अंबिकापुर: ईटीवी भारत ने 17 दिसंबर को एक खबर प्रकाशित की थी, "अंबिकापुर के पहाड़ी कोरवा मजदूर दिल्ली में बनाए गए बंधक, मजदूरों ने वीडियो शेयर कर की ये अपील." इस खबर का असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. मामले में अब प्रशासन हरकत में आ है. जिला कलेक्टर ने मामले में आश्वासन दिया है कि जल्द ही मजदूरों की घर वापसी होगी. साथ ही उनके मेहनताना पर भी बात की जाएगी.
ये है पूरा मामला: दरअसल, अंबिकापुर के मैनपाट क्षेत्र के पहाड़ी कोरवा जाति के एक शख्स ने अपना एक वीडियो बनाकर गांव के ही एक शख्स को भेजा था. इस वीडियो को सोशल मीडिया में वायरल कर दिया गया. वायरल वीडियो में शख्स ने बताया कि वो मजदूर है. उसे पैसों का लालच देकर दिल्ली ले जाया गया. जबरन उनसे काम तो करवाया जा रहा था. हालांकि उनको न तो मेहनताना मिल रहा था. ना ही घर जाने दिया जा रहा था. कई मजदूर दिल्ली में फंसे हुए हैं. सभी गन्ने के खेत में मजदूरी कर रहे हैं.
सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है. जिला प्रशासन की टीम ने बागपत प्रशासन से सम्पर्क किया है. टीम ने वहां के आला अधिकारियों से बात की है. सभी की वापसी की जा रही है. मेहनताना भुगतान के संबंध में भी बात की गई है. जिला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए सभी से सम्पर्क साधा है. एक ही दिन सभी ग्रामीणों की वापसी कराई जा रही है. -कुंदन कुमार, कलेक्टर
सभी मजदूरों की होगी वापसी: इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर प्रकाशित होने के दूसरे ही दिन बाद प्रशासन हरकत में आई. प्रशासन की मुस्तैदी से एक ही दिन में ग्रामीणों की वापसी होगी. ये सभी मैनपाट के रहने वाले हैं. मैनपाट के सुपलगा गांव के लगभग 15 ग्रामीण दिल्ली के पास उत्तरप्रदेश के बागपत जिले में मजदूरी कर रहे हैं. इन ग्रामीणों को घर जाने नहीं दिया जा रहा. साथ ही उन्हें मेहनताना भी नहीं दिए जा रहे.
मामले में जिला कलेक्टर कुंदन कुमार ने तत्काल आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. बताया जा रहा है कि सोमवार देर रात तक सभी बंधक मजदूरों की वापसी हो सकती है.