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भाजपा ने गांधी परिवार से अमेठी को हमेशा के लिए छीनने की बनाई योजना!

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Published : Dec 4, 2021, 7:14 PM IST

सालों तक गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले उत्तर प्रदेश के अमेठी निर्वाचन क्षेत्र को अब भारतीय जनता पार्टी अपना गढ़ बनाने के प्रयास में है. यूं कहें कि पार्टी गांधी परिवार को दोबारा यहां लंबे समय तक लौटने नहीं देना चाहती. हालांकि राहुल गांधी ने भी अमेठी में कई परियोजनाओं की शुरुआत की थी लेकिन वह बहुत ज्यादा गति नहीं पकड़ पाई लेकिन अब अमेठी को जल्द ही केंद्र सरकार हथियार की फैक्ट्रियों का महत्वपूर्ण छेत्र बनाने जा रही है. यानी कि अमेठी के मतदाताओं के लिए रोजगार और विकास की ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है. पढ़िए ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट...

BJP and Congress flag
भाजपा और कांग्रेस का ध्वज (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट सालों से हाई प्रोफाइल सीट मानी जाती रही है और खास तौर पर गांधी परिवार का गढ़ माना जाता रहा है लेकिन भाजपा ने उस पर सेंध तो पहले ही लगा दी थी मगर अब उसे बीजेपी स्थाई तौर पर या यूं कहें, की लंबे समय तक बीजेपी का गढ़ बनाने की कोशिश में है. यही वजह है कि भारत में रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है और इसके लिए चुनाव किया गया है उत्तर प्रदेश के वीआईपी लोकसभा अमेठी का.

सरकार जल्द ही हथियारों की फैक्ट्री का हब उत्तर प्रदेश के अमेठी को बनाने जा रही है, जहां पांच लाख से ज्यादा ak-203 राइफल तैयार होंगी. देखा जाए तो उत्तर प्रदेश के किसी भी शहर में इस फैक्ट्री को लगाने के लिए चुनाव किया जा सकता था लेकिन सूत्रों की माने तो सरकार और खुद पार्टी के वरिष्ठ नेता चाहते थे के अमेठी को विकास योजनाओं से सीधे-सीधे जोड़ा जाए और इसे हमेशा के लिए गांधी परिवार के गढ़ से बीजेपी के गढ़ में परिवर्तित कर दिया जाए.

इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए भारत ने रक्षा निर्माण में एक बड़ा कदम उठाया है सरकार ने अमेठी के कोरवा में 5 लाख से ज्यादा ak-203 असाल्ट राइफल के उत्पादन की योजना को मंजूरी दे दी है. यह मेक इन इंडिया योजना के तहत किया गया है.

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हालांकि यह प्रयास रूस के साथ अनुबंध के आधार पर साझेदारी में किया जाएगा. लेकिन यह परियोजना एमएसएमई और अन्य रक्षा उद्योगों को कच्चे माल और बाकी सामानों की पूर्ति के लिए व्यवसायिक अवसर प्रदान करेगी, जिससे इस क्षेत्र में रोजगार के भी वृहद अवसर पैदा होने की संभावना है. साथ ही उत्तर प्रदेश को भारत के रक्षा निर्माण में एक प्रमुख योगदान वाला राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी होगा.

चुनाव से ठीक पहले इस योजना को मंजूरी मिलने के कई मायने निकाले जा रहे हैं. वहीं विपक्षी पार्टियों का आरोप है की यह चुनाव को देखते हुए किया गया फैसला है और सरकार अब सारे निर्णय चुनाव को ध्यान में रखते हुए कर रही है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल से बात की. इस पर उन्होंने कहा कि अमेठी एक ऐसा निर्वाचन क्षेत्र था जहां गांधी परिवार के लोग बरसों से चुनाव लड़ते आ रहे थे बावजूद यह विकास योजनाओं से कहीं पिछड़ा हुआ क्षेत्र रह गया था. उन्होंने कहा कि जिस तरह की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट अमेठी मानी जाती रही है, यदि देखा जाए तो अभी तक अमेठी की दशा और दिशा बदल जानी चाहिए थी.

उन्होंने कहा कि लेकिन दुर्भाग्यवश गांधी परिवार वहां तभी जाता था जब चुनाव नजदीक आते हैं और यही वजह है कि वहां की जनता ने राहुल गांधी को वहां से वायनाड का रास्ता दिखा दिया. इस सवाल पर कि क्या अब अमेठी गांधी परिवार के गढ़ से बीजेपी के गढ़ की तरफ बढ़ रहा है. उनका कहना था कि गांधी परिवार का गढ़ वह, कभी था ही नहीं बल्कि कांग्रेस सरकार दावा करती थी, जबकि राहुल गांधी वहां से सांसद भी थे तब भी वहां की विधानसभा सीट पर कांग्रेस कई बार हार का सामना कर चुकी थी इसलिए इससे गढ़ माना जाना सही नहीं है.

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उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक पार्टी के बड़े नेता हैं और जिस हिसाब से वहां का विकास होना चाहिए था उन्होंने कुछ भी नहीं किया. यही वजह है कि जनता ने उन्हें नकार कर स्मृति ईरानी को चुना है क्योंकि वह एक जुझारू और काम करने वाली नेत्री हैं.

वहीं इस पर राजनीतिक विश्लेषक देश रतन निगम का कहना है कि यह परियोजना अपने आप में उत्तर प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देती है. उन्होंने कहा कि इससे चुनाव से जोड़कर देखना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि आंकड़े देखे जाएं तो जब से उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आई है या देश में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है तभी से लगातार उत्तर प्रदेश में कई बड़ी परियोजनाओं का सूत्रपात हुआ है. चाहे वह सड़क परियोजना हो,अस्पतालों की हो, या फिर मंदिरों की हो या रोजगार के अवसर पैदा करने की हो इसीलिए विपक्ष चाहे इसे कुछ भी नाम दे यह अपने आप में बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश छवि पहले से बनी हुई थी, क्योंकि वहां जब वहां सपा-बसपा का शासन रहा तब तक उसे एक पिछड़ा प्रदेश के रूप में देखा जाता रहा. लेकिन रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए ak-203 असाल्ट राइफल के उत्पादन से यहां रोजगार में काफी बढ़ोतरी होगी. इससे ना सिर्फ अमेठी के लोग बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए रोजगार का सृजन होगा और यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला है. ऐसी परियोजनाओं से विपक्षी पार्टियों को भी खुश होना चाहिए.

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