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कवर्धा में हेड मास्टर घर बैठे ले रहे सैलरी , किराये के टीचर गढ़ रहे नौनिहालों का भविष्य

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 17, 2024, 12:31 PM IST

Updated : Jan 17, 2024, 1:07 PM IST

Hired Teachers in Kawardha छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था कितनी सुधर रही है इसकी एक बानगी कवर्धा के बोड़ला इलाके में देखने को मिली.जहां पढ़ाई का जिम्मा उठाने वाले शिक्षक घर बैठे सैलरी ले रहे हैं.वहीं उनके बदले छात्राओं को पैसा देकर बच्चों की पढ़ाई कम्पलीट कराई जा रही है.

Hired Teachers in Kawardha
कवर्धा में हेड मास्टर घर बैठे ले रहे सैलरी
कवर्धा में हेड मास्टर घर बैठे ले रहे सैलरी

कवर्धा : आपने किराये पर सामान ,गाड़ी या घर लेने की बात तो सुनी होगी.लेकिन आज हम आपको जो वाक्या बताने वाले हैं उसमें किराये पर शिक्षक स्कूल में रख लिए गए.वो भी एक नहीं दो-दो. ये पूरा मामला कवर्धा के बोड़ला ब्लॉक का है.जहां के सुदूर वनांचल क्षेत्र के लावा प्राथमिक स्कूल में दो किराए के शिक्षिकाएं अध्यापन कार्य करवा रही हैं.वहीं जिस प्रधान पाठक की ड्यूटी इस स्कूल में लगी है वो कभी कभार स्कूल में मुंह दिखाई के लिए आ जाते हैं.

कितनी है स्कूल में बच्चों की संख्या ? : आपको बता दें कि इस स्कूल में पढ़ने वाली बच्चों की संख्या 17 है.जब ईटीवी भारत की टीम स्कूल में पहुंची तो बच्चों को पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं के मुंह में ताला लग गया.ये दोनों शिक्षिकाएं एक ही क्लास रूम में बच्चों को पढ़ा रहीं थी.वहीं जब बच्चों से शिक्षिकाओं के बारे में पूछा गया तो सारा मामला उजागर हो गया.

Hired Teachers
किराए के शिक्षकों के हाथ बच्चों का भविष्य

हेड मास्टर ने किराये पर रखीं छात्राएं : जो शिक्षिकाएं बच्चों को पढ़ा रही हैं वो गांव में ही रहती है.जो खुद बारहवीं में पढ़ रही हैं. आरोप है कि हेड मास्टर कमलदास मुरचले ने अपनी सैलरी में से 3-3 हजार देकर दोनों छात्राओं को स्कूल में रखा.इन्हीं की मदद से बच्चों की पढ़ाई पूरी करवाई जा रही है.स्कूल के बच्चों की माने तो हेड मास्टर स्कूल आते नही हैं.

पढ़ाने की झंझट से मुक्ति : प्रधान पाठक ने अपने बदले मे 2 महिला टीचरों की व्यवस्था कर दिए ताकि सरकारी तनख्वाह मिलती रहे और पढ़ाने की झंझट भी ना रहे. इसलिए गांव की ही दो मैडमों की नियुक्ति कर दी है.वहीं इस सबंध में जिला शिक्षा अधिकारी से बात करने पर उन्होंने उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

''इस बारे में मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है.स्कूल में दो छात्राओं को बच्चों को पढ़ाने के लिए रखा गया है.हो सकता है कि शाला प्रबंधन समिति ने छात्राओं को रखा हो.ये जांच का विषय है.यदि हेड मास्टर स्कूल नहीं आ रहे हैं तो उस पर कार्रवाई की जाएगी''-एमके गुप्ता,प्रभारी डीईओ

बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ : छत्तीसगढ़ सरकार बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षिकों की कमी को पूरा कर रही है.स्कूलों में अच्छी व्यवस्थाओं के लिए पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है.लेकिन कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां अफसरों के निरीक्षण ना करने का फायदा सीनियर शिक्षक उठा रहे हैं. वो इसी तरह घर बैठे सैलरी लेकर किराए के शिक्षिकों से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

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कवर्धा : आपने किराये पर सामान ,गाड़ी या घर लेने की बात तो सुनी होगी.लेकिन आज हम आपको जो वाक्या बताने वाले हैं उसमें किराये पर शिक्षक स्कूल में रख लिए गए.वो भी एक नहीं दो-दो. ये पूरा मामला कवर्धा के बोड़ला ब्लॉक का है.जहां के सुदूर वनांचल क्षेत्र के लावा प्राथमिक स्कूल में दो किराए के शिक्षिकाएं अध्यापन कार्य करवा रही हैं.वहीं जिस प्रधान पाठक की ड्यूटी इस स्कूल में लगी है वो कभी कभार स्कूल में मुंह दिखाई के लिए आ जाते हैं.

कितनी है स्कूल में बच्चों की संख्या ? : आपको बता दें कि इस स्कूल में पढ़ने वाली बच्चों की संख्या 17 है.जब ईटीवी भारत की टीम स्कूल में पहुंची तो बच्चों को पढ़ाने वाली शिक्षिकाओं के मुंह में ताला लग गया.ये दोनों शिक्षिकाएं एक ही क्लास रूम में बच्चों को पढ़ा रहीं थी.वहीं जब बच्चों से शिक्षिकाओं के बारे में पूछा गया तो सारा मामला उजागर हो गया.

Hired Teachers
किराए के शिक्षकों के हाथ बच्चों का भविष्य

हेड मास्टर ने किराये पर रखीं छात्राएं : जो शिक्षिकाएं बच्चों को पढ़ा रही हैं वो गांव में ही रहती है.जो खुद बारहवीं में पढ़ रही हैं. आरोप है कि हेड मास्टर कमलदास मुरचले ने अपनी सैलरी में से 3-3 हजार देकर दोनों छात्राओं को स्कूल में रखा.इन्हीं की मदद से बच्चों की पढ़ाई पूरी करवाई जा रही है.स्कूल के बच्चों की माने तो हेड मास्टर स्कूल आते नही हैं.

पढ़ाने की झंझट से मुक्ति : प्रधान पाठक ने अपने बदले मे 2 महिला टीचरों की व्यवस्था कर दिए ताकि सरकारी तनख्वाह मिलती रहे और पढ़ाने की झंझट भी ना रहे. इसलिए गांव की ही दो मैडमों की नियुक्ति कर दी है.वहीं इस सबंध में जिला शिक्षा अधिकारी से बात करने पर उन्होंने उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

''इस बारे में मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है.स्कूल में दो छात्राओं को बच्चों को पढ़ाने के लिए रखा गया है.हो सकता है कि शाला प्रबंधन समिति ने छात्राओं को रखा हो.ये जांच का विषय है.यदि हेड मास्टर स्कूल नहीं आ रहे हैं तो उस पर कार्रवाई की जाएगी''-एमके गुप्ता,प्रभारी डीईओ

बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ : छत्तीसगढ़ सरकार बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षिकों की कमी को पूरा कर रही है.स्कूलों में अच्छी व्यवस्थाओं के लिए पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है.लेकिन कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां अफसरों के निरीक्षण ना करने का फायदा सीनियर शिक्षक उठा रहे हैं. वो इसी तरह घर बैठे सैलरी लेकर किराए के शिक्षिकों से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

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Last Updated : Jan 17, 2024, 1:07 PM IST
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