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लोगों के आकर्षण का केन्द्र है बस्तर का बिजाकासा जलप्रपात लेकिन मूलभूत सुविधाओं से है वंचित

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Published : Nov 7, 2021, 4:40 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

Bastar's Bijakasa Falls
बस्तर का बिजाकासा जलप्रपात

बस्तर (Bastar) में प्राकृतिक सौंदर्य (Natural beauty) से परिपूर्ण पर्यटन को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं. यहां के नैसर्गिक वन, खूबसूरत जलप्रपातें, पहाड़ी क्षेत्र पर्यटकों का मन मोह लेती है.यहां के जलप्रपातों में से एक है बिजाकासा जलप्रपात(Bijakasa Falls), जो कि पर्यटकों (Tourists) का मन मोह रही है.

जगदलपुरः प्राकृतिक सौंदर्य (Natural beauty) से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में पर्यटन को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं है. यहां के नैसर्गिक वन, खूबसूरत जलप्रपातें, पहाड़ी क्षेत्र पर्यटकों (Tourists)का मन मोह लेती है. देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात के अलावा बस्तर जिले में 10 से अधिक ऐसी जलप्रपात हैं, जो अपनी खूबसूरती की छटा बिखेरती है. इन जलप्रपातों में से एक है बिजाकासा जलप्रपात(Bijakasa Falls).

पर्यटकों का मन मोह लेती है बिजाकासा जलप्रपात

बारिश के दिनों में मन मोहती है ये जलप्रपात

लगभग 100 फीट ऊंचाई से गिरता यह जलप्रपात बारिश के दिनों में यहां पहुंचने वाले पर्यटकों का मन मोह लेता है. बस्तर में चित्रकोट, तीरथगढ़ जलप्रपात के बाद बिजाकासा जलप्रपात को सबसे अधिक पसंद किया जा रहा है. हालांकि जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ने अब तक इस खूबसूरत बिजाकासा जलप्रपात को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कोई खास पहल नहीं की है, जिस वजह से कई पर्यटक इस जलप्रपात के जानकारी के अभाव में इस खूबसरत जलप्रपात को देखने से वंचित हो रहे हैं.

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ग्रामीणों ने की थी इसकी खोज

दरअसल, जगदलपुर शहर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बीजाकासा जलप्रपात की खोज स्थानीय ग्रामीणों ने ही की थी. इस जलप्रपात की खोज किए सालभर से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन ने अब तक इस जलप्रपात को निखारने और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठायी है. हालांकि स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा बस्तर कलेक्टर से मांग किए जाने के बाद जलप्रपात तक पहुंचने के लिए कच्ची सड़क बनाने के प्रयास जरूर शुरू कर दिए गए हैं.

स्थानीय युवा गार्ड के रूप में नियुक्त

कुछ स्थानीय युवाओं को जलप्रपात में गार्ड के रूप में नियुक्त भी किया गया है, ताकि इस जलप्रपात को देखने पहुंच रहे पर्यटक किसी हादसे का शिकार ना हों. पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं हो पाने की वजह से और इस जलप्रपात के जानकारी के अभाव में हर दिन 15 से 20 पर्यटक ही यहां पहुंच रहे हैं.इनमें अधिकतर बस्तर के ही स्थानीय लोग हैं. दूसरे राज्य और अन्य जिलों के पर्यटकों को इस जलप्रपात की जानकारी ही नही है.

प्रशासन की उदासीनता के कारण नहीं हो रहा विकसित

वहीं, इस जलप्रपात को देखने पहुंच रहे पर्यटकों का कहना है कि बीजाकासा जलप्रपात चित्रकोट, तीरथगढ़ जलप्रपात के बाद सबसे अधिक मनमोहक और एडवेंचर्स की जगह है. यह जलप्रपात बेहद खूबसूरत है और काफी बड़ा भी, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते इस जलप्रपात को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया जा सका है. पर्यटकों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन इस जलप्रपात की ओर ध्यान देती है, तो निश्चित तौर पर बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. केवल राज्य से ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य और देश विदेशों से भी पर्यटक इस मनोरम जलप्रपात को देखने पहुंच सकेंगे.

चेंजिंग रूम और टॉयलेट की आवश्यकता

एक अन्य पर्यटक का कहना है कि इस जलप्रपात को विकसित करने के लिए प्रशासन को काफी कुछ करने की आवश्यकता है, जिसमें मुख्य रुप से यह जलप्रपात पहाड़ी क्षेत्र में होने की वजह से यहां सुरक्षा के लिहाज से रेलिंग के साथ की लाइट की व्यवस्था कैंटीन, टॉयलेट और चेंजिंग रूम होना आवश्यक है. इसके साथ ही जल्द से जल्द पहुंच मार्ग बनाने की भी आवश्यकता है. साथ ही इस जलप्रपात के आसपास और भी बेहतर पिकनिक स्पॉट तैयार किये जा सकते हैं.

विकसित होने से मिलेगा स्थानीय युवाओं को रोजगार

इधर स्थानीय युवाओं का कहना है कि जिला प्रशासन के माध्यम से गांव के करीब 16 युवाओं को इस जलप्रपात को देखने पहुंच रहे पर्यटको की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है. उनके समूह के माध्यम से पर्यटको से वाहन पार्किंग और एक पर्यटक से 10 रुपये चार्ज लिए जा रहे हैं. लेकिन युवा कर्मचारियों का कहना है कि अगर प्रशासन इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करता है तो निश्चित तौर पर ज्यादा से ज्यादा स्थानीय युवाओं को यहां रोजगार मिल सकेगा. साथ ही वे सही तरीके से जलप्रपात की देखरेख कर सकेंगे.

चित्रकोट और तीरथगढ़ से अधिक आकर्षक है बिजाकासा जलप्रपात

साथ ही स्थानीय युवा बताते हैं कि कई पर्यटक यहां टॉयलेट नहीं होने की वजह से और कैंटीन के साथ चेंजिंग रूम नहीं होने की वजह से जरूर निराश होते हैं. इन सब दुविधाओं के लिए जिला प्रशासन को भी समूह के द्वारा अवगत कराया गया है. उनका कहना है कि अगर जिला प्रशासन जल्द से जल्द इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करती है, तो निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में चित्रकोट और तीरथगढ़ जलप्रपात के बाद सबसे अधिक पर्यटक इस बिजाकासा जलप्रपात को ही देखने पहुंचेंगे. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही बस्तर को भी पर्यटन क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा.

कलेक्टर ने दिया विकसित करने का आश्वासन

वहीं, इस बिजाकासा जलप्रपात को लेकर ईटीवी भारत ने बस्तर कलेक्टर रजत बंसल से चर्चा की, तो उन्होंने कहा कि इस पर्यटन स्थल को विकसित करने के लिए जिला प्रशासन ने कार्य शुरू कर दिया है और सबसे पहले इस जलप्रपात तक पहुँचने के लिए कच्ची सड़क का निर्माण किया जा रहा है. कलेक्टर का कहना है कि इस जलप्रपात को विकसित करने के लिए काफी कुछ निर्माण कार्य किया जाना है. प्रशासन के द्वारा कोशिश की जा रही है कि जल्द से जल्द बिजाकासा जलप्रपात को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर सकें ताकि इस खूबसूरत जलप्रपात को देखने छत्तीसगढ़ राज्य के साथ ही अन्य राज्य और विदेशों से भी पर्यटक यहाँ पहुँच सके.

Last Updated :Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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