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खेलने कूदने की उम्र में पुलिस विभाग में नौकरी, जानिए दुर्ग के बच्चे क्यों बने बाल आरक्षक ?

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 22, 2023, 5:15 PM IST

Child Guards In Durg
खेलने कूदने की उम्र में पुलिस विभाग में मिली नौकरी

Child Guards In Durg छत्तीसगढ़ पुलिस ने अनूठी पहल करते हुए दो बच्चों को बाल आरक्षक के पद पर नियुक्ति दी है.दुर्ग एसएसपी रामगोपाल गर्ग ने जिले के दो बच्चों को बाल आरक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति का पत्र दिया.जिसके बाद सात साल की अंजली भट्ट और पांच साल के विवान भास्कर बाल आरक्षक बने हैं.अब ये दोनों ही बच्चे बाल कॉन्स्टेबल कहलाएंगे. two children of Durg got job of Bal Aarakshak

खेलने कूदने की उम्र में पुलिस विभाग में नौकरी

दुर्ग : छत्तीसगढ़ पुलिस अपराधियों की धरपकड़ के अलावा अपना सामाजिक दायित्व भी बखूबी निभाती है.पुलिस बल के जवानों का हौंसला बढ़ाने में पुलिस विभाग कभी पीछे नहीं रहता.फिर चाहे जवान देश सेवा के लिए शहीद ही क्यों ना हो गया हो,उसके परिवार की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग उठाने में जरा भी कोताही नहीं बरतता. दुर्ग जिले की बात करें तो दो दिवंगत आरक्षकों के परिवार के लालन पालन की जिम्मेदारी भी पुलिस विभाग ने उठाई है.इसके लिए दो परिवारों के बच्चों को बाल आरक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है.18 वर्ष की आयु पूरी करते ही ये दोनों बच्चे पुलिस विभाग में ट्रेनिंग के बाद सेवाएं देंगे.

5 साल का विवान बना बाल आरक्षक : दुर्ग पुलिस में अपनी सेवाएं देने वाले आरक्षक राजकुमार भास्कर का आकस्मिक निधन हो गया था.जिसके बाद उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.पत्नी गृहिणी है.घर पर पांच साल का बच्चा विवान की जिम्मेदारी राजकुमार की पत्नी के जिम्मे आ गई.दुख की इस घड़ी में दुर्ग पुलिस ने परिवार के साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया था.जिसे पूरा करते हुए पुलिस विभाग ने अपना वचन निभाया .

एसएसपी रामगोपाल गर्ग ने 5 साल के विवान भास्कर को बाल आरक्षक के पद का नियुक्ति पत्र सौंपा.इससे पहले विवान के साथ एसएसपी ने आत्मीयता के साथ बातचीत की.रामगोपाल गर्ग ने विवान से जब पूछा कि क्या तुम पुलिसवाले बनोगे.तो विवान ने मासूमियत से हां में जवाब दिया.ये शब्द सुनकर विवान की मां की आंखों में खुशी के आंसू आ गए.

बेमेतरा निवासी थे राजकुमार भास्कर : इस दौरान बाल आरक्षक की मां अंजू भास्कर ने कहा कि उनके पति आरक्षक राजकुमार भास्कर निवासी बेमेतरा के रहने वाले थे. पति की मौत के बाद 5 वर्षीय बेटे विवान भास्कर को पुलिस की नौकरी दिलाने की ठानी. बेमेतरा में पद खाली न होने पर दुर्ग जिले में पदस्थाना के निर्देश मिले. गुरुवार को दुर्ग एसएसपी रामगोपाल गर्ग ने आवश्यक कार्रवाई कराते हुए मां की उपस्थिति में पांच वर्ष के बालक को बाल आरक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति का पत्र सौंपा.

7 साल की बच्ची अंजली भट्ट को भी नियुक्ति पत्र : एसएसपी रामगोपाल गर्ग ने इस दौरान 7 साल की बच्ची अंजली भट्ट को बी बाल आरक्षक के रूप में अनुकंपा नियुक्ति पत्र दिया है.अंजली के पिता के भी आकस्मिक निधन हो गया था. अनुकंपा नियुक्ति पाने वाली बच्ची के पिता अतुल भट्ट आरक्षक के पद पर दुर्ग जिले में तैनात थे.

अंजली के पिता की हार्ट अटैक से हुई थी मौत : नौकरी के दौरान हार्ट अटैक से उनकी आकस्मिक मौत हो गई थी. जिसकी वजह से उनका परिवार बेसहारा हो गया था. इसकी जानकारी जब एसएसपी को लगी तो उन्होंने अनुकम्पा नियुक्त के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए इससे संबंधित सभी कार्रवाई जल्द पूरी करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद 7 साल की अंजली भट्ट को पुलिस विभाग में बाल आरक्षक के पद की नियुक्ति दी गई है.

18 साल पूरा करने पर देंगे सेवाएं : एसएसपी रामगोपाल गर्ग ने बताया कि पुलिस विभाग में किसी भी पुलिसकर्मी के आकस्मिक निधन होने पर परिवार को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान है. इसी वजह से जो 18 वर्ष से कम के बच्चे हैं, उन्हें बाल आरक्षक के पद पर भर्ती दी जाती है.अंजलि भट्ट 7 वर्ष और विवान भास्कर 5 वर्ष के हैं. दोनों को बल आरक्षक के रूप में अनुकंपा नियुक्ति दी गई है.दोनों 18 साल पूरा करने पर पुलिस विभाग में सेवाएं देंगे.

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