जीतनराम मांझी फिर बोले- शराबबंदी कानून में कई खामियां, बदलाव की है जरूरत

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Published : Dec 15, 2021, 6:47 PM IST

Updated : Dec 16, 2021, 9:38 PM IST

जीतनराम मांझी

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने एक बार फिर शराबबंदी कानून में बदलाव की मांग की है. उनका कहना है कि शराबंदी कानून में कई खामियां हैं. इसमें बदलाव कर इस खामियों को दूर किया जाना चाहिए.

बगहा: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) को लेकर राज्य सरकार रुख के विपरीत बयान देते रहे हैं. एक बार फिर उन्होंने शराबबंदी कानून (Manjhi On Liquor Ban) में बदलाव की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने शिक्षा नीति में भी बदवाल की जरुरत बतायी.

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आदिवासियों द्वारा आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि सरकार को शराबबंदी कानून और वर्तमान शिक्षा नीति में बदलाव करने की जरूरत है. पूरे देश मे प्राइवेट स्कूल बंद होने चाहिए और विदेशों की तर्ज पर कॉमन स्कूलिंग सिस्टम लागू होना चाहिए. साथ ही शराबबंदी कानून के तहत कम मात्रा में शराब का सेवन करने वाले गरीबों को जेल नहीं भेजना चाहिए.

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी

हम पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक इंडो-नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकिनगर में गुरुवार को है. इसको लेकर हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी समेत एससी/एसटी कल्याण विभाग के मंत्री सन्तोष कुमार सुमन व पार्टी के अन्य कार्यकर्ता बगहा पहुंचे हैं. यहां हरनाटांड़ में थरुहट कल्याण महासभा में एक सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया.

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इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वे शराबबंदी कानून के पक्षधर हैं लेकिन इस कानून में कई खामियां हैं. इनको दूर किया जाना चाहिए. जीतनराम मांझी ने कहा कि आदिवासियों द्वारा उनके कूल देवता की पूजा में शराब चढ़ाने की परंपरा है. ऐसे में शराबबंदी कानून कहां से सफल हो पाएगा. शराबबंदी कानून पर उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि इसमें संशोधन की जरूरत है ताकि कम मात्रा में शराब पीने वाले जेल न जाएं.

उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े आईएएस अधिकारी यहां तक कि जज भी शराब पीते हैं लेकिन 10 बजे के बाद. इसी तरह आम लोगों के लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए कि वह शराब का सेवन करें लेकिन पीकर सड़कों पर घूमें तब सजा का प्रावधान हो. नहीं तो पुलिस पौवा भर शराब पीने वालों को भी जेल भेज दे रही है. यह गलत है.

जीतन राम मांझी ने देश की शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हए कहा कि इसमें बदलाव की जरूरत है. बाबा साहेब ने जिस समान शिक्षा नीति की बात की थी, वह देखने को नहीं मिलती. सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर इतना खराब है कि वहां से पढ़कर विरला ही कोई अच्छे पद पर पहुंचता है. ऐसे में प्राइवेट स्कूलों को बंद कर सरकारी स्कूलों में कॉमन स्कूलिंग सिस्टम लाना चाहिए.

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Last Updated :Dec 16, 2021, 9:38 PM IST
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