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Chhattisgarh Liquor Scam: शराब घोटाला की इनसाइड स्टोरी, ईडी ने किया बड़ा खुलासा

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Published : May 16, 2023, 7:57 AM IST

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला में गिरफ्तार चारों आरोपियों को रिमांड पर लेने के बाद ईडी ने बड़ा खुलासा किया है. ईडी ने बताया कि आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी ने अनवर ढेबर के साथ मिलकर 2000 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया. इसके लिए सरकारी शराब दुकानों का इस्तेमाल किया गया. सरकारी शराब दुकानों में बिना हिसाब वाली कच्ची देसी शराब की अवैध बिक्री की गई. जिससे राजकीय कोष को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा.

chhattisgarh liquor scam
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला

रायपुर: छत्तीसगढ़ में हुए कथित 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में गिरफ्तार चार आरोपियों की रिमांड बढ़ा दी गई. 19 मई तक अब वे ईडी की रिमांड पर रहेंगे. इस दौरान ईडी शराब घोटाले में पूछताछ करेगी. चारों आरोपियों मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढिल्लन उर्फ पप्पू ढिल्लन और आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी को जज अजय सिंह राजपूत की विशेष अदालत में पेश किया गया जहां से उनकी रिमांड बढ़ा दी गई. आरोपियों को रिमांड पर लेने के बाद ईडी ने शराब घोटाला में प्रेस नोट जारी कर बड़ा खुलासा किया.

अरुण पति त्रिपाठी ने अनवर के साथ मिलकर किया घोटाला !: ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि अरुण पति त्रिपाठी ने अनवर ढेबर के साथ मिलकर आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार करने के लिए छत्तीसगढ़ की पूरी शराब व्यवस्था को भ्रष्ट कर दिया. अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर पहले से बनी पॉलिसी में बदलाव किए और अनवर ढेबर के सहयोगियों को टेंडर दिया ताकि अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके.

कैसे हुआ शराब घोटाला: छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के एक वरिष्ठ अधिकारी और आईटीएस अधिकारी होने के बावजूद एपी त्रिपाठी आबकारी विभाग में कामकाज के लोकाचार के खिलाफ गए और बेहिसाब कच्ची शराब बेचने के लिए राज्य में संचालित शराब दुकानों का इस्तेमाल किया. सरकारी शराब दुकानों में बिना हिसाब वाली कच्ची देसी शराब की बिक्री की गई. यह अवैध शराब सरकारी शराब दुकानों से ही बेची जा रही थी. इस मामले में 1 रुपए भी राजकोष में नहीं पहुंचा. बिक्री की सारी राशि सिंडिकेट द्वारा अपने जेब में डाली गई. शराब के प्रत्येक मामले में डिस्टिलर्स से रिश्वत वसूली गई. ताकि उन्हें कार्टेल बनाया जा सके और इसमें सभी में कमीशन की हिस्सेदारी रखी गई.

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ईडी ने बताया कि एपी त्रिपाठी और अनवर ढेबर की मिलीभगत से छत्तीसगढ़ राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ. शराब सिंडिकेट के जुड़े लोगों की जेब 2000 करोड़ से ज्यादा की अवैध आय से भर गई. लूट में एपी त्रिपाठी को भी अच्छा खासा हिस्सा मिला है. इसी अवैध आय से कारोबारी अनवर ढेबर ने ज्वाइंट वेंचर के नाम पर नवा रायपुर में 53 एकड़ की जमीन खरीदी. इस जमीन की कीमत 21.60 करोड़ रुपए बताई जा रही है. जो अवैध कमाई से खरीदी गई है. अनवर ढेबर ने यह संपत्ति FL-10A लाइसेंसधारी से अर्जित अवैध आय को रूट करके एक सहयोगी के माध्यम से खरीदी. हाल की तलाशी कार्यवाई के दौरान 20 लाख रुपये की नकदी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं.

शराब घोटाले में अब तक की कार्रवाई: 6 मई को रायपुर के होटल ग्रैंड इंपीरिया से अनवर ढेबर की गिरफ्तार हुई. अनवर से पूछताछ के दौरान ईडी ने शराब घोटाला में 11 मई को भिलाई के होटल व शराब कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन उर्फ पप्पू ढिल्लन को गिरफ्तार किया. इस घोटाले में नितेश पुरोहित को भी गिरफ्तार किया गया. हवाला के जरिए लेनदेन में पुरोहित की भूमिका थी.

12 मई को ईडी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी को गिरफ्तार कर स्पेशल कोर्ट में पेश किया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने त्रिपाठी की 14 दिन की रिमांड मांगी थी. लेकिन जज अजय सिंह राजपूत ने सिर्फ 3 दिन के ईडी रिमांड पर भेजा. ईडी का आरोप है कि त्रिपाठी ने शराब कारोबार से की गई अवैध कमाई को ठिकाने लगाया है.

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