhanjur) है. पिछले हफ्ते किसानों ने 30 घण्टे तक स्टेट हाइवे जाम किया था. प्रशासन ने तीन दिन का अल्टीमेटम देकर किसानों का चक्काजाम खत्म करवाया था.प्रशासन का आश्वासन पूरा नही होने से आक्रोशित किसानों ने फिर एक बार स्टेट हाइवे जाम किया है।

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क्यों कर रहे किसान विरोध : बता दें कि परलकोट क्षेत्र में रबी में मक्का की खेती होती है , जिसकी खरीदी स्थानीय व्यापारी करते हैैं. राजनांदगांव के एविज कंपनी में बेचते हैं . पखांजूर में सुमन टेडर्स के संचालक सुमन राय (Suman Tedders operator accused of fraud in Pakhanjur) जो एविज कंपनी के मछली और कुक्कुट आहार के अधिकृत विक्रेता हैं. साल 2021 से मक्का खरीदी का काम भी शुरू किया. पहले साल तो सीमित मात्रा में खरीदा. लेकिन इस साल उसने 30 एजेंट बनाए और उन्हें 10 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन देकर बाजार से 50 रुपए अधिक दाम में मक्का खरीदी शुरू की. शुरुआत में व्यापारी ने नकद भुगतान किया. लेकिन व्यापारी ने किसानों को एक सप्ताह में भुगतान देना शुरू किया. एक सप्ताह में भुगतान मिलने के कारण किसानों का विश्वास कायम पर रहा. लेकिन 15 मई से किसानों को भुगतान करना बंद कर दिया गया.

कितने का भुगतान अधूरा : कांकेर जिले के पखांजूर क्षेत्र (Farmers angry in Pakhanjur area of ​​Kanker district) के 600 किसानों से मक्का खरीदी के नाम पर 7 करोड़ का भुगतान नहीं होना किसान बता रहे हैं. किसान आज शाम पखांजुर थाने के सामने धरने पर फिर से बैठ गए हैं . किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले पखांजूर के व्यापारी सुमन राय के खिलाफ पुलिस ने धारा 420 का मामला दर्ज करके गिरफ्तार कर पिछले शनिवार को जेल दाखिल कर दिया है.लेकिन किसान इस बात पर अड़े है कि आरोपी को उनके सामने लाया जाए , वह बताएगा भुगतान कब और कैसे करेगा.

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मक्का के पैसों के गबन का यह है चौथा मामला : साल 2017 में इससे पहले भी किसानों से ठगी की गई है. निर्मल पाईक ने 150 किसानों के मक्का का एक करोड़ का भुगतान नहीं किया. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 2019 में निधिर मंडल ने 50 से अधिक किसानों का 50 लाख का भुगतान नहीं किया. भुगतान के लिए दबाव बढ़ा तो उसने आत्महत्या कर ली. साल 2021 में महानंद सिकदार ने 20 से अधिक किसानों का 25 लाख का भुगतान नहीं किया. लाइसेंसी व्यापारी होने के कारण कृषि उपज मंडी ने उक्त व्यापारी की सालवेंसी के आधार जमीन नीलामी का मामला तहसील में लगाया. साल 2022 में सुमन राय ने 600 किसानों का 7 करोड़ का भुगतान नहीं किया. यह भी लाइसेंसी व्यापारी है. लेकिन सालवेंसी मात्र डेढ़ लाख की है. उक्त व्यापारी के नाम कितनी संपत्ति है यह ज्ञात नहीं (Pakhanjur six hundred maize farmers did not get payment) है.




Last Updated :Jun 18, 2022, 7:58 PM IST
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