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दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का आरोप झूठा, सुरक्षाबलों ने नहीं की ड्रोन से बमबारी: बस्तर IG

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Published : Apr 17, 2022, 12:21 PM IST

Updated : Apr 17, 2022, 4:57 PM IST

बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के आरोपों को झूठा बताया. कहा कि 'सुरक्षा बलों ने ड्रोनों से भीषण बमबारी नहीं किया. लोगों के बीच नक्सली संगठन भ्रम फैला रही है'.

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आईजी पी.सुंदरराज

बीजापुर: बीजापुर में 15 अप्रैल को सीपीआई नक्सलियों की दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी द्वारा प्रेस रिलीज जारी किया गया. 14-15 अप्रैल की दरम्यानी रात दक्षिण बस्तर के बोट्टेम, रासम, एर्राम, मेट्टागुड़ेम, साकिलेर, मडपा, दुलेड, कन्नेमरका, पोट्टेमंगुम, बोत्तम गांवों और जंगलों को निशाना बनाया गया. दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी ने रात 1 बजे से 2 बजे तक लगातार सुरक्षा बल ड्रोनों से भीषण बमबारी करने का आरोप लगाया. जिस पर बस्तर आईजी पी.सुंदरराज ने कहा कि नक्सलियों के सुरक्षा बलों पर लगाए आरोप बेबुनियाद है. ऐसा कुछ नहीं हुआ है.

ड्रोनों से भीषण बमबारी पर दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का आरोप झूठा

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झूठा आरोप लगाना गलत: बस्तर के आईजी पी.सुंदरराज ने कहा कि क्षेत्र की जनता को दिग्भ्रमित करना, प्रतिबंधित गैरकानूनी सीपीई नक्सली संगठन की एक सोची समझी साजिश के तहत रणनीति का हिस्सा है. बस्तर सहित पूरे भारत में नागरिकों की जानमाल की रक्षा लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत आता है. इसकी जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बल बहुखूबी निभाते हैं. आईजी ने कहा कि नक्सलियों के झूठे प्रचार-प्रसार एवं क्षेत्र के निर्दोष नागरिकों को प्रताड़ित करना, वनांचल क्षेत्र की जनता को मूलभूत सुविधा से वंचित रखना और गैर मानवीय एवं विकास विरोधी हरकतों को छोड़कर जमीनी हकीकत को जानना एवं समझना जरूरी है.


नक्सली कैडरों को हकीकत को समझना जरुरी: क्रांतिकारी जन आंदोलन की आड़ में छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद विगत 22 वर्षों में बस्तर क्षेत्र में 1700 से अधिक निर्दोष ग्रामीणों (जिनमें कई महिला, बच्चे एवं बुजुर्ग भी शामिल हैं) की हत्या और 1100 से अधिक बार आईईडी विस्फोट करके बस्तर की हरित धरा को लाल आतंक की छाया में तब्दील किया गया. ये सब माओवादी आंदोलन का असली एवं भयानक चेहरा है. बसवराजू, सुजाता, गणेश उईके, रामचन्द्र रेड्डी, चन्द्रन्ना जैसे बाहरी नक्सली नेताओं की साजिश का शिकार होकर खुद अपने आदिवासी समाज की पैर में कुल्हाड़ी मार रहें हैं. स्थानीय नक्सली कैडरों को ये सब हकीकत को समझाना जरूरी है.

पहचान दिलाने में पुलिस और सुरक्षा बल जुटी: बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि जिस तरीके से पिछले कुछ वर्षों में प्रतिबंधित गैरकानूनी सीपीआई नक्सली संगठन की विकास विरोधी एवं जनविरोधी हरकतों से नक्सली संगठन का जनसमर्थन समाप्त होने की बौखलाहट है. नक्सलियों नेतृत्व में असत्य एवं गुमराह जानकारियों के माध्यम से क्षेत्र की जनता का ध्यान भटकाने का लगातार असफल प्रयास किया जा रहा है. साथ ही पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज द्वारा वनांचल क्षेत्र की जनता को एक नई पहचान दिलाने में पुलिस और सुरक्षा बल कोई कसर नहीं छोड़ रही है.

Last Updated : Apr 17, 2022, 4:57 PM IST
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