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Shani Pradosh Vrat : इस मनोकामना की पूर्ति के लिए करें शनि प्रदोष व्रत, अद्भुत है इसकी महिमा

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Published : Jun 29, 2023, 6:37 AM IST

1 July 2023 को शनि प्रदोष व्रत है. शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि-प्रदोष कहा जाता है. यह व्रत संतान-सुख व उसके कल्याण के लिए रखा जाता है. आइए जानते हैं क्या है इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त. Shani Pradosh Vrat 1 July 2023 . Pradosh vrat .

Shani Pradosh vrat date muhurta significance
शनि प्रदोष व्रत

शनि प्रदोष व्रत : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शनिवार के दिन प्रदोष व्रत होता है तो उसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है. हर माह में दो प्रदोष व्रत आते हैं. प्रदोष व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. यह संतान-सुख प्राप्ति के लिए किया जाता है. शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, इस बार 1 जुलाई 2023 को शनि प्रदोष व्रत है.

शनि प्रदोष व्रत मुहूर्त : इस दिन भगवान शिव की पूजा करें. संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ करें. भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें और मंत्रोच्चार, आरती और प्रदोष कथा पढ़कर उनकी पूजा करें. भगवान शिव को फल, मिठाई, प्रसाद आदि चढ़ाएं. आषाढ़ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि 1 जुलाई 2023 शनिवार को सुबह से ही शुरू होकर रात 11:7 बजे समाप्त होगी. शाम 07:11 से रात 09:16 बजे तक शिव पूजा का सबसे अच्छा समय है.

शनि प्रदोष व्रत की कथा - अद्भुत है इसकी महिमा
एक शहर में सेठ और सेठानी रहते थे. उसके पास बहुत धन था. नौकर-चाकर तो थे, परंतु उनके कोई संतान नहीं थी. वह हमेशा उदास रहता था और बच्चों को लेकर चिंतित रहता था. अंततः उसने विचार किया कि संसार तो नाशवान है, अत: ईश्वर का भजन, ध्यान तथा तीर्थस्थानों के दर्शन करो. उसने अपना सारा काम अपने वफादार सेवकों को सौंप दिया और तीर्थयात्रा के लिए निकल गया.

एक दिन एक संत गंगा तट पर तपस्या कर रहे थे. सेठ ने सोचा कि तीर्थयात्रा पर जाने से पहले उसे इस संत का आशीर्वाद लेना चाहिए और वह संत के सामने कुटिया में बैठ गया. जब संत की आंख खुली तो उन्होंने उससे उसके आने का कारण पूछा. सेठ दम्पति ने संत को प्रणाम किया. उन्होंने पुत्र प्राप्ति का आशीर्वाद मांगा. तब संत ने कहा, तुम्हें शनि प्रदोष व्रत करना चाहिए और आशुतोष स्वरूप भगवान शिव की प्रार्थना करनी चाहिए.

आपकी मनोकामना जल्द ही पूरी होगी. दंपत्ति ने संत का आशीर्वाद लिया और उन्हें प्रणाम किया और तीर्थयात्रा पर निकल पड़े. इसके बाद जब वह घर वापस आया तो उसने बड़ी श्रद्धा से शनि प्रदोष का व्रत किया और भगवान शिव की पूजा की, जिसके फलस्वरूप सेठ दंपत्ति को एक पुत्र की प्राप्ति हुई. Shani Pradosh 1 July 2023 , 1 July 2023 Shani Pradosh Vrat . Pradosh vrat .

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