धमतरी: जिले में 4 दिनों से हड़ताल कर रहे स्वच्छता दीदियों ने हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने का फैसला लिया है. ये वापसी नगर निगम के सख्त रवैये के बाद हुई है. स्वच्छता दीडियों ने कलेक्टर दर पर भुगतान की मांग को लेकर 20 जून से हड़ताल शुरू किया था.. पहले इसे 3 दिन का आंदोलन बताया गया. लेकिन तीसरे दिन इस हड़ताल को अनिश्चितकालीन कर दिया गया.
हड़तालियों को निगम की सख्त चेतावनी: 23 जून को प्रदेश के बाकी हिस्सों में स्वच्छता दीदियों ने हड़ताल खत्म कर दिया था. लेकिन धमतरी में वे चौथे दिन भी हड़ताल पर बैठे रहे. इसके बाद धमतरी नगर निगम ने हड़तालियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए काम से हटाने की चेतावनी दी. इसके बाद स्वच्छता दीदियों ने हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने का ऐलान किया.
हड़ताल खत्म होने से शहर में ठप हो चुकी सफाई व्यवस्था को वापस पटरी पर लौटने से निगम और शहर वासियों को राहत मिलेगी. अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर जिले की स्वच्छता दीदियां पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर थी. प्रदेश संघ से चर्चा के बाद हड़ताल को स्थगित किया गया है.
मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया. जिसमें 15 दिनों की मोहलत दी गई है. यदि 15 दिनों में कोई ठोस निर्णय शासन द्वारा नहीं लिया जाता है तो आगे आंदोलन की नई रणनीति बनाई जाएगी. -गीतेश्वरी साहू, स्वच्छता दीदी
स्वच्छता दीदियां चार दिन से हड़ताल पर हैं. शुक्रवार को हड़ताल स्थगित की सूचना दी गई है. अगर वह काम पर नहीं लौटते तो निगम की तरफ से सख्त कार्रवाई की जाएगी.. - विनय पोयाम, कमिश्नर
ये है स्वच्छता दीदियों की मांग: टू डोर कचरा कलेक्शन के लिए 2017 से स्वच्छता दीदी काम कर रही हैं. यह वाहन, रिक्शा के माध्यम से घर-घर जाकर कचरा कलेक्शन करती हैं, जिसे मणीकंचन केंद्र में लाकर डिस्पोज किया जाता है. इन्हें 6000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है. महिलाएं बताती हैं कि बढ़ती महंगाई को देखते हुए मानदेय में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. यदि किसी कारणवश बीमार पड़ जाती हैं तो उस दिन का पेमेंट भी कट जाता है. गंदगी के बीच कई स्वच्छता दीदी बीमार पड़ जाती है. जिनका खर्चा खुद को उठाना पड़ता है.