बलरामपुर: जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के वेयरहाउस में 16 हजार बोरी चावल खराब होने की खबर ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी. जिस पर प्रदेश स्तरीय जांच की जा रही है. वाड्रफनगर विकासखंड की कई शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में खराब चावल हितग्राहियों को दिया जा रहा है. चावल इस कदर खराब है कि अगर हितग्राही उसे खाए, तो बीमार भी पड़ सकते हैं. ग्राम पंचायत ओदारी, बड़कागांव के पीडीएस केंद्रों तक खराब चावल पहुंच भी चुका है.
खराब चावल को खपाकर जांच का दिखावा
आशंका तो यह भी जताई जा रही है कि कहीं विभाग में जिस चावल की जांच चल रही है, उसी को तो लोगों तक नहीं पहुंचाया जा रहा है. अब सवाल यह उठता है कि अगर विभाग खराब चावल लोगों के बीच खपा रहा है, तो वह किसकी शह पर ऐसा कर रहा है और इसकी जांच क्यों नहीं हो रही है.
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एसडीएम और फूड ऑफिसर का ध्यान
इस संबंध में वाड्रफनगर के एसडीएम को फूड ऑफिसर ने घटना की जानकारी देनी चाही, तो उन्होंने फोन भी रिसीव नहीं किया. जिसके बाद उन्होंने जिला स्तरीय अधिकारियों से संपर्क कर घटना की शिकायत कर निदान की पहल करने का आग्रह किया है.
उचित मूल्य की दुकानों के संचालकों का तर्क
शासकीय उचित मूल्य की दुकान के संचालकों से इस संबंध में चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि जितना भी चावल खराब आया है, उसे वापस भेजा जाएगा. फिलहाल हितग्राहियों को खुद से छांटकर चावल दे दिया जा रहा है.
जिला खाद्य अधिकारी का तर्क
इस मामले में जिला खाद्य अधिकारी एस बी कामटे को मीडिया ने जब खराब चावल की फोटो दिखाई, तो उन्होंने स्वीकार किया कि यह चावल बिल्कुल भी खाने योग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द इसकी जांच की जाएगी.