ETV Bharat / state

बस्तर की कला संस्कृति से जुड़े 'बादल' संस्था का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण

author img

By

Published : Oct 17, 2021, 10:31 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जनजातीय संस्कृति (Tribal Culture) के केन्द्र के रुप में बस्तर के लोक नृत्य, स्थानीय बोलियां, साहित्य और शिल्पकला के संरक्षण और संवर्द्धन में आज से शुरू हुई बस्तर एकेडमी ऑफ डांस (Bastar Academy Of Dance), आर्ट एंड लैंग्वेज (Art And Language) (बादल) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

Chief Minister Bhupesh Baghel
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

जगदलपुर: बस्तर के लोक नृत्य (Folk Dance of Bastar), स्थानीय बोलियां, साहित्य और शिल्पकला के संरक्षण और संवर्द्धन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन की ओर से आसना ग्राम में बनाये गए बस्तर एकेडमी ऑफ डांस (Bastar Academy Of Dance), आर्ट एंड लेंग्वेज (बादल) के नवनिर्मित परिसर का मुख्यमंत्री ने लोकार्पण किया.

'बादल' संस्था का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण

आर्ट एंड लैंग्वेज की महत्वपूर्ण भूमिका

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जनजातीय संस्कृति (Tribal Culture) के केन्द्र के रुप में बस्तर के लोक नृत्य, स्थानीय बोलियां, साहित्य और शिल्पकला के संरक्षण और संवर्द्धन में आज से शुरू हुई बस्तर एकेडमी ऑफ डांस (Bastar Academy Of Dance), आर्ट एंड लैंग्वेज (Art And Language) (बादल) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. बादल एकेडमी के जरिए बस्तर की विभिन्न जनजातीय संस्कृतियों को देश दुनिया में परिचय कराना है. साथ ही यहां के मैदानी कर्मचारी-अधिकारियों को स्थानीय बोली-भाषा का प्रशिक्षण देने का कार्य भी यहां किया जा सकेगा.

Chief Minister Bhupesh Baghel
तीर चलाते सीएम

मुख्यमंत्री परिवर्तन के सवाल पर क्या कह गए टी एस सिंहदेव

नई पीढ़ी को किया जाएगा प्रशिक्षत

बादल एकेडमी (Badal Academy) के जरिये बस्तर की संस्कृति को नई पहचान मिलेगी. इस एकेडमी में मुख्य रूप से लोकगीत और लोक नृत्य, लोक साहित्य, भाषा और बस्तर शिल्प कला होंगे. लोक गीत और लोक नृत्य के गीतो का संकलन, फिल्मांकन और प्रदर्शन का नई पीढ़ी को प्रशिक्षण दिया जायेगा. जिसमें गंवर सिंग नाचा, डण्डारी नाचा, धुरवा नाचा, परब नाचा, लेजागीत, मारीरसोना, जगार गीत शामिल रहेगी.

inaugurated Badal organization in Bastar
फीता काटते सीएम

प्रदर्शन एवं निर्माण करने की कला सिखाई जाएगी

लोक साहित्य के तहत बस्तर के सभी समाज के धार्मिक रीति-रिवाज, तीज त्यौहार, कविता, मुहावरा आदि का संकलन, लिपिबद्ध कर जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा. भाषा के तहत बस्तर की प्रसिद्ध बोली हल्बी, गोंडी, धुरवी और भतरी बोली का स्पीकिंग कोर्स तैयार कर लोगों को इन बोली का प्रशिक्षण दिया जाएगा. बस्तर शिल्प कला, इसी तरह बस्तर की शिल्प कलाओं में काष्ठकला, धातु कला, बांसकला, जूटकला, तुम्बा कला आदि का प्रदर्शन एवं निर्माण करने की कला सिखाई जाएगी.

बस्तर की जनजातीय संस्कृति है सबसे अनूठी: सीएम बघेल

सीएम ने 18 लाख 50 हजार राशि प्रदान की

इस बादल एकेडमी में लाइब्रेरी (Library at Badal Academy), रिकॉर्डिंग रूम, ओपन थिएटर, डांस गैलरी, गार्डन एवं रेसिडेंशियल हाउस, पाथवे, एग्जीबिशन हॉल, कैफेटेरिया बनाए गए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से विभिन्न जनजातियों के लोगों को साजसज्जा, वेशभूषा और वाद्ययंत्र खरीदी के लिए 18 लाख 50 हजार राशि दी.

लोक नृत्य और लोक संगीत

इधर बादल एकेडमी के लोकार्पण के मौके पर बस्तर के स्थानीय कलाकारों की ओर से विभूतियों के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन करने के साथ ही कलाकारों ने अपनी अपनी हुनर दिखाया. बादल एकेडमी और खैरागढ़ इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. जिसके तहत इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय (Indira University of Art and Music) की तरफ से बादल एकेडमी में लोक नृत्य और लोक संगीत के लिए साझा तौर पर कार्य किया जाएगा. विश्वविद्यालय की ओर से बादल एकेडमी को मान्यता प्रदान करते हुए अपने पाठ्यक्रमों से संबंधित विधाओं का संचालन किया जा सकेगा.

इसके साथ ही यहां आज मुख्यमंत्री की मौजूदगी में थिंक-बी और आईआईएम रायपुर, आईआईआईटी रायपुर (IIIT Raipur), हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साईंसेस के साथ एमओयू किए गए. बादल एकेडमी के लोकार्पण के दौरान मुख्यमंत्री ने बस्तर कलेक्टर की तारीफ भी की.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.