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Amit Shah On Naxalism: मानवता के लिए अभिशाप है नक्सलवाद: अमित शाह

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By ANI

Published : Oct 6, 2023, 10:09 AM IST

Updated : Oct 6, 2023, 10:25 AM IST

राष्ट्रीय राजधानी में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) पर एक समीक्षा बैठक सुबह करीब 10.30 बजे शुरू होगी. इसमें बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, झारखंड, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और केरल के मुख्यमंत्रियों, गृह मंत्रियों या उनके प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है.

Amit Shah On Naxalism
अमित शाह की फाईल फोटो. (तस्वीर : एएनआई)

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नक्सलवाद की खत्म करने का सरकार का संकल्प दोहराया. उन्होंने नक्सलवाद को 'मानवता के लिए अभिशाप' करार दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार वामपंथी उग्रवाद चरमपंथ को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकार इसे हर रूप में जिसमें भी यह उग्रवाद को बढ़ावा दे रहा है खत्म करेगी.

  • Naxalism is a curse to humanity and we are resolved to uproot it in all its forms.

    I look forward to chairing the Review Meeting on Left Wing Extremism (LWE) in New Delhi today to further our efforts to fulfil PM @narendramodi Ji’s vision of an LWE-free nation. https://t.co/l3bEtP0Vv3

    — Amit Shah (@AmitShah) October 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

राष्ट्रीय राजधानी में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने से कुछ घंटे पहले शाह ने अपने एक्स पर अपने विचार पोस्ट किये. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद मानवता के लिए एक अभिशाप है. हम इसे इसके सभी रूपों में उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दृष्टिकोण को पूरा करने के हमारे प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए आज नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के लिए उत्सुक हूं. जिसमें हम एक वामपंथी उग्रवाद मुक्त राष्ट्र बनाने के बारे में बात करेंगे.

इस बैठक में वे राज्य शामिल होंगे जिन्हें वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित माना जाता है. बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के शीर्ष अधिकारी और केंद्र और राज्य सरकारों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे.

वामपंथी उग्रवाद कई दशकों से एक महत्वपूर्ण सुरक्षा चुनौती रहा है. हालांकि मुख्य रूप से एक राज्य का विषय है, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने वामपंथी उग्रवाद के खतरे को समग्र रूप से संबोधित करने के लिए 2015 से एक 'राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना' लॉन्च की है. जिसमें प्रगति और स्थिति की सख्ती से निगरानी की जा रही है.

इस नीति की महत्वपूर्ण विशेषताएं हिंसा के प्रति शून्य सहिष्णुता के साथ-साथ विकासात्मक गतिविधियों पर एक बड़ा जोर है. ताकि, विकास का लाभ प्रभावित क्षेत्रों में गरीबों और कमजोर लोगों तक पहुंच सके. जानकारी के मुताबिक, नीति के अनुसार, गृह मंत्रालय सीएपीएफ बटालियनों की तैनाती, हेलीकॉप्टरों और यूएवी के प्रावधान और इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) और विशेष इंडिया रिजर्व बटालियनों की मंजूरी देकर क्षमता निर्माण और सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने में राज्य सरकारों का समर्थन कर रहा है.

राज्य पुलिस के आधुनिकीकरण और प्रशिक्षण के लिए पुलिस बल के आधुनिकीकरण (एमपीएफ), सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना और विशेष बुनियादी ढांचा योजना (एसआईएस) के तहत भी धन उपलब्ध कराया जाता है.

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वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के विकास के लिए, भारत सरकार ने कई विकासात्मक पहल की हैं जिनमें 17,600 किलोमीटर सड़क को मंजूरी देना शामिल है. वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में दूरसंचार कनेक्टिविटी में सुधार के लिए नए मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं. वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में लोगों के वित्तीय समावेशन के लिए कई डाकघर, बैंक शाखाएं, एटीएम और बैंकिंग संवाददाता खोले गए हैं. गृह मंत्रालय ने भी एक बयान जारी कर कहा है कि वामपंथी उग्रवाद के खतरे के खिलाफ लड़ाई अब एक महत्वपूर्ण चरण में है और सरकार जल्द से जल्द इस खतरे को मामूली स्तर तक कम करने को लेकर आशावादी है.

Last Updated :Oct 6, 2023, 10:25 AM IST
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