Prashant Kishor : 'नीतीश कुमार की शिक्षा व्यवस्था के कार्यकाल को सबसे बड़ा काला अध्याय माना जाएगा'
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वैशाली : नीतीश सरकार ने शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव किया है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और समय पर भर्ती प्रक्रिया पूरी हो इसके लिए व्यवस्था में बदलाव किया गया है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है. बिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भी बिहार शिक्षा के मामले में निचले पायदान पर है प्रश्न पत्र लीक ने भी बिहार की छवि को खराब करने का काम किया है. हाजीपुर में प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में शिक्षकों की गुणवत्ता शिक्षा व्यवस्था का ध्वस्त होने का सबसे बड़ा कारण है. मेरा मानना है कि यह पूरे तरीके से सच नहीं है. शिक्षा व्यवस्था का बिहार में खराब होने का सबसे बड़ा कारण है सरकार की उदासीनता और शिक्षा को लेकर सरकार की गलत नीति. सरकार ने हर गांव में स्कूल बनाने की योजना बना दी. इस बात की बिना चिंता किए कि सरकार के पास स्कूल चलाने के लिए संसाधन है या नहीं. आज समाज में स्कूलों के लिए अवधारणा बन गई है कि स्कूल खिचड़ी बांटने के सेंटर है, इससे ज्यादा कुछ नहीं. बिहार में शिक्षा व्यवस्था के लिए मैं यही कहूंगा कि स्कूलों में खिचड़ी बंट रही है, और कॉलेजों से डिग्री बंट रही है. पढ़ाई दोनों में से कहीं नहीं हो रही है. मुझे ऐसा लगता है कि जब बिहार का इतिहास लिखा जाएगा तब नीतीश कुमार की शिक्षा व्यवस्था के कार्यकाल को सबसे बड़ा काला अध्याय माना जाएगा.